छत्तीसगढ़ में नर्सिंग की छात्र- छात्राएं भी कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाएंगी
1 min readरायपुर। प्रदेश सरकार ने यह निर्।ाय लिया है कि कोरोना महामारी में स्टाप की कमी के कार।ा नर्सिंग के बच्चों को भी मैदान में उतार दिया गया है। छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रम।ा तेजी से बढ़ रहा है। इलाज के अभाव में मरीजों की मौत हो रही है। इसलिए अब प्रदेश भर के नर्सिंग की छात्र- छात्राएं भी कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभाएंगी। इनकी ड्यूटी कोरोना मरीजों के इलाज में लगाई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा है। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़ ने आदेश जारी किया है। यह निर्णय कितना हद तक सही है, लेकिन सरकार ने मन बना लिया है।
राज्य में नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे बच्चों की सेवाएं कोरोना से इलाज और अन्य चिकित्सालयीन कार्यों में ली जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि नर्सिंग कॉलेजों के प्रमुखों और अपने अधीनस्थ संस्थाओं से संपर्क कर अस्पतालों और कोविड केयर सेंटरों में नर्सिंग के छात्र- छात्राओं की सेवाएं लेना सुनिश्चित करें।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि कोविड- 19 की रोकथाम के लिए अति आवश्यक सेवाओं की जरूरत है। इसलिए एमएससी नर्सिंग के प्रथम, द्वितीय वर्ष, बीएससी नर्सिंग के तृतीय वर्ष, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग के प्रथम, द्वितीय वर्ष और जीएनएम अंतिम वर्ष के छात्र- छात्राओं की सेवाएं ली जाए।
नर्सिंग की सभी परीक्षाएं स्थगित
महामारी को देखते हुए अब नर्सिंग की पाठ्यक्रमों की सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। 11 अप्रैल को आदेश जारी कर कहा गया था कि एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक और बीएससी की परीक्षाएं आगामी आदेश तक स्थगित की जाती हैं। इन तीनों पाठ्यक्रमों के विभिन्न वर्षों की परीक्षाएं 22 अप्रैल से 12 मई तक प्रस्तावित थीं। जब तक कोरोना महामारी शांत नहीं होता यह प्रभावशील जारी रहेगा। प्रदेश सरकार भी मरने वालों की संख्या बढ़ने से काफी चिंतित है। सभी ब्लॉक स्तरों तक तैयारी की जा रही है।