राष्ट्र के प्रति हमें अपनी जवाबदेही करें, ज्ञान व बुद्धि से विकास संभव: सरस्वती
स्वदेशी जागरण मंच का राष्ट्रीय विचार वर्ग में राष्ट्र व समाजहित पर विचार विमर्श
राउरकेला। स्वदेशी जागरण मंच का राष्ट्रीय विचार वर्ग का उद्घाटन गुरुवार को पद्मश्री दैतारी नायक ने किया, यह कार्यक्रम आगामी तीन दिन तक चलेगा। सम्मानित अतिथि चिन्मय मिशन, राउरकेला के स्वामी निलिर्पानंद सरस्वती ने कहा कि बिना बुद्धि व विचार मंथन के द्वारा मनुष्य जीवन में उत्कृष्टता नहीं मिल सकती है। राष्ट्र के प्रति हमारा दायित्व तथा कार्य स्वयं स्थिर किया जाना चाहिए।
ज्ञान, बुद्धि व क्रिया शक्ति द्वारा देश का विकास संभव है, उसी प्रकार पद्मश्री दैतारी नायक ने भी अपने विचार रखे।मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के विचार प्रमुख दीपक शर्मा ने कहा कि नब्बे के दशक में शुरू उदारीकरण व वैश्वीकरण के कारण नारी उत्पीड़न, आत्महत्या, विवाह विच्छेद की प्रवृति बढ़ी है, स्वदेशी जागरण मंच ने रुपये के गिरते स्तर पर चिता जताने के साथ मंच की ओर से द्वितीय स्वाधीनता संग्राम शुरू करने की बात कही, जिसका उद्देश्य स्वदेशी को अपनाना तथ विदेशी का बहिष्कार करना है, अन्य अतिथि वाटर क्राफ्ट की निदेशिका निहारिका बस्तीया ने अपनी बात रखी। मंच के पदाधिकारी मनोज नायक, राजू सिंह, सरोज महापात्र ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया। इस विचार वर्ग में ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, सिक्किम, असम से प्रतिनिधि पहुंचे है।