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October 19, 2024

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गरियाबंद जिले के बदहाल शिक्षा व्यवस्था – 5 कक्षाओं को कैसे पढ़ाए एक शिक्षक इसलिए टेप रिकॉर्ड से हो रहा है पढ़ाई  

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • शासकीय प्राथमिक शाला कोयबा एंव माध्यमिक शाला में मात्र एक – एक शिक्षक, शासकीय कार्य पर जाने से स्वीपर बच्चों को पढ़ाने मजबूर

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र में बदहाल शिक्षा व्यवस्था में सुधार होते हुए नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने और उनमें कलात्मक रूची लाने अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है लेकिन दुरस्थ वनांचल क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था को देखने वाला कोई नहीं है। हालत यह तक है कि पांच पांच कक्षाओं को मात्र एक शिक्षक पढ़ाने मजबूर हो रहे हैं। ऐसे नहीं कि इसकी जानकारी स्थानीय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी को न हो कई बार ग्रामीणों के द्वारा आवेदन देकर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों से शिक्षको की मांग करते थक चुके है लेकिन आदिवासी क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए जो प्रयास किया जाना चाहिए। वह होता नहीं दिख रहा है, जिसका खामियाजा देश के भावी भविष्य आदिवासी बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से 34 किलोमीटर दुर नेशनल हाईवे के किनारे शासकीय प्राथमिक शाला कोयबा की भवन की हालत बेहद जर्जर जीर्ण शीर्ण हो चुका है और तो और खिड़की, दरवाज़े, का हाल-बेहाल है इस विद्यालय में दर्ज संख्या कक्षा पहली में 24, दुसरी में 11 एंव तीसरी में 14, चौथी में 06 और पांचवी में 19 कुल 74 छात्र छात्राए अध्यनरत है और इन पांच कक्षाओं की 74 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है, शिक्षक साथ में बीएलओ का भी कार्य करता है। ऐसे में उन्हे शासकीय कार्य या प्रशिक्षण में जाना पड़ता है तो फिर स्वीपर बच्चों को पढ़ाते हैं। एक शिक्षक पांच कक्षाओं को कैसे शिक्षा दे सकता है इसकी कल्पना भी नही की जा सकती यहां के एक मात्र शिक्षक ने बच्चों को पढ़ाने के लिए नया तरीका निकाला हैै। दो कक्षाओं के बच्चों को एक साथ पढ़ाते है और तीन कक्षाओं के बच्चों को एक साथ बिठाकर रिकार्ड किया हुआ टेप रिकार्डिंग बाक्स टेबल में सामने रख दिया जाता है। भले आपको जरा अजीब लगे लेकिन यह सच्चाई है। एक शिक्षक करे भी तो क्या करें, बच्चो के सामने टेप रिकार्ड चालू कर देता है और तीन कक्षा के बच्चें टेप रिकार्ड के माध्यम से पढ़ने मजबूर हो रहे हैं।

  • मिडिल स्कूल में 60 बच्चों के लिए एक शिक्षक

नेशनल हाईवे के किनारे प्राथमिक शाला से लगे मिडिल स्कूल कोयबा की हालत भी बेहद बदत्तर है। मिडिल स्कूल के तीन कक्षाओं के बच्चों के लिए एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। स्कूल में अनेक योजनाओं के तहत दो दो तीन तीन शौचालय का निर्माण स्कूल परिसर में किया गया है, लेकिन इन शौचालय की स्थिति बेहद खराब है, शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है। कई शौचालय का निर्माण कार्य आज तक पुरा भी नहीं हुआ है।

  • जनपद सदस्य एवं सरपंच ने बताया

जनपद पंचायत सदस्य दीपक मंडावी, सरपंच बेलमती मांझी ने बताया कई बार प्राथमिक शाला कोयबा और मिडिल स्कूल में शिक्षक की मांग को लेकर आवेदन देते थक चुके है, लेकिन न तो आवेदन की कोई अब तक सुनवाई हुई है और न ही शिक्षक की व्यवस्था किया गया‌ उन्होंने बताया कि कोई अधिकारी भी इस स्कूल के निरीक्षण में नही पहुंचते।