लौटनराम निषाद बने पिछड़ा दलित विकास महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय ओबीसी महासभा के प्रवक्ता
1 min read- निषाद को मिली नई जिम्मेदारी,समर्थकों ने किया स्वागत
समाजवादी पार्टी पिछड़ावर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने पर पिछडों,दलितों व अल्पसंख्यकों में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ था।लोगों ने नेतृत्व के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कठोर शब्दों में निंदा की थी।पिछड़ा दलित विकास महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ददन सिंह यादव ने चौ.लौटनराम निषाद को राष्ट्रीय महासचिव नामित किये हैं,तो राष्ट्रीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एकेश लोधी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी दिया है।
चौधरी लौटनराम निषाद को सामाजिक संगठनों में राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता की नई जिम्मेदारी मिलने पर समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया है।निषाद ने कहा है कि हमें सामाजिक संगठनों ने जो जिम्मेदारी सौंपा है,उँखे उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास करूंगा।भाजपा सरकार द्वारा संवैधानिक संस्थाओं को निष्प्रभावी किया जा रहा है।पिछडों के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात किया जा रहा है।संवैधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है।संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) को महत्वहीन बनाया जा रहा है।लेटरल इंट्री(पार्श्व भर्ती) के द्वारा बिना प्रतियोगी परीक्षा के कॉरपोरेट घराने व निजी क्षेत्रों के लोगों को सीधे केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों में संयुक्त सचिव(जॉइंट सेक्रेटरी) व निदेशक(डाइरेक्टर) बनाया जा रहा है।
संघ लोक सेवा आयोग की कठिन प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर 16 वर्षों तक आईएएस की नौकरी करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को यह पद मिलता है।उन्होंने कहा कि लेटरल इंट्री के माध्यम से संघ के लोगों को पदस्थापित करने का षडयंत्र हो रहा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से सेन्सस-2021 मि जातिवार जनगणना कराने,मण्डल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने,अनुच्छेद-312 के अनुसार राष्ट्रीय न्यायिक सेवा आयोग का गठम करने,एससी/एसटी की तरह ओबीसी को सभी स्तरों पर समानुपातिक आरक्षण कोटा देने की मांग की।कहा कि जब किन्नरों की गणना होती है,डॉल्फिन, मगरमच्छ, घड़ियाल,कछुआ व पेड़ों की गणना कराई जाती है तो अगड़ों व पिछडों की क्यों नहीं?