सुपेबेड़ा पीड़ितों को राहत पहुँचाना सरकार का लक्ष्य, स्थानीय विधायक का बयान राजनीति से प्रेरित : संजय नेताम
मैनपुर। पूरे प्रदेश में बहुचर्चित किडनी की बीमारी से ग्रसित गरियाबंद जिलान्तर्गत देवभोग के सुपेबेड़ा के संबंध में बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी द्वारा दिए गए वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता व बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक प्रत्याशी रहे संजय नेताम ने कहा कि सुपेबेड़ा के किडनी पीड़ितों को राहत पहुंचाना सरकार का लक्ष्य है और इसमें प्राथमिकताएं तय कर सरकार संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। इस पर स्थानीय विधायक डमरूधर पुजारी का बयान पूर्णतः राजनीति से प्रेरित है।
उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल में सुपेबेड़ावासियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति भी नहीं कि जा सकी जबकि कांग्रेस सरकार अब ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मुहैया कराने वृहद पेयजल योजना के लिए निविदा जारी करने जा रही है जिससे सुपेबेड़ा वासियों को हैवी मेटलयुक्त पानी से छुटकारा मिलेगा इसके अलावा सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने सुपेबेड़ा उप स्वास्थ्य केन्द्र का उन्नयन कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने के साथ साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती कर रही है जिससे निश्चित तौर पर किडनी रोगियों को राहत मिलेगी। साथ ही प्रत्येक माह एम्स हॉस्पिटल से विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम नियमित जांच के लिए सुपेबेड़ा में उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। सुपेबेड़ा में 70 से अधिक मौतों के लिए भाजपा सरकार में बरती गई लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुये संजय नेताम ने कहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में कांग्रेस सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है, स्थानीय विधायक द्वारा इस मामले में की जा रही राजनीति पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा है कि आज सबसे बड़ा काम भाजपा सरकार के समय स्वास्थ्य सेवा तंत्र में और सरकार में भरोसा खो बैठे लोगों के विश्वास की बहाली है, जिसके लिये लगातार काम हो रहा है, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय उच्च स्तर पर अधूरी सुविधा का खामियाजा अब भी सुपेबेड़ा के लोग भुगत रहे हैं। तत्कालीन समय में जिम्मेदार लोग वादा कर के जाते थे कि डीकेएस अस्पताल में सुपेबेड़ा वार्ड बनेगा,वहां जाने पर किडनी मरीजों के साथ सौतेला व्यवहार होता था जिसके कारण सरकारी तंत्र से लोगों का भरोसा उठ गया और मरीजों ने राजधानी के उपचार से दूरी बना ली थी जो अब भी जारी है।इसी तरह संजीवनी के तहत उपचार कराने का झांसा देकर आधे से ज्यादा लोगों का संजीवनी फार्म भरवाया गया किंतु रिकार्ड बता रहा है केवल 10 लोगो का उपचार इस मद से हुआ, फ़िर किस लिए उस फार्म को लाया गया यह जांच का विषय है।उक्त गंभीर समस्या को लेकर स्थानीय विधायक गंभीर नहीं है यदि उन्हें सुपेबेड़ावासियों की चिंता रहती तो वे उनके चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि के लिए प्रयास करते किंतु कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री किडनी रोगियों से मिलने सुपेबेड़ा आते हैं तब स्थानीय विधायक डमरूधर पुजारी नदारद रहते हैं।