शर्मनाक… पहले थाने में जबरदस्ती घुस कर हथकड़ी खोले फिर रात-भर मारते हुए ले गए रायगढ़
1 min read- शिखा दास, पिथौरा, महासमुन्द
- रायगढ़ के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राहुल राजपूत ने थाना पिथौरा में दिखाया दबंगई
- मामले का वीडियो वायरल होने पर सिर्फ दो पुलिस कर्मियों को किया लाइन अटैच
- SDOP ने कहा, शीघ्र ही सब आरोपी कानून के दायरे में होंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। कोई भी अपराधी कानून से बड़ा नहीं होता
पिथौरा थाना महासमुन्द जिला छग का एक मामला दलित युवक से उसके ही मालिक द्वारा रायगढ़ से आकर पिथौरा थाना के अंदर लॉकअप रूम के सामने हथकड़ी खोलने मारपीट करने आदि का आया है । घटनाक्रम 30 जून से 1 के 1 जुलाई की दरमियानी रात की है। रायगढ़ के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राहुल राजपूत ने अपने ही भाई जो कि रायपुर में पुलिस है उससे अपने कर्मचारी के मोटरसाइकिल चोरी कर भागने की बात बोलकर पिथौरा थाना में कॉल करवाया की गिरी ढाबा में वह बैठा है उसे पैट्रोलिंग को बोलकर थाना में बिठाए । उसके पुलिस भाई ने यही किया। पश्चात पिथौरा तत्कालीन ti शिवकांत तिवारी के निर्देशन में उस कर्मचारी को बिना fir के थाने में हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार कर बिठाया गया । Sdop PREM SAHU ने कहा कि SP ने उन्हे जाँच अधिकारी बनाये हैं विवेचना जारी है।
रायगढ़ के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राहुल राजपूत के द्वारा थाना के अंदर अपने ही दलित कर्मचारी को मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में गिरफ़्तार करवाने के बाद स्वयं देर रात थाना पहुँच कर गाड़ी की चाबी से हथकड़ी खोलना व मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करना पिथौरा पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं । ड्यूटी में रात्रिकाल में जो दो आरोपी आरक्षकों गोपाल यादव, शैलेश ठाकुर को लाईन अटैच किया गया है । इन दोनोँ के समक्ष ही किरीग स्टैण्ड से राहुल ने जब्त मोटरसाइकिल की चाबी से ही हथकड़ी खोला मारपीट करते हुए बिना लिखित सूचना के उसे जबरदस्ती अपने साथ लेकर चलते बना ।इस बीच लाईन अटैच दो पुलिस वाले भी ना जाने क्यों तमाशा देखते रहे ?
भाग मत जाये इस कारण उसे हथकड़ी लगाया गया था । SDOP ने कहा । राहुल राजपुत ने स्वयम अन्य साथी से विडियों बनवाया । जाँच जारी है । पुलिस ने मारपीट नहीं किया ।सीसीटीवी को भी खंगाला गया है । सभी आरोपी गिरफ्तार होंगे दलित युवक के मारपीट मामले। उस वक़्त तत्कालीन थाना प्रभारी रात्रि में थाना में नहीं थे। आरोपी कोई भी हो नहीं बख्शे जाएंगे ।
उल्लेखनीय है कि ना ही राहुल राजपुत ना ही उसके कान्सटेबल भाईजी ने रायपुर या रायगढ़ से 0 पाई न्ट में FIR करवाया ।रायपुर से राहुल के पुलिस भाई ने बस पिथौरा थाना चोरी व GIRIDHABA में बैठें होने की बात कही और वह दलित युवक बिना FIR के तत्कालीन TI शिवकांत तिवारी के आदेश पर पकड़ा गया। हथकड़ी लग गयी । जिस लॉक UP रूम के पास रोजनामचा लिखा जाता हैं वहां यही पुलिसवाले हमारे जैसे पत्रकार को फ़ोटो खिंचने से ही नहीं खड़े होने से रोकते हैं। वहां रायगढ़ का कथित ट्रांसपोर्टर बेधड़क घूस जाता है।
जब एक दलित युवक अपने अमीर मालिक की गुंडागिरी का शिकार हुआ बिना FIR के किसकी वजह से ? चोरी किया या नहीीं ये तो अभी तक स्प्ष्ट नहीं ?
संयोग यह था कि 30 जूून को TI तिवारी का ट्रांसफर आर्डर जारी हुआ था, लेकिन 2 जुलाई तक तो थे ही पर शिवकांत तिवारी की छत्रछाया में ही सब कुछ हुआ। भले ही विदाई पार्टी में बड़ी रौनक रही हो पर मजाल की थाने का यह गुनाह किसी को भनक तक नहीं लगने दिए ? क्या 1 जुलाई की सुबह तत्कालीन TI थाने में थे । यह युवक कहा लापता हो गया उन्होंने पूछा क्यों नहीं ? मतलब कथित बड़े ट्रांसपोर्टर राहुल राजपूत जैसे लोग थाना में घुस कर कुछ भी कर ले और TI जिम्मेदार ना हो ?
- अगर दो पुलिसकर्मी जिम्मेदार है तो तत्कालीन TI पर जाँच होनी ही चाहिए
सविस्तार जानकारी यह साबित करता है कि धनबल के घमण्ड में चुर व्यक्ति किसी भी हद तक गिर सकता है और कानून को भी अपनी बपौती समझ बैठा राहुल राजपूत।पीड़ित युवक ने रायगढ़ में मारपीट करने वाले युवकों के खिलाफ एसपी से लिखित में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षक के भाई के यहां काम करता है। उसकी बाइक ले जाने के मामले में आरक्षक ने अपने साथी कॉन्स्टेबल से सहयोग मांगा था।
सन्नी खोरा थाना पलारी जिला बलौदाबाजार निवासी तरुण कुमार डहरिया को रायगढ़ के रहने वाले राहुल सिंह और सन्नी सरदार ने बाइक चोरी के आरोप में पिथौरा में पकड़ा। उसके बाद दोनों ने तरुण के साथ मारपीट की। तरुण को पीटते-पीटते दोनों युवक पिथौरा थाना लाए। थाना प्रभारी शशांक पौराणिक ने बताया कि ड्यूटी में आरक्षक गोपाल यादव और शैलेष ठाकुर थे। ये दोनों आरक्षक शिकायतकर्ता के भाई के बैचमेट थे। शिकायतकर्ता का भाई पुलिस विभाग में आरक्षक है। उन्हीं के कहने पर युवक को हिरासत में लिया था। उन्होंने बताया कि आरक्षकों ने लापरवाही बरती है। सुपुर्दनामा होने के बाद हथकड़ी को आरक्षकों को खोलना था, लेकिन शिकायतकर्ता ने खोला और इसका वीडियो भी बना लिया। यही वीडियो उन्होंने वायरल किया।
- जानिए ये है पूरा मामला
पीड़ित तरूण डहरिया रायगढ़ में राहुल सिंह के यहां झाडू़-पोछे का काम करता था। कुछ दिन पहले उसकी बुलेट को लेकर ये अपने गांव आ गया और पिथौरा के एक ढाबेगिरी बाबाढाबा में काम करने लगा। इस बात की सूचना राहुल सिंह को मिली तो अपने दोस्त सन्नी सरदार के साथ 30 जून को पिथौरा आया और तरुण को ढूंढने लगा। रात में तरुण की मुलाकात पिथौरा के पास एक ढाबे में हुई है। इसके बाद दोनों युवक अपने भाई को सूचना देकर पिथौरा पुलिस की मदद करने की बात कही।
इसके बाद उसके भाई के पहचान वाले दोनों आरक्षक वहां आए। उसे लेकर पीटते हुए थाना ले गए पर SDOP PREM SAHU ने कहा कि आरक्षको ने मारपीट नहीं किया विवेचना जारी है ।
- रास्तेभर पीड़ित से मारपीट
पीड़ित के अनुसार पिथौरा से अपनी कार में दोनों लाए और रास्तेभर मारपीट किए और रायगढ़ लाकर स्टेशन चौक के आसपास फिर घंटों रास्तेभर पीड़ित से मारपीट।
पीड़ित के अनुसार पिथौरा से अपनी कार में दोनों लाए और रास्तेभर मारपीट किए और रायगढ़ लाकर स्टेशन चौक के आसपास फिर घंटों मारपीट की। पीड़ित के अनुसार फिर आरोपी युवकों ने उसे सिटी कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया था। वहीं पीड़ित ने दोनों युवकों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक रायगढ़ को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। पीड़ित ने बताया कि मैंने बुलेट चोरी नहीं की है। काम की मजदूरी नहीं देकर मुझसे कहा गया कि बुलेट लेकर घूमने जाओ कहा। मैं बुलेट लेकर अपने गांव आ गया था। बुलेट चोरी नहीं की है।
- महिला आवेदन और वीडियो लेकर पहुंची थाना
इस घटना को सोशल मीडिया में देखकर सिटी कोतवाली पुलिस के पास जब शहर की एक महिला आवेदन लेकर सोशल मीडिया के वीडियो साथ पहुंची, तब पुलिस ने पीड़ित दलित युवक तरुण को कोतवाली से यह कहकर छोड़ दिया कि इसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके बाद यह वीडियो इंस्टाग्राम से डिलीट भी कर दिया गया। मामले ने जब तूल पकड़ा तब पीड़ित युवक के साथ कुछ लोग रायगढ़ पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पिथौरा थाने में शिकायत करने की सलाह दी।
- ये दो आरक्षक हुए लाइन अटैच
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही पिथौरा थाना में पदस्थ आरक्षक शैलेष ठाकुर व गोपाल यादव को पुलिस अधीक्षक ने लाइट अटैच कर दिया है। वहीं इस मामले की जांच का जिम्मा एसडीओपी पिथौरा को सौंपा गया है। तत्कालीन थाना प्रभारी से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई पर उन्होंने काल रिसिव नहीं किये ।