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November 20, 2024

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शिक्षानुष्ठान के नजदीक शराब दुकान बहुत घातक है : प्रधानाचार्य

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  • सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के पास शराब दुकान, लोग हुए हलाकान 
  • सुसुश्री पात्र, अंगुल

अनुगुल । जिले के तालचेर ब्लाक अंतर्गत ” डेरा ” स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, आंबमुंडा के निकट शराब की दुकान को लेकर लोगों में रोष की वातावरण छाया हुआ है। पता चला है कि विद्यालय के पास शराब दुकान जिसका लाइसेंस नंबर 06/2021/2022,डेरा चौक एवं लाइसेंस होल्डर का नाम ” मुकुल कुमार ” साइन बोर्ड पर लिखा गया है । चौंकाने वाला बात है कि लाइसेंस डेराचौक के लिए दिया गया है लेकिन स्कूल के पास शराब की दुकान गैर कानूनी ढंग से खुलना कितना जायज है ? सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अभिमन्यु बारीक जी का कहना है कि शिक्षा अनुष्ठान के नजदीक नशीली पदार्थ एवं शराब दुकान बहुत घातक है।

विद्यालयों को विद्यार्थी एवं अभिभावकों का आना जाना तथा शिशु मंदिर के गुरु मां तथा अन्य महिलाओं को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है साथ में एक एजुकेशन सर्किल को बेहद हानि पहुंच रहा है एवं दिन-ब-दिन माहौल खराब हो रहा है l जिसका बुरा असर छोटे छोटे नन्हे बच्चे विद्यार्थियों में पड रहा है । शराबियों का उत्पात इस कदर बढ़ रहा है कि मार्ग पर आना जाना मुश्किल होते हुए लोग काफी हलाकान हो रहे हैं l जानकारों का कहना है कि आबकारी गाइडलाइन तथा कानून के मुताबिक विद्यालय के 500 मीटर की दूरी के अंदर तथा सरकारी जमीन / एमसीएल जमीन के ऊपर शराब की दुकानें नहीं होना प्रावधान रहा है l लेकिन सूचना अधिकार कानून २००५ से पता चला है कि इस शराब की दुकान “डेरा मार्केट “के अंदर खोलने के लिए वेंडर की और से प्रयास जारी है एवं सबसे चौंकाने वाला बात है कि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के कुछ अफसर एवं यूनियन लीडर की मिलीभगत से ओड़ीसा सरकार अबकारी गाइडलाइन को अनदेखी करते हुए एनओसी प्रदान किए हैं । आबकारी अधिकारियों का कहना है कि एमसीएल की जमीन सरकारी नहीं है। इस विषय को लेकर अंचल में चर्चे की बात बनी हुई है।

स्थानीय प्रशासन एवं सरकार की ओर से मामले की उच्च स्तर जांच होना चाहिए। आम आदमियों का कहना है कि शराब खरीदने पर ग्राहकों को बिल नहीं दिया जाता है। शराब दुकान जमीन के कागजात एवं सरकार के साथ हुए एग्रीमेंट का जांच होनी चहिए। विषय पर शराब दुकान की मैनेजर रवि कुमार का कहना है कि सब कुछ ठीक-ठाक चल रही है पहले से शराब की दुकान यहां था एवं बाद में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर बनाया गया है। बुद्धिजीवियों का मांग है कि कानून के मुताबिक जांच होते हुए सरकारी जमीन पर शराब की दुकानें खोलने के लिए इजाजत नहीं दिया जाए तो सभी के लिए स्वस्थ वातावरण रहेगा ।