हैंडपंपों से निकल रहा है आयरन युक्त लाल पानी, ग्राम पंचायत ने सुखे नदी में झरिया खोदाई कर ग्रामीणाें को पहुंचाई राहत
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- फरसरा, लूठापारा, खोलापारा, छिन्दौला के ग्रामीण शासन प्रशासन से शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने लगातार लगा रहे हैं गुहार
- आजादी के 74 वर्षो बाद भी मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के दर्जनों ग्रामो के आदिवासी कमार जनजाति के ग्रामीणाें को पीने के लिए नसीब नहीं हो रहा है शुध्द पेयजल
- शेख हसन खान
मैनपुर – देश को स्वतंत्रता मिले 74 वर्ष हो चुका है लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी गरियाबदं जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर अंतर्गत दर्जनों ग्रामों के हजारों विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासियों को आज भी पीने के लिए शुध्द पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे यह आसानी से अंजादा लगाया जा सकता है कि गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र जिसके धरती के नीचे अपार बहूमूल्य हीरा अलेक्जेंडर डर कीमती रत्न भरा पड़ा है। इस अमीर धरती के उपर बसने वाले लोगों को कौन सा पीडा और तकलीफ से जुझना पड़ रहा है, ज़हां लोगों को पीने के लिए साफ पेयजल उपलब्ध न हो वंहा विकास के अन्य बाते सिर्फ खोखली नजर आती है। ऐसा नहीं कि सरकार व शासन ने प्रयास न किया हो बकायदा मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम फरसरा, लुठापारा, छिन्दौला, खोलापारा धोबीपारा में हेडपम्प खनन भी करवाया है।
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एक नहीं दर्जनों हेडपम्प है लेकिन इन हडपम्पों से निकलने वाला पानी पीने के लायक नहीं है, हेडपम्प से निकलने वाला पानी लाल आयरन युक्त होने के कारण मजबूरन यहा के ग्रामीणाें को सुख चुके नदी नालो में झरिया खोदकर एक दो किलोमीटर दुर से पैदल पानी लाकर जीवन यापन करना पड़ता है। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी जिले के आला अफसरों व संबधित विभाग के अधिकारियों को न हो ग्राम पंचायत दबनई के सरपंच व ग्रामीणाें के द्वारा समय समय पर लिखित आवेदन के माध्यम से जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर ब्लाक स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर व अफसरों सहित क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधियो को दिया गया है, लेकिन सबंधित पी.एच.ई विभाग हेडपम्प खनन करने के बाद माने अपने कर्तव्यों का ईतिश्री कर लिया है, जबकि यहा के ग्रामीणाें का कहना है कि यदि सौर उर्जा के माध्यम से पेयजल की सप्लाई किया जाए तो निश्चित रूप से गांव के लोगों को शुध्द पेयजल उपलब्ध होगा, क्योंकि यह क्षेत्र पत्थरीला क्षेत्र है और तेजी से जल स्तर गर्मी के दिनो में नीचे चले जाता है साथ ही हेडपम्प के पानी को निकालने के बाद पांच मिनट उसे बर्तन मंे रखने से वह पानी पुरी तरह लाल हो जाता है, जिससे खाना नहीं बन पाता और तो और इस लाल पानी का उपयोग ग्रामीण कपड़ा धोने के लिए भी नहीं कर पाते जब भी ग्रामीण पी.एच.ई विभाग के पास समस्या लेकर जाते है तो उनके द्वारा यही जवाब दिया जाता है कि गांव में एक दर्जन से ज्यादा हेडपम्प है और कितना हेडपम्प करेगे , जबकि होना यह चाहिए कि हेडपम्प जो खनन किया गया है उसमें मोटर पम्प लगाकर सौर उर्जा के माध्यम से लगातार पानी चलने दिया जाए तो ग्रामीणाें को साफ पानी नसीब हो पायेगा।
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दो किलोमीटर दुर से पानी लाने को मजबूर ग्रामीण, हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण जान का डर
ग्राम पंचायत दबनई के आश्रित ग्राम फरसरा, छिन्दौला, खोलापारा, लुठापारा, धोबीपारा हाथी प्रभावित क्षेत्र है। इस क्षेत्र में हमेशा जंगली हाथियों का दल विचरण करता है। इसके बावजूद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर कई मोहल्ले और पाराटोला के ग्रामीण दो किलोमीटर दुर नदी से झरिया से पानी लाने मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीण रामेश्वर सोरी, मानस सोरी, फुलचन्द्र, सखराम, सुनाराम, कंवलसिंह, रोहित ने बताया कि शासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इस गांव मंे शुध्द पेयजल की व्यवस्था किया जाए।
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क्या कहते हैं सरपंच व जनप्रतिनिधि
शासन प्रशासन शुध्द पेयजल उपलब्ध कराये नहीं तो अब आंदोलन करेंगे – रोशन राठौर
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ग्राम के युवा पंच रोशन राठौर ने बताया कि छत्तीसगढ राज्य निर्माण हुए 21 वर्ष हो गये कई विधायक, सांसद इस क्षेेत्र की जनता के कीमती वोटो से चुने गये है। चुनाव से पहले सभी के द्वारा यहा शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने का वायदा किया जाता है लेकिन चुनाव के बाद भुल जाते है। चुनाव जीतने के बाद अभी तक सांसद और विधायक इस गांव में पहुचे तक नहीं है। श्री राठौर ने आगे कहा कि इस क्षेत्र में विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासी बडी संख्या में निवास करते है, जिनके विकास के लिए सरकार द्वारा कमार परियोजना संचालित किया जा रहा है और करोडो रूपये सिर्फ कागजो में खर्च किया जा रहा है, तभी तो अभी तक इस क्षेत्र के हजारो लेागो को पीने के लिए शुध्द पेयजल उपलब्ध नही हो पा रहा है। श्री राठौर ने कहा कि जल्द पेयजल समस्या का समाधान नही होगा तो अब ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सरकार से गुहार लगाते थके अब पंचायत के द्वारा झरिया खोदवाकर पानी की व्यवस्था – सरपंच घनश्याम नागेश
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ग्राम पंचायत दबनई के सरपंच घनश्याम नागेश ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन और सरकार को गांव में शुध्द पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आवेदन प्रस्ताव बनाकर दे चुके है, लेकिन अब तक कोई भी प्रकार की सुविधा नही मिला मजबूरन ग्राम पंचायत द्वारा पथरीला ईलाका होने के कारण जेसीबी मशीन से सुखे नदी में झरिया खुदाई कर ग्रामीणों के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन आने वाले गर्मी मई और जून में यहा पेयजल की भारी दिक्कतों का सामना करना पडे़गा।