टाईगर रिजर्व के पहाड़ी क्षेत्र में घुसे राजस्थानी भेंड, बकरी और ऊंट
1 min read- पिछले चार दिनों से ओडिसा सीमा कुर्वापानी पहाडी के उपर हजारों भेंट बकरी चट कर रहे हैं जंगल, विभाग के अधिकारी बेखबर।
- रामकृष्ण ध्रुव मैनपुर
मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन ऐरिया कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र के पहाडी के उपर कुर्वापानी ओडिसा सीमा जंगल में पिछले चार दिनों से राजस्थान और गुजरात के हजारों भेंड बकरिया व ऊंट लगातार जंगल में चर रहे हैं| ग्रामीण सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हर वर्ष बारिश से पहले ये राजस्थानी भेंड बकरी वाले अपने जानवरों के साथ ओडिसा सीमा पर लगे जंगलो में डेरा डाले रहते है, जब इसकी जानकारी यहा के अधिकारियों को लगती है और उनके पहुचने से पहले वे अपने भेंड बकरियों को लेकर ओडिसा सीमा पर चले जाते हैं| ओडिसा से खदेडने पर वे छत्तीसगढ़ के सीमा पर अपने जानवरो को लेकर पहुंच जाते है| बहरहाल जो भी हो ये हजारों भेंड बकरिया और ऊंट हरे भरे जंगलो को उजाने में लगा हुआ है|
पेंडो की हरियाली चट कर रहे हैं| जंगलो में वनस्पतियाॅ बडी तेजी से नष्ट होती जा रही है जिस स्थान से इन ऊंटो और भेंडो का झुंण्ड गुजरता है, वहाँ हरियाली दिखाई नही देती है|जंगलों को काफी नुकसान पहुंच रहे है|पिछले चार दिनों से भेंड बकरी राजस्थानी लोगो को मैनपुर और धवलपुर के आसपास भी देखा गया है, जंहा वे लोग राशन सामग्री लेने उतरते हैं, तो वही स्थानीय जिले के बकरा बकरी बेंचने वाले बिचैलियों को भी भेंड मोटर सायकल से इस क्षेत्र में लाते ले जाते देखा जा सकता है।
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफरजोन एरिया वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट के कीमती जंगलो को इन दिनों राजस्थान और गुजरात की भेड़ बकरिया व ऊंट नष्ट कर रहे है|वन विभाग के संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा इसे रोकने कोई पहल नहीं किया जा रहा है|एक तरह से विभाग अनजान बने हुए है और पिछले एक सप्ताह से पहाड़ी के उपर जंगलो मे राजस्थानी अपने भेड़ बकरियों के साथ डेरा डाले हुए है|हजारों की संख्या में भेड़ बकरी और ऊंट जंगल में चरते देखे जा सकते है|तेजी से जंगल को ये चट कर रहे है, अवैध चराई के कारण जंगल के वन्यप्राणी जंगल छोड़कर अन्यत्र भटकने मजबूर हो रहे है, जबकि शासन द्वारा इन जंगलो मे अन्य प्रांतो की भेड़ बकरी व ऊंटो के आने जाने व उसकी चराई के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है| बावजूद इसके लगातार राजस्थान और गुजरात के भेड़ बकरियां और ऊंट बेधड़क जंगल के कीमती जड़ी बूटी व नर्सरी, कीमती वनों को चट करते जा रहे हैं| बताया जाता है ये बकरियां जिस जंगल से गुजरती है| वह जंगल क्षेत्र को नष्ट करते जाती है और इसके मलमूत्र से काफी नुकसान होने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी जाती है|इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई है और ग्रामीणों ने बताया कुल्हाड़ीघाट जंगल के पहाड़ी में अलग -अलग झुण्ड में ये लोग डेरा डाले हुए है और हजारो की संख्या में भेड़ बकरियां व ऊंट जंगल में चरते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इसे रोकने विभाग द्वारा कोई खास पहल करते नहीं दिखाई दे रहा है विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है और तो और ग्रामीणों ने कुल्हाड़ीघाट के जंगल क्षेत्र में राजस्थान और गुजरात के भेड़ बकरियां और ऊंट की चराई की तस्वीर भी लगातार सोशल मिडिया में पोस्ट कर रहे है|बावजूद इसके वन विभाग को इसकी जानकारी नहीं होना समझ से परे है।
क्या कहते है अधिकारी
इस सबंध में चर्चा करने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाडीघाट सुदर्शन नेताम ने बताया उन्हे राजस्थानी भेंड बकरियों व ऊंट आने की जानकारी नहीं है, लेकिन हाथियों का दल कुल्हाडीघाट क्षेत्र में फिर वापस आ रहा है| इसकी जानकारी मिली है| उन्होने आगे कहा भेंड बकरियो और ऊंट पहुचने की जानकारी लेकर बताता हॅॅू उन पर उचित कार्यवाही किया जाऐगा ।
सुदर्शन नेताम वन परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाडीघाट