खण्ड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों के नियुक्ति में ओबीसी की की गयी हकमारी- चौ. लौटन निषाद
1 min read- ओबीसी और एससी/एसटी के बीच दूरी पैदा करने की हो रही साजिश
लखनऊ । लोक सेवा आयोग उ.प्र. के विज्ञापन संख्या-01/02/सी-3/2020-21 के द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के 309 पदों के सापेक्ष 309 अभ्यर्थियों को औपबंधिक रूप से 30 जनवरी को अंतिम रूप से सफल घोषित किया गया है। अंतिम परीक्षा परिणाम के अनुसार 309 में 27 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था के तहत ओबीसी को 83/84 पदो के सापेक्ष मात्र 31 पद ही दिया गया है। समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ. लौटन राम निषाद ने लोक सेवा आयोग द्वारा बीईओ पद पर नियुक्ति में ओबीसी की हकमारी का आरोप लगाते हुए कहा कि 309 में ओबीसी के 83/84 पदों के सापेेक्ष मात्र 31 पदों पर चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देकर 52/53 पदों की खुलेआम हकमारी की गयी है।
निषाद ने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी के 309 पदों में से 27 प्रतिशत आरक्षण की दृष्टि से ओबीसी को 83 या 84 पदों के सापेक्ष मात्र 31 पद, एससी को 21 प्रतिशत आरक्षण की दृष्टि से 63 या 64 के सापेक्ष 86 , एसटी को 2 प्रतिशत आरक्षण कोटा के तहत 6 पदों के सापेक्ष 8 पद एवं ईडब्लूएस को 10 प्रति आरक्षण कोटा के तहत 30 या 31 पदों के सापेक्ष 57 पद पर चयनित किया गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण कोटा में हेर फेर कर ओबीसी और एससी/एसटी के बीच दूरी व नफरत पैदा करने की साजिश की जा रही है।
निषाद ने बताया कि ओबीसी को आरक्षण कोटा के हिसाब से मात्र 10 प्रतिशत भी आरक्षण कोटा दिया गया है। कट ऑफ मेरिट के आधार पर ओवरलैपिंग के बाद भी ओबीसी को कुल 60 पद यानी 19.6 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला है। ओबीसी के मेधावी अभ्यर्थियों ने कट ऑफ मेरिट के आधार पर ओवर लैप कर 29 पद प्राप्त किये है। सामान्य वर्ग को 50 प्रतिशत और एससी/एसटी को 23 के सापेक्ष 32 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिला है। कट ऑफ मार्क्स के आधार पर ओवरलैपिंग के बाद अनारक्षित वर्ग में ओबीसी को 29, एससी को 6, एसटी को 2 और ईडब्लूएस को 26 पद प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि साजिश के तौर पर ओबीसी के कोटे को हड़पा जा रहा है और ओबीसी और एससी/एसटी के मध्य नफरत की भावना पैदा करने की साजिश की जा रही है।