भूपेश सरकार नैतिकता दिखाएं , शराब मुक्त हो प्रदेश – देवजी भाई
छत्तीसगढ़. प्रदेश में शराब के अभिशाप से गांव गरीब सब बेहाल हैं, किसी दल विशेष की सरकार को ही जिम्मेदार ठहराना उचित नहीं होगा। परंतु यह सत्य है कि जिस मंशा से प्रदेश में शराब माफियाओं को जड़ से समाप्त करने के लिए ठेका पद्धति बंद करा कर सरकार स्वयं आंशिक नशा मुक्ति की ओर अग्रसर होने का प्रयासरत रहा, मगर परिणाम बद से बदतर होती चली गई । ना ही शराब माफिया का सफाया हुआ न ही शराब के अवैध कारोबार का, बल्कि विगत वर्ष से यह एक अवैध व्यवसाय/ कारोबार बन गया । सरकारी संचालन ने सरकार के मंशा पर पानी फेर दिया, नतीजन छत्तीसगढ़ की जनता को शराब ने पूरी तरह अपने आगोश में जकड़ लिया । भूपेश सरकार अपने चुनावी वादों में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया मगर परिणाम आज जनता के सामने है , सच तो यह है कि कांग्रेस की नियत ही साफ नहीं है । तथाकथित जनप्रतिनिधियों के गठित समिति आज तक किसी परिणाम तक नहीं पहुंच पाई । और शांतिप्रिय छत्तीसगढ़ की जनता शराब के दुषपरिणामों से बच नहीं पाए। पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पुनः अनुरोध किया है कि अब यह पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि छत्तीसगढ़ की जनता शराब के गुलाम नहीं है बल्कि हर तरह से धैर्यवान है। यदि गुलाम है तो शराब के आड़ में रोटी सेकने वाले लोग चाहे वह कोई भी हो कोरोना संक्रमणकाल के दरमियान विगत 1 माह से शराब दुकानें बंद है यह प्रदेश का सौभाग्य है कि शराब के अभाव में किसी भी प्रकार की एक भी अप्रिय घटना नहीं घटी यह सिद्ध करता है कि जनता शराब से निजात पाना चाहता है प्रदेश के आम नागरिक माताएं बहने समाज सेवी संस्थाएं आज निरंतर इस पर चर्चा कर रहे हैं की शराब के बिना ही छत्तीसगढ़ प्रदेश अपने विकास को तय करेगा । जहां कोरोना संक्रमण को हराने में अब तक तटस्थ रहें वही शराब सेवन से पूरी तरह अछूता भी। सारी भ्रांतियां अब समाप्त हो गई हैं , कि शराब एकाएक बंद नहीं किया जा सकता । आज मौका है परिणाम सामने हैं सत्कार प्रदेश को शराब मुक्ति होने के लिए अधिसूचना जारी हो।
देवजी पटेल ने कहा भाजपा शासन में भी वे शराबबंदी अवैध कारोबार पर टीका टिप्पणी करते आया है और आज की बदतर स्थिति और उससे उद्वेलित करती है ।जब से शासन ने शराब बेचने का निर्णय लिया है तब से अमानत से खयानत हो रही है कांग्रेस सरकार के महज 10 माह के कार्यकाल में 2856 करोड़ का शराब घोटाला उजागर हुआ है, इसके पूर्व शराब कंपनियों को करोड़ों का अवैध लाभ पहुंचाने वाले समुंदर सिंह फरार हैं। प्लेसमेंट कंपनी के कारनामे रोज अखबारों में पढ़ने को मिल रहा है अवैध कारोबार फल फूल रहा है । सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का , चरितार्थ है, आबकारी पुलिस , थाना प्रभारी से लेकर सभी जिम्मेदार लोग इस गोरखधंधे में लिप्त रहे और आज भी है , छत्तीसगढ़ बेवरेज कार्पोरेशन का क्रियाकलाप अब महज गोडाउन संचालन तक ही सीमित है । मार्केटिंग कॉरपोरेट लिमिटेड विदेशी मदिरा के मालिक बन बैठा है सारे नियम कानून कायदों को ताक में रखकर विदेशी शराब कम्पनियों को उपकृत करने में लगा है ।
देवजी ने कहा कि प्रदेश में अब शराब का कारोबार अब सिर्फ अवैध व्यापार/ मुनाफाखोरी का रूप के लिया है । यह समय निर्णय लेने का है प्रदेश की जनता अब शराब के बिना भी रह सकती है । सारे शंका कु – शंका अब विगत एक माह के लॉकडॉऊन के चलते समाप्त हो गया है ।
कांग्रेस सरकार की यदि नियत साफ है तो , प्रदेश की जनता के हित में सोचना है और शराब के बहुचर्चित कारोबार को समाप्त करना चाहती है तो , तत्काल पूर्ण शराबबंदी का निर्णय ले , अन्यथा जनता और विशेषकर माताएं, बहने , हमारी भावी पीढ़ी कभी माफ नहीं करने वाली ।