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December 13, 2025

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नव निर्वाचित सरपंचों को 9 माह बाद भी नहीं मिला 15वें वित्त की राशि, ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप

  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • गांव में नाली, पेयजल, स्ट्रीट लाईट, और छोटे-छोटे कार्यों के लिए पंचायतों के पैसा नहीं, कर्ज लेकर कार्य करना पड़ रहा नया सरपंचों को
  • ग्राम पंचायतों को नहीं मिल रहा विकास कार्यों के लिए राशि, चाह कर भी जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं 

गरियाबंद । त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव सपन्न होने के बाद अब तक जिले की ग्राम पंचायतों को 15वें वित आयोग की राशि नहीं मिलने से पंचायत स्तर पर विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए हैं। इस वजह से पंचायतों के लोग निर्वाचित सरपंचों पर सवाल उठा रहे हैं। नव निर्वाचित सरपंचों का कहना है कि यह स्थिति उन्हें केवल नाममात्र का सरपंच बना कर रख रही है। गांवों की समस्याओं का समाधान करने के लिए उनके पास आवश्यक फंड नहीं है, जिससे सारे विकास कार्य रूक गए हैं।

पंचायतों को अपना राजस्व बहुत कम होता है, और इन्हे केन्द्र तथा राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदान पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है। इस कारण 15वें वित आयोग की राशि नही मिलने से ग्राम विकास की गति थम गई है और योजनाओं का लाभ आम जन तक नहीं पहुंच पा रहा है। इससे आम जनता भी निराश और परेशान है जब ग्रामीणों ने द्वारा यह सवाल पूछा जाता है कि गांवो में बुनियादी व्यवस्थाए क्यों नही दुरूस्त हो पा रही है, तो पंचायतों के पास कोई ठोस जवाब नहीं होता सरपंचों ने शासन प्रशासन से कई बार मांग कर चुके है लेकिन इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है। सरपंचों का कहना है कि अविलंब 15वें वित आयोग की राशि जारी किया जाए ताकि पंचायतों में ठप पडे़ विकास कार्याें को फिर से गति मिल सके।

गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के नवनिर्वाचित सरपंच एवं पंचायत पदाधिकारी चाह कर भी गांव का विकास कार्य नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि ग्राम पंचायतों को जब से सरपंच चुने गए हैं। तब से अब तक एक बार भी 15वें वित्त की राशि नहीं मिली है। ग्राम पंचायतों के गांव में नाली निर्माण, कचरा सफाई, स्ट्रीट लाईट छोटे बड़े मरम्मत कार्य, पेयजल व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्राम पंचायतो के पास फंड नहीं है।

ग्रामीण नवनिर्वाचित सरपंचों एवं पंचायत पदाधिकारियों से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि गांव के मूलभूत समस्याओं का समाधान करेगें लेकिन बजट के अभाव में जब काम नहीं हो रहा है तो लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। गामीण नव निर्वाचित सरपंचों एवं पदाधिकारियों के साथ विकास कार्य नहीं होने को लेकर कई जगह विवाद की स्थति देखने को मिल रही है। शासन की योजनाओं को लागु करने और गांव तक पहुंचाने में ग्राम पंचायत अहम भुमिका निभाती है लेकिन पिछले चुनाव के बाद अभी तक 15वें वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने से विकास कार्य ग्राम पंचायतो में थम गई है।

मैनपुर ग्राम पंचायत के सरपंच हनिता नायक, भाठीगढ़ सरपंच पुष्पा नेगी, हरदीभाठा के सरपंच मालती बाई कोर्राम, जिड़ार सरपंच मुकेश कपिल, गोपालपुर सरपंच कंवली बाई दीवान, देहारगुड़ा सरपंच महेश दिवान, व सरपंचों ने बताया कि अभी तक 15वें वित्त की राशि ग्राम पंचायतों को नहीं मिली है जिसके कारण ग्राम पंचायतो के छोटे-मोटे कार्य करने में भी भारी परेशानी आ रही है। कई सरपंच कर्ज लेकर ग्राम पंचायत की विकास कार्य में खर्च कर रहे हैं। सरपंचों ने बताया कि जिन आशाओं और उम्मीद के साथ उन्हे ग्रामीणों ने सरपंच चुना है उनके उम्मीदों पर पूरा उतरना है। फंड के अभाव में गांव का विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं जिसके कारण सरपंचों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।

डूमाघाट के सरपंच यशवंत सोरी ने बताया एक तरफ सरकार सब का साथ सबका विकास करती है जबकि गांव में विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। जनप्रतिनिधी चूनकर आते हैं तो जनता यह आपेक्षा रखती है कि बेहतर कार्य कराया जायेगा लेकिन ग्राम पंचायतो को कार्य ही नही मिल रहा है। विकास कार्य के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है 15वें वित्त की राशि नहीं मिल रहा है जिससे लोगों के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं।

  • क्या कहते हैं सरपंच संघ के अध्यक्ष

मैनपुर सरपंच संघ के अध्यक्ष हलमन ध्रुर्वा ने बताया कि पंचायत आम चुनाव 2025-2026 के 9 महीने बाद भी ग्राम पंचायतो को 15वें वित आयोग की राशि नही मिली है। उन्होंने कहा कहा इस वर्ष 15वें वित्त की राशि में विलंब होने के कारण ग्राम पंचायतों में कई विकास कार्य ठप पड़े हैं हम शासन से पुनः मांग करेगें कि जल्द से जल्द यह राशि पंचायतो को उपलब्ध कराई जाए ताकि विकास कार्याे को पुनः गति मिल सके। इस संबंध में कल मंगलवार को सरपंच सघ की बैठक आयोजित किया गया है और शासन प्रशासन से 15वें वित्त की राशि के साथ ही विकास कार्यो के लिए राशि की मांग करेगें।