जनता के संघर्षो को अपना बताकर श्रेय ले रहे हैं विधयक डमरूधर : संजय नेताम
1 min read- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- बाघ नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति पर गरमाई राजनीति
मैनपुर . विकासखंड मैनपुर के राजापड़ाव से गौरगांव मार्ग पर पड़ने वाला बाघ नदी विगत वर्षों में अत्यधिक बारिश के कारण टूट गया था और आसपास की सड़कें भी उसमें बह गई थी। जिसके लिए क्षेत्रवासियों द्वारा व्यापक जनांदोलन भी किया गया था। गत दिनों प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू के द्वारा छत्तीसगढ़ रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से 3 करोड़ 47 लाख 56 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है। इसकी स्वीकृति मिलने पर जहाँ एक ओर हर्ष व्याप्त है वहीं दूसरी ओर पक्ष-विपक्ष की राजनीति भी गरमा गई है।
क्षेत्रीय विधायक डमरूधर पुजारी द्वारा इस स्वीकृत कार्य को अपने प्रयासों से स्वीकृति दिलाने की बात मीडिया में प्रकाशित होने के बाद बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रहे जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिस पुल की स्वीकृति दिलाने की बात उस पुल को आज तक उन्होंने देखा भी नहीं है, स्वीकृति दिलाने की बात तो बहुत दूर की कौड़ी है। उनके द्वारा क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए कभी भी कोई माँग नहीं किया गया है और आज प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने स्वीकृति प्रदान किया तो वे उसे अपना बताकर श्रेय लेने की ओछी राजनीति कर रहे हैं।
जब पुल टूटा और आवागमन बाधित हुआ था तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधायक भी भाजपा के थे लेकिन उन्हें देखने और निरीक्षण करने तक कि फुर्सत नहीं मिली थी। तब हमने क्षेत्रवासियों के साथ जनांदोलन किया था और तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती श्रुति सिंह को फोटोग्राफ के साथ इस व्यथा से अवगत करवाया था। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मेरे द्वारा कई बार प्रभारी मंत्री, लोक निर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री जी को अपने मांगपत्र के माध्यम से अवगत करवाया था। विगत दिनों विभागीय मंत्री व गरियाबंद जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू जी को भी पत्र के माध्यम से जनभावनाओं से अवगत कराया था। जिस पर आज 3 करोड़ 47 लाख 56 हजार की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है और क्षेत्रीय विधायक होने के नाते उन्हें सूचनार्थ प्रेषित की गई थी लेकिन क्षेत्रीय विधायक इसे अपने प्रयासों से किया हुआ कार्य बताकर ढिंढोरा पीट रहे हैं, यदि सही अर्थों में उन्होंने इस कार्य की स्वीकृति दिलाई है तो वे इसके लिए शासन को कब मांगपत्र भेजे थे इसकी प्रतियां सार्वजनिक करें।
हमारे द्वारा तो कई बार इसके लिए प्रयास किया गया जिसके माँगपत्र की प्रतियां भी हमारे पास उपलब्ध हैं। यदि क्षेत्रीय विधायक विकास कार्यों के लिए इतने ही सक्रिय हैं तो बेलाट नाला पर पुल निर्माण की स्वीकृति अब तक क्यों नहीं दिलाए हैं ? क्षेत्र के विकास कार्यों में वे कितनी रुचि रखते हैं और उनके द्वारा कब-कब शासन को माँगपत्र दिया गया है इसके लिए वे किसी भी मंच पर चर्चा को तैयार हैं, वे समय और स्थान सुनिश्चित करें।। लेकिन क्षेत्र की जनता द्वारा किए गए कार्यों को अपना बताकर श्रेय लेने की ओछी राजनीति बंद करें।