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November 20, 2024

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बजट केवल छत्तीसगढ़ सरकार की हवा हवाई बातों का किला दिखता है : मूणत

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  • वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग पर अधिक बजट देकर शिक्षा को प्राथमिकता दी गई थी

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने प्रदेश सरकार के बज़ट प्रावधानों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि पूर्ववर्ती हमारी भाजपा सरकार के कार्यकाल में बज़ट में क्रमवार सभी विभागों को एक बज़ट राशि आवंटित की जाती थी। वर्ष 2018-19 में शिक्षा विभाग पर अधिक बजट देकर शिक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। श्री मूणत ने कहा कि उनके स्वयं के लोक निर्माण विभाग का बज़ट राज्य के बज़ट का लगभग 10 प्रतिशत हुआ करता था, जिससे राज्य के सभी महत्वपूर्ण पुल-पुलियों व सड़कों के निर्माण भवन शासकीय भवनों के निर्माण में तेजी आती थी। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर हमारी सरकार ने सबसे तीव्र काम किया था, जबकि इस बज़ट में कॉंग्रेस सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर में ध्यान ही नहीं दिया है। लोक निर्माण की संकल्पना के तहत 3,900 किलोमीटर सड़क निर्माण  हेतु 5,225 करोड़ रुपये की आवश्यकता के विपरीत 150 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है। श्री मूणत ने जानना चाहा है कि उक्त 5,225 करोड़ की राशि छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम को ऋण के माध्यम से जुटाने की कैबिनेट स्वीकृति दी गई है। क्या यह ऋण इसी वित्तीय वर्ष में मिल जाएगा एवं सभी 3,900 किलोमीटर की सड़कें इसी वित्तीय वर्ष में पूरी हो जाएंगीं? इस बात का बजट भाषण  में कहीं भी उल्लेख नहीं है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक नक्सल प्रभावित राज्य है इन क्षेत्रों में आवागमन सुविधा में विस्तार देने हेतु 312 कार्यों के अंतर्गत 104 सड़क एवं 16 पुल-पुलियों के निर्माण हेतु योजना बज़ट में मात्र 12 करोड़ रु. का प्रावधान रखा गया है। सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को यह बताने में असफल रही है कि उक्त सड़कों के निर्माण के लिए हरसंभव मदद और राशि केंद्रीय मद से देने की बात केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सार्वजनिक रूप से की थी। 12 नए रेल्वे ओवरब्रिज व अंडर ब्रिज निर्माण, 151 नवीन मध्यम पुल-पुलियों के निर्माण के लिए मात्र 102 करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है, जबकि एक रेल्वे ओवर ब्रिज ही लगभग 80 से 100 करोड़ रु. की लागत से बनता है। 6 राज्य मार्ग, 5 शहरी मार्ग, 20 मुख्य जिला मार्ग, 435 ग्रामीण मार्गों के निर्माण कार्य हेतु मात्र 312 करोड़ रु. के आवंटन का प्रस्ताव है।

इस बज़ट में यह भी उल्लेख नहीं किया गया कि कौन-कौन से राज्य मार्ग के कितने किलोमीटर भाग का नवीनीकरण व उन्नतिकरण या नव निर्माण प्रस्तावित है? क्या इतनी छोटी राशि में यह कार्य सम्भव है? श्री मूणत ने प्रदेश सरकार के बज़ट भाषण में ‘हाईट’ पर किए गए फोकस महज़ सियासी जुमलेबाजी करार देते हुए कटाक्ष किया है।

  • H – Holistic Development (समग्र विकास) : गोधन न्याय योजना के मात्र 175 करोड़ आवंटन से रायपुर के हमारे द्वारा ही निर्माण किये गए एक कॉम्प्लेक्स का नाम बदल कर पौनी पसारी योजना रखने से केंद्र सरकार के द्वारा रामवन गमन पथ उत्थान हेतु मिलने वाली राशि के पैसे से छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ निवासियों का समग्र विकास सुनिश्चित हो जाता है?
  • E -Education ( शिक्षा) : भारतीय जनता पार्टी ने अपने बज़ट का 20 प्रतिशत भाग शिक्षा में खर्च करना सुनिश्चित किया था। बालक बालिकाओं को नि:शुल्क पुस्तकें, गणवेश, मध्याह्न भोजन, स्कूल भवन, स्मार्ट क्लासेस सहित बहुत-सी सुविधाओं के विकास पर ज़ोर दिया गया था। आज के इस बज़ट में सरकार शिक्षा पर कितनी प्रतिशत राशि खर्च करेगी, इसका कहीं उल्लेख नहीं है।
  • I – Infrastructure (अधोसंरचना विकास) : नगण्य बज़ट प्रस्तावित किया गया है। जो भी कार्य प्रस्ताव में हैं वो एडीबी या नाबार्ड के वित्त ऋण के आधार पर होंगे, जिसे आखिर चुकाना ही होगा। वह कर्ज़ भार छत्तीसगढ़ की सभी जनता के ऊपर ही आने वाला है।
  • G – Governense (प्रशासन) : भूमि के नकल का डिज़िटलीकरण पहले से ही हो चुका है। बस्तर टाइगर के माध्यम से 28सौ पदों पर भर्ती महिला होमगार्ड के 22सौ पदों पर भर्ती से केवल 5हज़ार युवाओं-महिलाओं को रोजगार मिलेगा। लाखों लोगों को रोजगार देने के प्रदेश सरकार के वादे का क्या हुआ? इन नियुक्तियों के भी पे-स्केल और समय सीमा का उल्लेख नहीं है और न ही इससे राज्य सरकार पर पड़ने वाले किसी बज़ट भार का विस्तार से उल्लेख है! राज्य के राजस्व के अन्तर्गत संपत्ति पंजीयन से प्राप्त आय आबकारी विभाग के आय-व्यय का कोई उल्लेख नहीं है जबकि बिना आबकारी वित्तीय वर्ष के कई प्रीमियम शराब दुकानें एवं बार लायसेंस जारी हुए हैं।
  •  H- Helth (स्वास्थ्य) : इस कोविड काल में सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग है। केंद्र सरकार ने भारत के ब्लॉक स्तर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में वेंटिलेटर देने की घोषणा की है। राज्य सरकार अपने राज्य के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नए डॉक्टर नर्सो टेक्निकल असिस्टेंट के उन्नयन का कोई खाका ही पेश नहीं कर पाई है। अपने स्वयं के बजट पूर्व किये वादे, मुफ्त वैक्सीन के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं रख पाई है। क्या छत्तीसगढ़ की जनता के प्राणों की रक्षा करना एक चुनी हुई सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं आता है?
  • T Transformation (बदलाव) : शराबबंदी की समिति गठन के बाद से अबतक उनकी तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आना और धड़ाधड़ नई शराब दुकानें खुल जाना, अहातों का निर्माण कर आबकारी नियमों को शिथिल करना कैसा बदलाव है? महिला सुरक्षा हेतु कोई नई योजना एवं पहल का अभाव है। छत्तीसगढ़ के स्मार्ट उन्नत पहचान नई राजधानी के विकास में बसाहट बढ़ाने में सरकार का कोई योगदान न होना पुराने रायपुर शहर के सुधार एवं विकास में शून्य बज़ट सबसे बड़ी आबादी वाले शहर रायपुर के निवासियों के साथ छल है।
  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री मूणत ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण छत्तीसगढ़ के बेरोज़गार युवाओं का 25सौ रुपये बेरोज़गारी भत्ता के विषय को छुआ भी नहीं गया। पिछले दो वर्षों का बेरोज़गारी भत्ता कब दिया जाएगा, इसका कोई उल्लेख नहीं है। बेरोज़गार युवाओं के लिए किस तरह से रोज़गार का सृजन किया जाएगा, इसकी कोई रूपरेखा ही नहीं बनी है।

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