कोरोना की आड़ में ‘सेवा सप्ताह’ पर मरकाम की टिप्पणी महज़ राजनीतिक कुंठा की अभिव्यक्ति : भाजपा
1 min read- छत्तीसगढ़ की तुलना न्यूज़ीलैंड से करके इठलाती सरकार ने प्रदेश को कोरोना के मामले में सबसे बदतर हालत में पहुँचा दिया है
- याद दिलाया, कब-कब कांग्रेस ने कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ाईं और पूछा- मरकाम के मुँह में तब दही क्यों जम गया था?
- हरेली-तीजा-पोला और अपने जन्मदिन का जश्न सीएम हाउस में मनाते बघेल कौन-सी संवेदनशीलता का परिचय दे रहे थे?
- लॉकडाउन से लेकर आज तक भाजपा ने कोरोना प्रोटोकाल का पालन कर सारे कार्यक्रम रखे और लोगों से संपर्क रखा : संजय
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा कोरोना काल की आड़ लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सेवा सप्ताह के कार्यक्रम पर की गई टिप्पणी पर तीखा पलटवार कर इसे महज़ राजनीतिक कुंठा की अभिव्यक्ति निरूपित किया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि ख़ुद शीशे के घर में रहकर दूसरों के घरों पर पत्थर उछालना कांग्रेस की बुरी लतों में शुमार है। जिनकी अपने घर में कोई सुनने वाला नहीं होता, वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम की तरह दूसरों के मामलों में टीका-टिप्पणी से कुंठा का प्रदर्शन कर अपनी जग हँसाई कराते हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि वैचारिक दरिद्रता के दौर से गुज़र रही वामपंथ-पोषित कांग्रेस अब भाजपा को यह ज्ञान बाँट रही है कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री श्री मोदी के जन्मदिन पर आहूत सेवा सप्ताह आपत्तिजनक और असंवेदनशील है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम कोरोना को लेकर देश की फ़िक़्र में दुबला होने के बजाय अपने छत्तीसगढ़ की फ़िक़्र करें, जहाँ उनकी अपनी पार्टी की सरकार के निठल्लेपन ने प्रदेश को कोरोना संक्रमण की अंधी गली में धकेल दिया है। देशभर के कोरोना के मामलों का आँकड़ा गिन रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को तो इस बात पर शर्म महसूस करनी चाहिए कि कभी कोरोना के मामले में छत्तीसगढ़ की तुलना न्यूज़ीलैंड से करके इठलाती सरकार ने अपनी बदनीयती, कुनीतियों और नेतृत्वहीनता के चलते आज प्रदेश को सबसे बदतर हालत में ला खड़ा किया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही ने प्रदेश में आज कोरोना संक्रमितों का आँकड़ा 72 हज़ार को पार कर लिया है और कांग्रेस की प्रदेश सरकार झूठे दावों के साथ सियासी लफ़्फ़ाजियाँ और राजनीतिक प्रलाप से ही नहीं उबर पा रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम को कोरोना संक्रमण की चिंता सता रही है; यह चिंता मरकाम को तब क्यों नहीं हुई जब लॉकडाउन के चलते झीरम घाटी में कांग्रेस के सांसद ने श्रद्धांजलि सभा रखकर मजमा लगाया था, खु़द मरकाम उसी लॉकडाउन में अपने विधानसभा क्षेत्र में लाव-लश्कर के साथ घूम-घूमकर भूमिपूजन और उद्घाटन कर रहे थे, राजधानी में महापौर एजाज ढेबर और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सार्वजनिक कार्यक्रम और राजनीतिक नौटंकियाँ कर रहे थे, प्रदेश के मंत्री अपने जन्मदिन का जश्न मनाते अपने बंगलों में लोगों की भीड़ जुटाए बैठे थे, संसदीय सचिवों व निगम-मंडलों में नियुक्ति के बहाने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया बार-बार दौड़कर दिल्ली से रायपुर आ रहे थे और कोरोना प्रटेकाल का उल्लंघन कर रहे थे। श्री श्रीवास्तव ने यह भी पूछा कि हरेली-तीजा-पोला और अपने जन्मदिन का जश्न सीएम हाउस में मनाते मुख्यमंत्री बघेल कौन-सी संवेदनशीलता का परिचय दे रहे थे? संसदीय सचिवों और निगम-मंडलों में पदभार ग्रहण समारोहों के आयोजन के समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मुँह में दही क्यों जम गया था?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लॉकडाउन की घोषणा से लेकर आज भाजपा ने पूरे मनोयोग के साथ कोरोना प्रोटोकाल का पालन करके अपने सारे कार्यक्रमों का अनुशासनबद्ध होकर आयोजन कर रही है और लोगों के साथ जुड़ी रही है। कांग्रेस के पास वह सोच, अनुशासन, कार्यक्रम और नेतृत्व नहीं है तो इसमें भाजपा का क्या दोष है? क्यों कांग्रेस के लोग जब-तब भाजपा की उपलब्धियों और जनता से जीवंत संपर्क के खंभे को नोचकर अपनी खिसियाहट जताते रहते हैं? श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को क़ानून और डंडे के ज़ोर पर मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के बाध्य कर रही थी, लेकिन ख़ुद सरकार के मुखिया समेत अधिकांश मंत्री और कांग्रेस के अमूमन सभी नेता-कार्यकर्ता अपने कार्यक्रमों में न तो मास्क पहने नज़र आते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ाना तो उनका प्रिय शगल ही है। जो सरकार अब प्रदेश में रोज़ हो रहे आंदोलनों में निहित कोरोना संक्रमण के ख़तरों को अनदेखा कर रही है, उस सत्तारूढ़ दल के प्रदेश अध्यक्ष पहले अपनी सरकार को नसीहतें दें जो उनकी ज़िम्मेदारी भी है।