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October 17, 2024

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आसानी से जीएसटी कर प्रणाली अपनाने आवश्यक सुधार जरूरी: अग्रवाल

Kat congratulates Finance Minister

जीएसटी के दो वर्ष पूरे होने की सफलता पर कैट ने वित्त मंत्री को दी बधाई
राउरकेला। जीएसटी के देश में लागू होने के दो वर्ष सफलतापूर्वक संपन्न होने पर कॉन्फेडरेशन आॅफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निमर्ला सीतारमन को बधाई देते हुए कहा की जीएसटी के अंतर्गत कर का दायरा बढ़ाने, जीएसटी का और अधिक सरलीकरण किये जाने, विभिन्न टैक्स स्लैब में वर्णित वस्तुओं की एक बार पुन : समीक्षा , 28 % प्रतिशत के स्लैब में विलासिता की वस्तुओं के अलावा सभी अन्य वस्तुओं को अन्य टैक्स स्लैब में डालने जैसे अन्य अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार और जीएसटी कॉउन्सिल को काम करना जरूरी है, जिससे देश का आम व्यापारी भी आसानी से जीएसटी कर प्रणाली की पालना कर सके।

Kat congratulates Finance Minister

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ब्रिज मोहन अग्रवाल एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री सुधाकर पंडा ने भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने करने के लिए पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के योगदान की सराहना करते हुए कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं श्री अरुण जेटली की मजबूत इच्छाशक्ति से ही भारत में जीएसटी कर प्रणाली लागू हो पाई है और देश के व्यापारियों ने इसमें सरकार का खुलकर साथ दिया है जिसके चलते जीएसटी के अंतर्गत अब तक 1 करोड़ 35 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं जिसमें से लगभग 17 ।74 लाख व्यापारियों ने कम्पोजीशन स्कीम का लाभ उठाया है और जीएसटी का कर संग्रह प्रति महीने 1 लाख करोड़ रूपए से ऊपर का हो रहा है। देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं और यदि जीएसटी का सरलीकरण हो जाता है तो बड़ी मात्रा में जीएसटी का कर दायरा बढ़ेगा और सरकार को राजस्व मिलेगा।श्री अग्रवाल एवं श्री पंडा ने श्रीमती सीतारमन से आग्रह करते हुए कहा की जीएसटी में रिटर्न फॉर्म का सरलीकरण किया जाना बहुत जरूरी है वहीँ दूसरी ओर प्रति माह की जगह हर तिमाही पर। रिटर्न दाखिल किये जाने की भी आवश्यकता है।उन्होंने यह भी कहा की 28 प्रतिशत कर स्लैब में से अनेक वस्तएं जिसमें आॅटो पार्ट्स, सीमेंट, मार्बल, पेंट आदि को अन्य काम कर स्लैब में डाला जाए और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को केवल विलासिता की वस्तुओं तक ही सीमित रखा जाए । वहीं एल्युमीनियम के बर्तन, हाथ से बनने वाले लांड्री साबुन , आइस क्रीम आदि को काम कर स्लैब में रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा की व्यापारियों का रिफंड विभाग से तुरंत दिया जाना बेहद जरूरी है जिससे व्यापारियों का पैसा विभाग पर न अटके ।श्री अग्रवाल एवं श्री पंडा ने कहा की वार्षिक रिटर्न भरने के फॉर्म का सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है क्योंकि इस फार्म में जो विवरण माँगा गया है वो पहले कभी नहीं मागा गया और इसीलिए किसी भी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में इनका कोई प्रावधान नहीं है और व्यापारियों का इस फार्म को भरना लगभग असंभव है।अभी तक जीएसटी में रिटर्न को रिवाइज करने का कोई प्रावधान नहीं है जबकि ऐसा प्रावधान किया जाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा की क्योंकि यह कर प्रणाली एक नई कर प्रणाली थी इसलिए अब तक विभाग ने जो भी रूपया ब्याज, लेट फी , पेनल्टी आदि द्वारा लिया गया है वो व्यापारियों को वापिस किया जाए , जो व्यापारी अब तक किसी भी कारण सड़े इनपुट क्रेडिट नहीं ले सके हैं उन्हें एक बार इनपुट क्रेडिट लेने का मौका दिया जाए !जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 10 करोड़ से कम है उनको आॅडिट, एनुअल रिटर्न दाखिल करने से 2  वर्ष तक के लिए मुक्त किया जाए ।उन्होंने ने यह भी आग्रह किया है की जीएसटी कॉउन्सिल में व्यापारियों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए इससे निश्चित रूप से जहाँ नियमों को सरल कराने में सुविधा होगी, वहीं सरकार को भी राजस्व बढ़ाने में व्यापारियों की मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा की जीएसटी लोकपाल  का गठन किया जाए और देश भर में सभी जिला स्तरों पर जीएसटी सलाहकार समिति का गठन किया जाए जिसमें अधिकारियों के अलावा व्यापारियों का भी प्रतिनिधित्व हो।

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