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October 17, 2024

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तीन दशक पहले क्षेत्र में पहुंचे वाले अफसर विश्राम करते थे झरियाबाहरा रेस्ट हाऊस में, अब रखरखाव के अभाव में हो गया जर्जर

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  • दीवार छत टुटकर होने लगी धराशाही, कोई रखवाला नहीं
  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव

मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 08 किलोमीटर दुर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया वन परिक्षेत्र तौरेंगा कें अंतर्गत ग्राम झरियाबाहरा अस्थाई पडाव जो नेशनल हाईवे 130 सी मार्ग से लगा हुआ है। यहा सन् 1987-88 में एक विश्राम गृह का निर्माण किया गया था जंहा उस समय क्षेत्र में जब भी कोई वन विभाग के बडे़ अफसरों का आगमन होता था तो वह इस विश्राम गृह में रूकते थे। कुछ वर्ष बाद इस जगह को अस्थाई नर्सरी बनाया गया और यहा वन विभाग द्वारा चारों तरफ घेरा कर अनेक तरह के वृक्षों की नर्सरी तैयार किया जाता रहा है। अब भी यहा पौधे तैयार किये जाते है लेकिन इस नर्सरी में 32 वर्ष पहले आलीशान भवन निर्माण किये गये विश्राम गृह के तरफ संबधित विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा ध्यान नही देने के यह रखरखाव के कारण विश्राम गृह धीरे धीरे खंडहर में तब्दील होने लगा और इसके आधे मलबे टुटकर गिर चुके है, लेकिन दीवारे आज भी मजबूत है। खंडहर में तब्दील हो चुके यह विश्राम गृह आज से तीन दशक पहले अपने विशाल आलीसान स्वरूप को बता रहा है।

मरम्मत कर इसके उपयोग किया जा सकता है

स्थानीय नागरिकों का मानना है कि वन विभाग चाहे तो इस खंडहर हो चुके विश्राम गृह में आवश्यक सुधार कार्य करवाकर इसे उपयोग मे लाया जा सकता है, जिससे इस क्षेत्र में जंगलो की हो रही अवैध कटाई और अवैध अतिक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है। बहुत ही कम लागत में इसका मरम्मत कर इसका उपयोग वन विभाग के कर्मचारियो के निवास करने के लिए किया जा सकता है इस ओर वन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है ।

ज्ञात हो कि जब सन् 1987 – 88 में इस विश्राम गृह का निर्माण ग्राम झरियाबाहरा में किया गया था तब वन विभाग के कोई बडे अफसर या कोई जनप्रतिनिधि या कोई बडे नेताआें का क्षेत्र में आगमन होता था तो इस विश्राम गृह में रूकते थे और क्षेत्र के लेागो से मुलाकात करते थे लेकिन धीेरे धीेरे इस विश्राम गृह के तरफ विभाग ने ध्यान देना बंद कर दिया रखरखाव के अभाव में यह विश्राम गृह खंण्डहर में तब्दील हो चुका है। यदि वन विभाग चाहे तो इस विश्राम गृह का बहुत कम लागत में इसका मरम्मत कर इसका उपयोग वन कर्मचारियों के निवास के लिए किया जाता है क्योंकि यहा नर्सरी भी है। यदि इस विश्राम गृह का मरम्मत कर दिया जाए तो बारोह माह इस नर्सरी में पौधे तैयार किये जा सकते है।

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