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October 18, 2024

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योगी सरकार के छल कपट का बदला उप चुनाव में चुकायेगा कश्यप निषाद समाज

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Kashyap Nishad society will repay the fraud of Yogi government in the by-election  

निषाद समाज के साथ भाजपा कर रही सामाजिक-राजनीतिक अन्याय-लौटन राम निषाद
लखनऊ। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव ने भाजपा सरकार पर कश्यप- निषाद समाज की जातियों के साथ सामाजिक व राजनीतिक अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा कि विधान सभा उप चुनाव में कश्यप- निषाद समाज योगी सरकार के छल- कपट,झूठ-फरेब व धोखाधड़ी का बदला चुकायेगा। योगी सरकार ने 17 अतिपिछड़ी जातियों के आरक्षण मुद्दे पर शासनादेश 24 जून 2019 को जारी कर निषाद समाज के साथ बहुत बड़ा धोखापूर्ण राजनीति करते हुए अपने ही पार्टी के कार्यकर्ता गोरख प्रसाद द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्ड पीठ में याचिका योजित कराकर 17 सितम्बर 2019 को स्थगित करा दिया।

Kashyap Nishad society will repay the fraud of Yogi government in the by-election  

इसमें भाजपा व योगी की साजिश रही है। निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार ने 5 अप्रैल को महाराजा निषाद राज व महर्षि कश्यप की जयन्ती के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, जिसे एक महीने के अन्दर ही योगी सरकार ने रद्द कर दिया। लोहिया आवास पैटर्न पर सपा सरकार ने मछुआ आवास योजना की धनराशि 3.05 लाख किया था। जिसे भाजपा सरकार ने समाप्त कर गरीब मछुआरा समाज की जातियों के साथ घोर सामाजिक अन्याय किया है। मत्स्य पालन, बालू, मौरंग खनन आदि निषाद मछुआरा समुदाय का परम्परागत पुश्तैनी पेशा रहा है। ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू कर योगी सरकार ने निषाद समाज से बालू मौरंग खनन पट्टा का अधिकार छीन कर सामन्ती पूंजीपतियों के हाथों निलाम कर पुश्तैनी पेशेवर जातियों को बेकारी की स्थिति में पहुॅचा दिया है। निषाद ने कहा कि 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त व अनुदानित मेडिकल, डेण्टल व इंजीनियरिंग कालेजों में अनुसूचित जाति/जनजाति को 22.5 प्रतिशत व अन्य पिछडेवर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण कोटा दिया था। जिसे मुख्यमंत्री बनने के 15 दिन के अन्दर ही योगी सरकार ने रद्द कर दिया। वर्तमान में पिछड़े-दलित वर्ग की शिक्षा बाधित करने के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति व छात्रवृत्ति वितरण में सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है। यहीं नहीं पूर्व सरकार द्वारा एस0सी0 व एस0टी0 वर्ग के विद्यार्थी का प्रवेश जीरो बैलेन्स(नि:शुल्क) पर करने का नियम बनाया था। जिसे सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास की बात करने वाली भाजपा द्वारा खत्म कर दिया गया है।जो दलित विद्यार्थियों के साथ घोर अन्याय है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने 22 व 31 दिसम्बर 2016 को अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में परिभाषित करने का शासनादेश किया था। 17 अतिपिछड़ी निषाद, मल्लाह, केवट, मांझी, बिन्द, मछुआ, धीवर, धीमर, कहार, बाथम, रायकवार, गोड़िया, भर, राजभर, कुम्हार, प्रजापति आदि मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार, पासी, तड़माली व शिल्पकार की पर्यायवाची जातियां उपजातियां व वंशानुगत नाम है। राज्य सरकार अनुसूचित जाति की सूची का स्पष्टीकरण तो कर सकती है,विशेषीकृत/स्पेशीफाईड नहीं कर सकती। अखिलेश यादव की सरकार ने इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल जातियों के साथ परिभाषित/क्लीयरीफाईड किया था। योगी सरकार ने स्पेशिफाईड करने का शासनादेश जारी कर अनुच्छेद-341 का उल्लंघन कर दिया, जिसके कारण न्यायालय से स्टे हो गया। इसमें योगी सरकार की बड़ी साजिश रही है। निषाद समाज की जातियों की संख्या 12.91 प्रतिशत है। लेकिन इस समाज का राजनीतिक अपमान करते हुए भाजपा ने तीसरी बार चुनाव जीते जय प्रकाश निषाद को राज्यमंत्री बनाकर निषाद समाज का राजनीतिक अपमान किया है। विधान सभा उप चुनाव में निषाद समाज भाजपा से अपने सामाजिक व राजनीतिक अन्याय व अपमान का बदला चुकाने के लिए समाजवादी पार्टी को जिताने के अभियान में जुटेगा।घोषी,जैदपुर,बलहा,गंगोह,मानिकपुर,प्रतापगढ़, रामपुर,जलालपुर,इगलास में निषाद, कश्यप,राजभर,प्रजापति समाज भाजपा को हराने में पूरी तरह निर्णायक है।उन्होंने इन क्षेत्रों के कश्यप-निषाद,राजभर, प्रजापति समाज का आह्वान किया है कि उनके गांव में इन जातियों का कोई भाजपाई चौकीदार जाए तो उसका स्वागत जूते चप्पल से करें।

 

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