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November 24, 2024

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गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक की सादगी के कायल हुए लोग पैदल पत्नी के साथ दीपावली की खरीदी करते नजर आए

  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • स्वयं कलेक्टर ने उठा रखे थे झोले

गरियाबंद.श। गरियाबंद कलेक्टर प्रभात मलिक की सादगी चर्चा का विषय रही बिना किसी लाव लश्कर के कलेक्टर एवं उनकी धर्मपत्नी अकेले जहां पटाखे खरीदने गांधी मैदान पटाखा बाजार पहुंच गए वहीं पटाखे खरीदने के बाद कलेक्टर स्वयं तीन झोला उठाकर आम आदमी की तरह पैदल घर जाते नजर आए।

जिले का सबसे बड़ा अधिकारी कलेक्टर होता है, देखा जाता है ज्यादातर समय कलेक्टर के साथ अन्य अधिकारियों का काफिला भी चलता है। किसी सामान की जरूरत होने पर सामान्यतः बंगले के कर्मचारी की खरीद कर लाते हैं गरियाबंद में सामान्यता इसके पहले कभी किसी कलेक्टर को सामान खरीदने स्वयं निकलते नहीं देखा गया, दीपावली पर्व पर कलेक्टर प्रभात मलिक तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मलिक पैदल गरियाबंद के तिरंगा चौक से होते हुए गांधी मैदान पहुंचे , दुकान नंबर दो पर वंश गोपाल सिन्हा की दुकान से दोनों ने चुन चुन कर अच्छे पटाखे खरीदे मिट्टी वाले अनार चकरी, रंगीन अनार सहित कई प्रकार के पटाखे कलेक्टर ने खरीदे और इसके बाद क्यूआर कोड से ऑनलाइन भुगतान किया इसके बाद बाकी दंपतियों की तरह बकायदा सभी झोले कलेक्टर ने स्वयं उठए और दोनों पैदल ही सिविल लाइन अपने घर की ओर चल दिए।

कचहरी मार्ग और पटाखा दुकान के आसपास कलेक्टर को इस तरह सादगी के साथ दीपावली पर्व की खरीदी करते देख हर कोई इनकी सादगी की प्रशंसा कर रहे थे।

दुसरी ओर दुकान संचालक वंश गोपाल सिन्हा ने बताया कि पद का अभिमान कलेक्टर साहब मैं बिल्कुल नजर नहीं आया किसी सामान्य दंपत्ति की तरह ही आए और पसंद के फटाके खरीदी कर स्वयं थैलियां लेकर पैदल ही चले गए। कलेक्टर प्रभात मलिक की इस सादगी का आज हर कोई कायल हो गए।