किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल को खत्म कराया नेताम ने
1 min read- महफूज आलम
बलरामपुर। किसानों के द्वारा किए जा रहे क्रमिक भूख हड़ताल में मांगे पूरी नहीं होने के बाद किसान आमरण अनशन पर बैठे गए, जिनसे मिलने भाजपा के अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम पहुंचे । नेताम ने राज्य सरकार पर निरंकुशता का आरोप लगाया कहा जल्द होगा मुआवजे का वितरण। नहीं होने पर भी उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। बता दें कि कोटपली जलाशय योजना एवं तुर्रापाली जलाशय योजना में 203 किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन सरकार के द्वारा अधिग्रहित कर ली गई है। जिस के मुआवजे को लेकर किसानों के द्वारा बार-बार जिला प्रशासन से मांग की गई लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं होती देख किसानों ने जिला पंचायत सदस्य के नेतृत्व में क्रमिक भूख हड़ताल के बाद आमरण अनशन पर बैठ गए।
मुख्यालय में किसानों के चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे भाजपा के राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ।जहाँ उन्होंने छत्तीसगढ़ में कॉंग्रेस की राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन किसानों के पास दो वक्त की रोटी के लिए पैसा नहीं है उन किसानों को हक ना देना यह कहां का न्याय है ।किसानों की कोई जात नहीं होती है। किसानों के हक के लिए लड़ रहे लोगों से बात ना करना सरकार एवं प्रशासन की निरंकुशता नजर आ रही हैं। यही स्थिति किसानों के पूरे प्रदेश भर में है कहीं कोई सुनने वाला नहीं है ।उनको मुआवजा ना देने में सरकार को के द्वारा लापरवाही की जा रही है। ऐसी सरकार को डूब मरना चाहिए इतने लंबे समय तक मुआवजा ना देना एक अपराध की श्रेणी में आता है। वही नेताम ने बताया कि मेरे आग्रह से सभी आंदोलनकारी आज अपने आंदोलन को वापस ले रहे हैं। मैंने उन्हें आश्वस्त कराया है कि दीपावली से पहले उनके मुआवजे की सारी राशि उन्हें मिल जाएगी।आमरण अनशन पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे सांसद रामविचार नेताम ने किसानों से आग्रह कर उनका अनशन खत्म किया अनशन पर बैठे किसानों को खुद सांसद ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनके अनशन को तुड़वाया और उन्हें कहा कि मैं हमेशा आपके साथ हूं अगर इस बार आप सब मेरी आग्रह से अनशन खत्म कर रहे हैं तो हमें एक मौका सरकार एवं जिला प्रशासन को देना चाहिए। उसके बाद भी अगर हमें मुआवजा नहीं मिलता है तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए आपके साथ होंगे। सांसद के आग्रह पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों ने अपना अनशन वापस तो ले लिया लेकिन उन्होंने कहा कि अगर हमें दीपावली से पहले हमें मुआवजा का राशि नहीं दिया गया तो हम अभी सैकड़ों की संख्या में है उसके बाद हम हजारों की संख्या में उग्र आंदोलन करने के बाध्य होंगे।