लेह-लद्दाख… चीन और भारत के बीच टकराव बढ़ा, भारत की फोर्सेज तैनात
New delhi
पूर्वी लद्दाख से सटे बॉर्डर पर चीन पीछे हटने को तैयार नहीं। एक के बाद दूसरे और तीसरे राउंड की बातचीत में भी चीन शांति की भाषा नहीं समझ रहा। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी तनातनी के बीच दूसरे मोर्चों पर भी चीन और भारत के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है । अब केंद्र सरकार चीनी कंपनियों को देश में चल रहे हाईवे प्रोजेक्ट से बाहर करने या उनकी दावेदारों को रोकने की तैयारी में है । चीन को अब अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार लगातार तगड़ी चोट देने के मूड में लग रही है । इसी बीच ट्विटर की तरह चीन में प्रचलित सोशल मीडिया एकाउंट वीबो पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रोफाइल बुधवार को पूरी तरह से ब्लैंक हो गया और उनके इस हैंडल से फोटो, पोस्ट्स और कमेंट्स हटा दी गई है।

एएनआई न्यूज एजेंसी का दावा है कि चीनी एप पर बैन के बाद खुद प्रधानमंत्री ने अपने वीबो एकाउंट को बंद कर दिया है । उसने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है। जनरल नरवणे एक हफ्ते पहले भी लेह-लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन ने जिस तरह से आक्रामक रुख अपनाया है, उसे देखते हुए पूर्वी लद्दाख में सुरक्षा के ताजा हालात क्या हैं, राजनाथ इसका जायजा लेंगे। भारत ने भी उसी लेवल पर फोर्सेज तैनात की हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का फौरन मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके। तैयारियां परखने के लिए शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लेह जा रहे हैं। उनके साथ आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी होंगे। वह आर्मी चीफ की पिछले दौरे की तरह लद्दाख में कई फारवर्ड पोस्ट्स पर जा सकते हैं।रक्षा मंत्री का यह दौरा चीन के लिए साफ संदेश होगा। चीन का कोई भी बड़ा सैन्य अधिकारी हेडक्वार्टर से निकलकर जिनझियांग में नहीं आया है। न ही उनके किसी मंत्री ने सैनिकों की सुधि ली है। जबकि भारत की तरफ से एयरफोर्स चीफ और आर्मी चीफ जवानों के बीच जाकर उनका हौसला बढ़ा चुके हैं। अब रक्षा मंत्री का वहां जाना जवानों के हौसले को और मजबूत करेगा। राजनाथ सिंह भी फारवर्ड पोस्ट्स पा जाकर सैनिकों से मुलाकात कर सकते हैं।
