गुुरुद्वारों व सिखों की धार्मिक संस्था में सरकार के हस्तक्षेप का विरोध

राउरकेला। ओडिशा सरकार ने राज्य के सभी गुरूद्वारा व सिखों के संस्थान में अपना हक जता कर हस्तक्षेप शुरू कर दिया, जिससे सिख समाज नाराज है और इसका विरोध शुरू कर दिया। गुरूद्वारा में किर्तन, लंगर व गरीब बच्चों के लिए बहुत कार्यक्रम किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों को बंद कराने की आश्ांका जताते हुए सिखों ने सरकार के हस्तक्षेप विरोध किया है। साथ ही कहा ा िकिसी भी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
शनिवार को अतिरिक्त जिलापाल से गुरूसिंह सभा गुरुद्वारा के बैनर तले जुटे सिखों के प्रतिनिधि दल ने मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन दी, जिसमें ंबताया कि ओडिशा में 50 से अधिक गुरूद्वारा चल रहा है। ओडिशा सरकार इन गुरूद्वारों क ो अपने अधिन में लेने से इसका विरोध सिखों द्वारा की जा रही है। सिखों ने कहा कि इनके सर्वोच संस्थान आकाल तख्त व सिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी को इसकी जानकारी दी जाएगी। उनके अनुसार निर्णय ली जाएगी। ओडिशा सरकार को व मुख्यमंत्री नविन पटनायक से यह नियंम लागू न करने का अनुरोध किया गया है।