भगवान धन्वंतरि जयंती का आयोजन, आयुर्वेद विभाग द्वारा कोविड पर संगोष्ठी
1 min read- गोलू कैवर्त, बलौदाबाजार
संयुक्त जिला कार्यालय स्थित जिला आयुर्वेद कार्यालय में आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया गया। भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा-अर्चना कर कोविड सहित तमाम बीमारियो से निजात पाकर लोगों की उत्तम स्वास्थ की कामना की गई। इस अवसर पर कोविड-19 संक्रमण से बचाव के विभिन्न पहलुओं पर आयुर्वेद विशेषज्ञ की विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डाॅ.एल.पी सिरमौर के मुख्य आतिथ्य एवं सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं समाजसेवी श्री एस.एम.पाध्ये की अध्यक्षता में गोष्ठी संपन्न हुई।
गोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुये डाॅ. आर.के.बंजारे ने बताया कि आयुर्वेद विधा विश्व की सबसे प्राचीनतम विधा है। इसमें कोविड के बचाव हेतु समस्त प्रक्रिया का विवरण है। यह पहला अवसर है कि किसी भी महामारी के बचाव के लिए आयुर्वेद की औषधियों का भरपूर उपयोग किया गया है। इसके रोग प्रतिरोधक क्षमता वर्धक काढ़ा का प्रयोग हमारे प्रदेश में बलौदाबाजार जिले से शुरूआत किया गया था। आज इसके बेहतर परिणाम विश्व के सामने है। विभिन्न अनुसंधानों से स्पष्ट हो चुका है कि कोविड 19 के बचाव हेतु आयुर्वेद की औषधियां पूर्ण रूप से कारगर हैं।
आज विश्व के अनेक देशों को भारत से आयुर्वेद की औषधियां निर्यात कर रहा है। जो इस बात का सूचक है कि आयुर्वेद इस महामारी से निपटने के लिए पूर्णतः सक्षम है। डाॅ. ममता मिश्रा एवं डाॅ. नम्रता सिंघानियां से इस विषय पर विचार व्यक्त किये। उन्होंने कोविड से बचाव हेतु आयुष सेवाओं का लाभ उठाने का अनुरोध किया। जिला आयुर्वेद अधिकारी डाॅ. एम.एन.कश्यप ने बताया कि कोविड से बचाव के काढ़ा वितरण का जिले में अच्छा प्रतिसाद मिला है। लगभग 40 हजार लोगों ने आयुर्वेद सेवन का लाभ उठाया है। यह काढ़ा वितरण की कार्यवाही निरंतर जारी है।