आंगनबाड़ी केंद्र मड़ेली में राष्ट्रीय पोषण आहार माह मनाया गया
1 min read- मुड़ागांव (कोरासी)
गरियाबंद जिला अन्तर्गत छुरा ब्लाक के ग्राम पंचायत मड़ेली आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया गया। आज के इस कार्यक्रम में श्रीमति लक्ष्मी ठाकुर(सरपंच मड़ेली), श्रीमती राधा रानी सोनी(सुपरवाइजर-महिला बाल विकास), श्रीमती निर्मला ध्रुव,नीरा ठाकुर, उर्वशी नंदे,चित्ररेखा ध्रुव, ने राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम में शामिल हुए और पोषण आहार के संबंध में जानकरी देते हुए कहा कि सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद प्रदेश को कुपोषण के दुष्चक्र से बाहर लाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को सक्रिय भागीदारी निभानी होगी तभी हम स्वस्थय छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे।
श्रीमती लक्ष्मी ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित नवीन मापदण्ड के अनुसार राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती /ध्धात्री माताएं अतिकम वजन के बच्चों को प्रति हितग्राही को प्रति दिन के हिसाब से पूरक पोषण आहार दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी में आंगनबाड़ी बंद होने के कारण घर घर जाकर रेड्डी-टू फूड 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं और किशोर बालिकाओं के पोषण का ग्राम पंचायत मड़ेली में कोरोना महामारी में रख रहा पूरा ख्याल. श्रीमती राधा रानी सोनी (सुपरवाइजर-महिला बाल विकास विभाग) ने कहा कि राज्य सरकार ने 6 माह से 6 साल तक के बच्चों, गर्भवती व शिशुवती माताओं तथा किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार की नियमित रूप से उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से रेडी-टू-ईट फूड घर-घर जाकर हितग्राहियों को प्रदान किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा रेड्डी टू ईट फूड पैकेज के वितरण के दौरान पूरी तरह स्वच्छ और सावधानी रखीं जा रही है। श्रीमती सोनी ने हरा सब्ज़ी जैसे पालक भाजी,लाल भाजी,तोरानी,भिन्डी, करेला, एवं मुनगा भाजी का ज्यादा- ज्यादा उपयोग करने की सलाह दी।
इस दौरान श्री मति नीरा ठाकुर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के बावजूद बच्चों, शिशुवती माताओं और किशोरी बालिकाओं के पोषण स्तर में कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।कार्यक्रम में श्री मति निर्मला ध्रुव ने कहा कि कुपोषण वास्तविक अर्थों में शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों का संतुलन है। इससे प्रभावित व्यक्ति गंभीर बीमारियों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं और आसानी से कई तरह की बिमारियों के शिकार हो जाते हैं। इससे शारीरिक और बौद्धिक विकास भी रुक सकता है। कहा गया है कि स्वस्थ्य मस्तिष्क का निर्माण होता है।।शरीर ही स्वस्थ न हो तो हमारी भावी पीढ़ी के विकास के रास्ते में एक बड़ी रुकावट बन सकता है।
श्रीमती चित्ररेखा ध्रुव ने बताया कि कुपोषण की तह तक जाएं तो इसके लिए गरीबी, अशिक्षा, पौष्टिक आहार की कमी, अज्ञानता,स्वच्छता की कमी,कम उम्र में विवाह और गर्भधारण, लिंग भेद जैसे कई कारण जिम्मेदार है। विभिन्न विश्लेषणों में पाया गया है कि माताओं और शिशुओं की मौत का एक प्रमुख कारण समुचित पोषण आहार का न मिल पाना है। कार्यक्रम श्री मति उर्वशी नन्दे कहा कि प्रदेश में कुपोषण दूर करने के लिए पूरक पोषण आहार, महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री अमृत योजना, किशोरी बालिका योजना, पोषण अभियान, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जैसी कई अन्य योजना भी संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ियो में बच्चों और गर्भवती महिलाओं, शिशुओं, शिशुवती माताओं के लिए पूरक पोषण आहार रेड्डी टू ईट की व्यवस्था की गई है। इस दौरान आंगनबाड़ी सहायिका निर्मला ध्रुव, मीरा ध्रुव, नर्मदा नंदे, चमेली साहू,
हितग्राही गर्भवती माताएं- दिनेश्वरी ठाकुर,सोहद्रा ठाकुर,कौशिलया ठाकुर, किशोरी बालिका
रत्ना ध्रुव,नेहा निषाद,बालमति, पंच मनीषा सत.एवं ग्राम की माताएं उपस्थित रहे।