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November 19, 2024

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ओडिशा सरकार ने तीन सबसे भ्रष्ट अधिकारियों को भेजा अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर

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Odisha government sends three most corrupt officers on compulsory retirement

भुवनेश्वर। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए ओड़िशा सरकार ने गुरुवार को  सेवाओं से दो इंजीनियरों और एक डीएफओ को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश दिया। अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर भेजे गए अधिकारी प्राण कृष्ण प्रसाद, अंगुल ग्रामीण वर्क्स गुणवत्ता नियंत्रण प्रभाग के कार्यकारी अभियंता हैं और उमेश चंद्र त्रिपाठी उप कायर्कारी अभियंता वतर्मान में वर्क्स डिपाटर्मेंट के टसरा (आर एंड बी) सब-डिवीजन -1 सोनपुर में कार्यरत हैं।

Odisha government sends three most corrupt officers on compulsory retirement

रिपोर्टों के अनुसार दोनों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया था। सतकर्ता विभाग ने प्राण कृष्ण को 2015 में पहले और फिर 2018 में गिरफ्तार किया था। उन्हें ग्रामीण निर्माण विभाग में सबसे अक्षम और भ्रष्ट अधिकारियों में से एक कहा गया है।इसी तरह, त्रिपाठी को कोरापुट में उनकी सेवा के दौरान चार सतकर्ता मामलों में शामिल पाया गया था। उन पर ठेकेदारों पर अनुचित आधिकारिक एहसान दिखाने और जनता के धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था। वहीं प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) आठगड़ शुधांसू मिश्र को भ्रष्टाचार के लिए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। मिश्र को उनके नाम पर और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 5।5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के मामले में स्टेट विजिलेंस द्वारा एक अनुपातहीन संपत्ति (डीए) मामले में दर्ज किया गया था। उनके घर पर छापेमारी के दौरान एक करोड़ों से अधिक की नकदी जब्त की गई थी। यहां यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि यह ओड़िशा में एक सरकारी कर्मचारी से नकदी का उच्चतम जब्ती है। इसके अलावा, उनके कई बैंक खातों, शेयरों आदि में 3।46 करोड़ रुपये जमा थे।

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