महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा : परमबीर सिंह के लेटर बम से शिवसेना- एनसीपी दरारें, बिहार जैसी स्थिति बन सकती है
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अब महाराष्ट्र सरकार में फिर से हलचल हैं। क्या सरकार गिर जाएगी। देखा जाए तो मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के लेटर बम से शिवसेना-एनसीपी की दोस्ती में दरार पड़ती दिख रही है। इससे न केवल एनसीपी बल्कि शिवसेना की छवि को भी बड़ा झटका लगा है। इस पूरी पिक्चर में कांग्रेस गायब है। जाहिर है कि शिवसेना अपनी छवि बचाने के लिए इस चक्रव्यूह से निकलना चाहेगी। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र में बिहार पैटर्न दोहराया जा सकता । रविवार को सरकार की स्थिति और भी बिगड़ती दिख रही है।
देश के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित निवास एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ों से लदी एक कार बरामद होने के बाद क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (सीआईयू) के पूर्व प्रमुख एपीआई सचिन वाजे की गिरफ्तारी से महाराष्ट्र की सियासत में नया नया मोड़ आ गया है। बता दें, बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़कर भाजपा के साथ वापस सरकार बना ली थी। माना जा रहा है कि शिवसेना एक बार पुन: पूर्व सहयोगी पार्टी भाजपा से हाथ मिला सकती है। ऐसे में कांग्रेस-राकांपा अलग-थलग पड़ जाएंगे।
यह क्या, शिवसेना की बजाए घिर गई एनसीपी
एंटीलिया मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुरू की तो वाजे की करतूत सामने आने लगी। इस मामले में पूरी तरह से शिवसेना को निशाना बनाया जाने लगा। सचिन वाजे को कोरोना काल के दौरान पिछले जून महीने में बहाल किया गया था। तब से यह माना जा रहा था कि वह शिवसेना का खासमखास है। वहीं, यह भी खबरें चली कि वाजे की बहाली के मुद्दे पर एनसीपी ने विरोध जताया था, लेकिन अब सिंह के पत्र से इससे पूरे प्रकरण में एनसीपी का असली चेहरा सामने आ गया है।
परमबीर सिंह सनसनीखेज आरोप
परमबीर सिंह की चिट्ठी में क्या लिखा है।इस बात को लेकर बवाल मचा हुआ है। अनिल देशमुख कह रहे कि सिंह आरोपों को साबित करने। बीजेपी आज देशमुख के खिलाफ कार्रवाई करने प्रदर्शन करने जा रही है।