डायलिसिस के दौरान बिजली गुल, मौत
अव्यवस्था को लेकर आम लोगों ने काटा बवाल
नयागढ़। फिर से राज्य में सरकारी अस्पताल में चल रही अव्यवस्था लोगों से सामने आई है। फिर से सारी तकनीति और विकास का नारा असफल साबित हो गया। बिजली कट जाने और सही समय पर जनेरेटर नहीं चला पाने के कारण डायलिसिस हो रही मरीज को अपनी जान खोनी पड़ी। ऐसी दिल दहलाने वाली घटना राजधानी भुवनेश्वर से 120 की दूरी पर रहे नयागढ़ जिला के मुख्य अस्पताल में हुआ है।
बता दे कि नयागढ़ जिला के दशपल्ला एनएसी के अधिन महुलिआ गां के गंगाधर स्वाइँ अपने इलाज कराने के लिए जिला मुख्य अस्पताल को शनिवार रात को आए थे। रविवार को सुबह उनके डायलिसिस शुरू हो गया था। डायलिसिस के दौरान बिजली चली गई। डॉक्टरों ने जनरेटर लगाने को कहा, लेकिन जनरेटर दायित्व में रहे कर्मचारी छुट्टी पर रहने के कराण अस्पताल के झाडुदार जनरेटर स्टास्ट करने की कोशिश की, लेकिन वो असफल रहा, जिसके कारण अस्पताल की बेड़ पर पड़े गंगाधर हमेशा के लिए आंख बंद कर दिया। इस बारे में गंगाधर की पत्नी प्रतिमा स्वाइँ ने कहा कि मेरे पति को सांस लेने में तकलिफ हो रही थी। इसलिए हमने एम्बुलेंस के जरिए उन्हे नयागढ़ अस्पताल को लेकर आए। वहां पर आउटडोर में डॉक्टर ने उन्हे मेडिसिन के साथ इंजेकशन दी। इसके बाद उन्हे कटक या भुवनेश्वर ले जाने के लिए डॉक्टर ने कहा था, लेकिन गंगाधर को सांस लेने में तकलिफ होने के कारण डायलिसिस होने के बाद हम उन्हे दूसरे अस्पताल में ले जाने के लिए तैयारी कर रहे थे। डॉक्टरों ने गंगाधर को वार्ड को लेने के लिए वोला। डायलिसिस करने के 5 से 10 मिनट के अंदर बिजली कट गई और जनरेटर चालू नहीं हो पाया और मेरे पति की जान चली गई। इस मामले में अस्पताल की अधिकारियों की मत नहीं मिल पाई है। वहीं इस बात को जानने के बाद आम लोगों ने नाराजगी जताई है।
- झारसुगुड़ा में भी डायलेसिस के दौरान बिजली गुल
झारसुगुड़ा। जिला सदर अस्पताल की हालत दयनीय हो चुकी है। डायलेसिस के समय बार बार बिजली गुल होने के कारण रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। शनिवार को 30 मिनट के लिए बिजली आपूर्त्ति बंद हो जाने के कारण रोगियों को अस्वाभाविक स्थिति का सामना करना पड़ा है। रोगियों को परिजनों का कहना है कि अचानक बिजली चले जाने के कारण रोगियों को अपनी जान बचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। वहीं दूसरी जेनरेटर में डीजल न होने के कारण बिजली कट जाने के बाद डायलेसिस केन्द्र को बिजली आपूर्त्ति का और कोई विकल्प व्यवस्था नहीं हो पाया था।