महिलाओं हेतु एक दिवसीय वेबिनार का हुआ आयोजन
1 min readबिलासपुर: महिला जागृति समूह की सभी सदस्यों के सहयोग से महिला जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन श्रीमती ज्योति सक्सेना (व्याख्याता एवं समाज सेविका) के मार्गदर्शन में महिलाओं एवं बालिकाओं के लिये रखा गया।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती प्रीति सक्सेना के सरस्वती वंदना गायन के साथ हुई, इस विचार संगोष्ठी में निम्न विषयों को रखा गया था 1. मासिक धर्म अभिशाप नहीं वरदान है, 2. गुड टच एवं बेड टच की शिक्षा, 3. मानसिक तनाव 4. योग एवं खानपान पर विशेष चर्चा 5. बालिका शिक्षा क्यों आवश्यक है 6. प्राचीन काल से चली आ रही मासिक धर्म संबंधी मान्यताओं में वर्तमान समय में क्या परिवर्तन दिखाई देता है ।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ. आरती पाठक जी के द्वारा किया गया, इस वेबीनार में मुख्य अतिथि कोलकाता की डॉक्टर नवनी रोहताग जो एक डाइटिशियन है के द्वारा मासिक धर्म की शुरुआत कैसे होती है, किस उम्र में शुरू होती है, तथा मेनोपॉज के बाद महिलाओं में क्या-क्या समस्याएं आती हैं, महिलाओं को किस प्रकार की डाइट लेनी चाहिए जिससे वे पूरे परिवार की देखभाल करने में अपने को ऊर्जा से भरी हुई महसूस करें से संबंधित जानकारी दी गई।
योग गुरु किरण पाठक एवं रागिनी सिंह के द्वारा मासिक धर्म के समय कौन से योग को अपनाकर स्वयं को दर्द मुक्त एवं तनाव मुक्त रखें, के साथ कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे भी बताए गए जो कि पेट दर्द, जांघ दर्द, कमर दर्द में उपयोगी है।
विशिष्ट अतिथि इनरव्हील क्लब बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट-326 की जयश्री भट्टाचार्य, रेखा सक्सेना, रंजू जोबनपुत्रा, लायंस क्लब से रीता राजगीर ने अपने व्याख्यान से मोटिवेट करते हुए बताया कि इस तरह के ऑनलाइन आयोजन वर्तमान में महिलाओं के लिए अति आवश्यक हैं समय के साथ अपने आप को अपडेट होने के लिए मासिक धर्म अभिशाप नहीं वरदान है ।
इसी क्रम में मुख्य वक्ता रंजीता दास एवं मोना केवट ने बहुत ही बारीकी से इस विषय पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए, पिंकी मनीष अग्रवाल ने मानसिक तनाव,स्वच्छता एवं सेनेटरी पैड के यूज़ – रियूज जैसी छोटी छोटी बातें जिन पर हम ध्यान नहीं देते हैं सभी का ध्यानाकर्षण किया, गुड टच एवं बेड टच की जानकारी प्रीति सक्सेना एवं मोना केवट के द्वारा दी गई, बालिका शिक्षा क्यों जरूरी है।
इस पर श्रीमती निशा क्षत्री एवं सविता कौशिक ने सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया, प्राचीन काल एवं वर्तमान समय में मासिक धर्म संबंधी मान्यताओं में क्या अंतर दिखाई देता है,एवं उचित खान-पान कैसा हो इस सम्बन्ध में चुन्नी मौर्य एवं निशा स्वर्णकार की ओर से बहुत ही सरल सहज तरीके से अपने विचारों को रखा गया, आज के इस वेबिनार में 70 से अधिक महिलाओं एवं बालिकाओं ने जुड़कर लाभ उठाया,श्रीमती आरती पाठक जी ने कुशल मंच संचालन करते हुए अंत तक सभी वक्ताओं एवं श्रोताओं को जोड़े रखा, अंत में आभार प्रदर्शन एवं कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा श्रीमती शीला शर्मा के द्वारा की गई ।
महिला जागृति समूह के द्वारा समय-समय पर इस तरह के आयोजन होते रहते हैं, आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉक्टर गुंजन अग्रवाल, रश्मि जीतपूरे, रश्मि सिंह, पूनम सिंह, निधि अवस्थी, सावित्री अग्रवाल, प्रेमलता तिवारी, प्रीति केशरवानी, जय श्री साहू, संध्या तिवारी, कविता कर्ष, नीना गरेवाल, अनीता दुआ, सपना श्रीवास्तव, निधि अवस्थी, रीता मौर्य, सावित्री अग्रवाल, लता दास, एवं कई स्कूली बालिकाओं ने इस वेबिनार का लाभ उठाया ।