रानी दुर्गावती मातृभूमि एंव आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिया : लोकेश्वरी वरी वरी नेताम
- मैनपुर में रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर पुजा अर्चना वृक्षारोपण न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर मे आज गुरूवार को आदिवासी समाज द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती की बलिदान दिवस मनाई गई, सर्वप्रथम समाज प्रमुखों द्वारा रानी दुर्गावती की छायाचित्र की पूजा अर्चना किया गया और वृक्षारोपण भी किया गया। इस दौरान जिला पंचायत गरियाबंद के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर उनके अदम्य साहस, शौर्य ,बलिदान को नमन करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती किसी आगे घुटने नहीं टेके और मातृभुमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिया।
मातृभूमि की रक्षा के लिए रानी दुर्गावती का बलिदान देशवासियों को सदैव प्ररेणा देती रहेगा, श्रीमती नेताम ने आगे कहा रानी दुर्गावती केवल वीरांगना ही नहीं थी बल्कि मां पत्नि और कुशल प्रशासक भी थी जिसके युद्ध कला के आगे मुगल शासक भी नतमस्तक थे। उन्होंने कहा आज वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस के अवसर पर हम क्षेत्र के सभी आदिवासियो को शपथ लेना है कि आदिवासी समाज को और अधिक संगठित करने सभी तन मन धन से जूट जायेंगे।
आदिवासी समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है देश के आजादी के लिए हजारो आदिवासियों ने अपने प्राणो को न्यौछावर कर दिया है। गोडवाना गणतंत्र पार्टी के सभांगीय अध्यक्ष महेन्द्र नेताम ने कहा रानी दुर्गावती भारत की एक वीरांगना थी जिन्होने अपने विवाह के चार वर्ष बाद अपने पति दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने पुत्र वीरनारायण को सिंहासन पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में शासन आरंभ किया उनके शासन मे राज्य की बहुत उन्नति हुई मठ मंदिर कुएं बावली तथा अनेक धर्मशालाएं जनता के हित मे उनके द्वारा बनवाये गये हैं। तांबा के सिक्का चलाएं मध्य भारत मे पहली शासक के रूप मे उन्होने राज किया, महिलाओं के उत्थान के लिये उन्होंने काफी प्रयास किया समाज सुधार के दिशा में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता और अपने राज्य को दुश्मनो से बचाने चार वर्ष के बच्चे को अपने गोद मे लेकर पुरी साहस के साथ दुश्मनो से लोहा लेते हुए उन्होने वीरगति को प्राप्त किया।
कमार विकास अभिकरण के सदस्य पिलेश्वर सोरी ने कहा कि रानी दुर्गावती भारत माता के संच्चे संतान थी उनके बलिदान को हिन्दुस्तान के लोग कभी नही भुला सकते उनके बताये हुए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रध्दांजलि होगी। श्री सोरी ने आगे कहा कि रानी दुर्गावती भारत के उन वीरांगनाओ में से एक है, जिन्होने अपने सौर और साहस से वीरता से एक नई ईबारत लिखी , रानी दुर्गावती ने किसी के आगे घुटने नही टेके और मातृभूमि एंव आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये उनका साहस और बलिदान हमेशा देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
इस मौके पर प्रमुख रूप से जिला पंचायत के सदस्य श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, गोडवाना गणतंत्र पार्टी के सभांगीय अध्यक्ष महेन्द्र नेताम, पिलेश्वर सोरी, भुंजिया जनजाति के नेता टीकम नागवंशी, आदिवासी युवा नेता निहाल सिंह नेताम, शेख हसन खान, रविशंकर बघेल, विश्वनाथ, दशरथ नेताम, बोहरन यादव, युवराज नेताम, रोशन, पालेश्वर नेताम, कमलेश सिंह, नयन सिंह नेताम, , बृजलाल सोनवानी, ग्राम पंचायत तुहामेटा के उपसरपंच धरमीन बाई, नोकेलाल धु्रव, सहित बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे ।