छत्तीसगढ़ के निषाद समाज ने मांगा हक, अनूसूचित जाति में शामिल करने के लिए मांग मुखर
- जल जमीन जंगल के मालिक होते थे जिसे अंग्रेजों ने 1871 में क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट धारा लगाकर हमें जल जंगल जमीन से बेदखल किया
रायपुर। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के निर्देशन पर और मछुआ आरक्षण संघर्ष दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिला के कार्यकर्ता एक दिवसीय अपने प्रतिष्ठान या घर के सामने तख्ती लेकर अपनी मांग को रखा छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति के क्रमांक 28 और क्रमांक 29 पर माझी और मझवार है उसके पर्यायवाची जाती निषाद केवट धीवर कहार बोई कहरा बिंद आदि है जो भारत सरकार के 1950 में 66 जातियों का समूह बना है जिसमें राष्ट्रपति का सिग्नेचर पहले से है। दुर्भाग्यवश अधिकारियों की लापरवाही से उस सरल क्रमांक से माझी के पर्यायवाची जाति को हटा दिया गया है जिसके कारण से हमारा समाज आज अन्य समाज से बहुत पीछे हो गया है। हमारे समाज को भी आरक्षण देकर बाकी समाज के समकक्ष लाया जाए हमारा समाज आदि काल से बसा हुआ है। जल जमीन जंगल के मालिक होते थे जिसे अंग्रेजों ने 1871 में क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट धारा लगाकर हमें जल जंगल जमीन से बेदखल किया गया है।
उस समय हमें जन्मजात अपराधी की श्रेणी में डाला गया था हमारे समाज के लोगों ने अंग्रेजों को गंगा के रास्ते डूबा डूबा करके मारा था। अंग्रेजों से लड़ाई लड़ा स्वतंत्रता के आंदोलन में कूदे उसके बाद भी आज तक हमारा समाज निर्बल वंचित शोषित है इस समाज को एसटी का आरक्षण देने की जरूरत है 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भूपेश जी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और अनेक नेताओ ने मछुआ समाज को सरकार बनने पर आरक्षण देने का वादा किया था।
ढाई साल बीत जाने के बाद भी इस समाज को आरक्षण नहीं दिया गया है। निषाद समाज शांतिपूर्ण ढंग से अपना जायज मांग को रखा है। अगर यह मांग पूरा नहीं होता है तो आने वाले समय में हमे धरना प्रदर्शन और रोड जाम करने पर इस समाज को विवश ना करें।
मछुआ एसटी आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। प्रदर्शन करने वालों में राजकुमार निषाद प्रदेश अध्यक्ष निषाद पार्टी छत्तीसगढ़ राम सागर निषाद बिलासपुर जिला अध्यक्ष भानु प्रताप निषाद कबीरधाम जिला अध्यक्ष तीरथ निषाद धमतरी जिला अध्यक्ष धनेश्वर निषाद बलोदा बाजार जिला अध्यक्ष भागीरथी निषाद मुंगेली दोषण निषाद बेमेतरा ढालसिह निषाद नीलकमल निषाद परमानंद निषाद अशोक निषाद भुवन लाल निषाद आदि लोगों ने आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया ।