एससी मिश्रा भाजपा का एजेंट व मायावती उसके हाथ की कठपुतली-लौटनराम
1 min readलखनऊ।मायावती सतीशचंद्र मिश्रा के हाथ की कठपुतली व सतीशचंद्र मिश्र भाजपा का एजेंट है।उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि मायावती दलित जातियों को अपना बंधुआ मजदूर समझती है।दलितवर्ग में जाटव/चमार के अलावा और 65 दलित जातियाँ-कोरी,पासी,दुसाध,खटिक,वाल्मीकि,धानुक,मुसहर,कोल,गोंड़,खरवार,मझवार,बेलदार,पासी,तुरैहा आदि हैं,जो कभी मायावती को अपना नेता मानी ही नहीं।मायावती को गलतफहमी है कि दलित जातियाँ उसकी वोटबैंक हैं,जबकि सच्चाई यह है कि कांशीराम की मौत के बाद दलित वर्ग तो दूर अब जाटव/चमार भी मायावती को अपना नेता नहीं मानता।मान्यवर कांशीराम की मौत की जिम्मेदार खुद मायावती है,जिसने स्लो पाइजन देकर उनकी हत्या की।
निषाद ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर मायावती द्वारा टिप्पणी करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मायावती भाजपा व मोदी के डर से अखिलेश जी को आरोपित कर रही हैं।अखिलेश की देन है कि मायावती की बसपा 0 से 10 पर पहुंच गई, अन्यथा अकेले लड़ने पर 10 सीट तो दूर बसपा को 10% भी वोट नहीं मिलता।मायावती ने पूर्व में जो टिप्पणी किया था,उसका आशय यह था कि यादवों ने बसपा को वोट नहीं दिया।जबकि सच्चाई यह है कि बसपा की जीत में यादव वोट का ही योगदान है।हाँ, जहाँ सपा उम्मीदवार था, वहॉं 50% से अधिक चमारों ने वोट नहीं दिया।यही नहीं,बसपा से गठबंधन के कारण 50-60 फीसदी कश्यप,निषाद, बिन्द गठबंधन से दूर चला गया।
निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव जी ने बसपा से गठबंधन कर अपना नुकसान व बसपा को जीवनदान दिए।बसपा का सपा से गठबंधन नहीं होता तो इस बार भी बसपा जीरो होती और अकेले लड़कर सपा 25-30 सीट जीतती।अखिलेश यादव ने गठबन्धन धर्म का बखूबी पालन किये हैं जिसे पिछड़े ही नहीं अब दलित भी समझ गए हैं।उपचुनाव मायावती अब अकेले लड़ लें,उन्हें उनकी हैसियत का पता चल जाएगी।मायावती अपने भाई आनन्द या भतीजे आकाश आनन्द को अपना राजनीतिक वारिश बनाने का सपना देख रही है,जो पूरा होने वाला नही है।क्योंकि दलित व जाटव समाज उसको उसकी हैसियत बताने के लिए तैयार है।