मीरजापुर में बेटी की डेड बॉडी के साथ रह रहा था रिटायर्ड दारोगा व पत्नी
1 min readमीरजापुर। जिले में बेटी के शव के साथ लगभग दो महीने तक माता पिता के रहने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हालांकि मामला उजागर होने के बाद पता चला कि मृतका के अभिभावकों की मनोस्थिति ठीक नहीं है। मगर आस पड़ोस में इस बात की भी चर्चा होती रही कि मृतका के बारे में क्या माता पिता के अलावा कोई अन्य परिजन भी हाल चाल इस दौरान नहीं लिया। सवाल उठा कि इन दो महीनों में परिवार में कोई मिलने वाला रिश्तेदार भी नहीं आया जिससे इस मामले की जानकारी लोगों को हो पाती।
कटरा कोतवाली क्षेत्र में पुलिस उपनिरीक्षक दिलावर खान हयात नगर मोहल्ले में कई वर्षों से मकान बनवाकर रहते हैं। उनको दो बेटे अनवार हुसैन व आफताब हुसैन और एक बेटी जीनत थी। दोनों बेटे प्रयागराज व दिल्ली में रहकर पढ़ाई करते हैं जबकि बेटी जीनत (32) घर पर ही माता-पिता के साथ रहती थी। करीब दो महीने पूर्व बेटी की अबूझ हाल में मौत हो गई। इसके बारे में उसके पिता ने किसी को नहीं बताया और बेटी को उसके शव को एक कमरे में रख दिया और अंतिम संस्कार भी नहीं किया। करीब एक सप्ताह बाद शव में सड़न पैदा होने से उसमें दुंर्गध आने लगी।
मोहल्ले के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस घटना स्थल पर नहीं गई। वह तहरीर का इंतजार करती रही। तब तक युवती का शव कमरे में सड़ता रहा। पुलिस और परिवार की लापरवाही देखकर दुर्गंध से जब लोगों का जीना हराम हो गया तो मोहल्ले के लेागों ने दारोगा के बेटे को सूचना देकर पूरे मामले से अवगत कराया।
रविवार की रात घर पहुंचे दोनाें बेटों ने कमरे में बहन का क्षत-विक्षत शव देखा तो दंग रह गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि उसके पिता और बहन मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे जिसमें बहन की कुछ दिन पहले मौत हो गई थी। लेकिन उसके शव को अभी तक दफनाया नहीं किया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कमरे से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम के भेज दिया।