ग्लोबल हैंड वॉशिंग दिवस पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन
1 min read- 15 अक्टूबर 2020
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय व यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से शुक्रवार को “ग्लोबल हैंड वॉशिंग दिवस” पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को वैश्विक हाथ धुलाई दिवस के रुप में मनाया जाता हैं। इसी अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा ग्लोबल हैंड वॉशिंग के प्रति लोगों में जन जागृति फैलाने हेतु ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार में मुख्य अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में हाथ की स्वच्छता का महत्व और बढ जाता है। कोरोना संक्रमण से बचाव का ये सबसे कारगर और कम खर्चीला तरीका है। सभी को बार-बार साबुन से हाथ धोने को अपनी आदत मे शामील करना चाहिये। उन्होने सभी प्रतिभागियों को बार-बार साबुन से हाथ धोने के लिये तथा इस विषय में अपने आसपास व्यापक जनजागृति फैलाने के लिये आह्वान किया।
यूनिसेफ, छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया ने अपने सत्र के दौरान कहा की बार-बार साबुन से हाथ धोने से कोरोना संक्रमण फैलने से तो बचाव के अलावा बाल मृत्यु तथा कुपोषण को भी रोका जा सकता हैं। गंदे हाथ में एक करोड़ से भी अधिक वायरस और बैक्टीरिया होते हैं जो विविध बीमारियों का कारण बनते हैं। केवल एक साबुन और थोड़े से पानी से बीमारियों को रोका जा सकता हैं और बच्चों के अमूल्य जीवन को बचाया जा सकता हैं।
- छत्तीसगढ़ में हाथ की स्वच्छता को बढावा देने के लिये उन्होने कहा कि हर घर में खास तौर पर रसोई के बहार और शौचालय में साबुन तथा पानी समेत हाथ धोने के लिये सुविधा होनी चाहिये। विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्रों, सार्वजनिक भवनों, हाट बाजारों, बस स्टेशन आदि स्थानो पर हाथ धोने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिये तथा बचपन से ही साबुन से हाथ धोने को आदत में शामील करना चाहिये।
साबुन से हाथ धोने की प्रथा को अपनी आदत मे शामील करने में सामाजिक व्यवहार परिवर्तन संचार की अहम भूमिका है। सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की सहायता से बडे पैमाने पर लोगों में जागृति लाई जा सकती है और उन की आदत को बदला जा सकता है ऐसा यूनिसेफ के कार्यक्रम संचार विशेषज्ञ अभिषेक सिंह ने बताया। उन्होने व्यवहार परिवर्तन के चरण तथा सामाजिक व्यवहार परिवर्तन के बारे में प्रतिभागियो को विस्तृत जानकारी दी।
विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभागाध्यक्ष डॉ. शाहीद अली ने साबुन से हाथ धोने की प्रथा को बढ़ावा देने मे समाजकार्य तथा पत्रकारिता के छात्रों की भूमिका पर अपनी बात रखी। उन्होने सभी छात्रों को अपने परिवार, अपने आस-पड़ोस और अन्य जगह जहां पर भी अवसर मिले बतौर छात्र को अपनी भूमिका निभाने की अपील की।
वसुधा विकास संस्थान के गायत्री परिहार द्वारा भी विषय पर प्रतिभागियों को तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में “आगज” न्यूज लेटर का भी ऑनलाइन विमोचन किया गया। वेबिनार का संचालन समाज कार्य विभागाध्यक्ष डॉ. शाहीद अली द्वारा किया गया। वेबिनार में समाज कार्य तथा पत्रकारिता विभाग समेत विश्वविद्यालय के छात्रो नें बड़ी संख्या में भाग लिया।