धार्मिक, राजनीतिक एवं आदर्शगत असहिष्णुता ही विभाजन की जड़
एलएन कॉलेज में परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित
झारसुगुड़ा। पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र की हत्या होना एक स्वाभाविक परिणाम था, जिस देश में गांधी जी जैसे महान जन नायक की हत्या हो सकती है वहां पंडित लक्ष्मीनारायण जैसे व्यक्ति की हत्या किया जाना कोई हैरानी वाली बात नहीं है। धार्मिक, राजनैतिक एवं आदर्शगत असहिष्णुता ही देश एवं समाज के विभाजन का जड़ है।
झारसुगुड़ा लक्ष्मीनारायण कॉलेज में आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम में बरगढ़ महिला कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक शिक्षाविद् डॉ। प्रदीप कुमार होता ने यह बात कही। ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम एवं पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र’ के विषय पर आयोजित इस परिचर्चा कार्यक्रम में वक्ता के तौर पर उपस्थित प्राध्यापक डॉ। होता ने कहा कि असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, हरिजन सेवा आंदोलन, भाषा साहित्य तथा गांधी जी की चेतना को सर्वाधिक लोकप्रिय करने में पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र को योगदान अतुलनीय है। उनका जन्म भले ही संबलपुर में हुआ था, मगर उनकी कर्मभूमि झारसुगुड़ा थी। गांधी जी, मीराबेन, महादेव देशाई, डॉ। राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु, विजयलक्ष्मी पंडित एवं सुभाष चंद्र बोस को इस पावन भूमि में लाने में उन्होंने अहम भूमिका निभायी थी। झारसुगुड़ा की पावन भूमि को महाभारतीय स्रोत में शामिल करने के लिए झारसुगुड़ा के बिहारीराम तंती, चिंतामणी पूजारी, मोहन सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी की भूमिका हमेशा वंदनिय रहेगा। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ। चीतव्रत दत्त की अध्यक्षता में आयोजित इस परिचर्चा कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर उपस्थित शिक्षाविद् प्रोफेसर टहलु साहू ने कॉलेज के नामकरण एवं पंडित लक्ष्मीनारायण मिश्र का झारसुगुड़ा के साथ संबंध के विषय पर प्रकाश डाला। अध्यापिका डॉ। सुमति देई ने सभी का स्वागत किया एवं वरिष्ठ अध्यापक तपन कुमार बारिक ने अतिथियों का परिचय करवाया। अध्यापक डॉ। लालधारी सिंह ने सभा का संचालन किया एवं डॉ। सरोज कुअंर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।