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November 20, 2024

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मजबूरी या मजदूरी पलायन का कारण, दलाल मस्ती में

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Youth Women Introduction Conference on December 29 in Raipura

पिथौरा-महासमुँद|बरसों से 420काण्ड के लिए BLACKLISTEDपिथौरा क्षेत्र से प्रतिदिन लगातार हजारो मजदूरों का अन्यंत्र पलायन अब क्षेत्र के लिए चिंता का विषय बन गया है।मजदूरों के पलायन से जहां मजदूर दलाल रातो रात करोड़पति बन रहे है।वही मजदूरों के साथ शोषण लगातार पूर्व की तरह ही जारी है।ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री के मजदूरों के अन्यंत्र जाने पर कोई रोक नही जैसे बयान आये है।उसके बाद से पलायन की गति और भी तेज हो गयी है। मानो दलालों को पूर्ण प्रोत्साहन ।

Youth Women Introduction Conference on December 29 in Raipura

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी मजदूरों के पलायन का सिलसिला काफी तेज गति से चल रहा है।क्षेत्र के ग्राम सुने हो रहे है।वही किसानों को धान कटाई के लिए मुहमांगी मजदूरी देने पर भी मजदूर नही मिल रहे है।मजदूरों के पलायन पर प्रदेश के मंत्री को कोई एतराज नही है बल्कि क्षेत्र के कांग्रेस नेता इस पर संज्ञान लेते हुए प्रतिदिन प्रशासन को जानकारी दे रहे है।इसके बावजूद कोई कार्यवाही नही हो रही।
।।युवा कांग्रेस ने किया विरोध।।
श्रम विभाग कहाँ है गुम??
क्षेत्र से पलायन के मुद्दे को गंभीरता से ना लेने के कारण पिथौरा विकास खण्ड अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मजदूर पलायन हो रहे हैं। मजदूर दलालों के द्वारा गांव गांव जैसे कुछ चिन्हाकित ग्रामों से एवम जगह देख कर जैसे लहरौद, जामपाली, पलायन के लिए व्यवस्था करते है और बसों से ले जाया जाता है मजदूरों को एडवांस की राशि ऐसे कई स्थान है जहाँ ऑफिस खोल कर खुले में पर्ची काट कर पैसा दिया जा रहा है पिथौरा थाने के चारों दिशा में ऑफिस संचालित कर पर्ची एवम डायरी बना कर दिया जा रहा है, और पैसा देकर अन्य राज्यों मे पलायन कराने मे प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। मजदूरों को ईट भट्ठा दलालों के द्वारा काफी मात्रा मे पैसा देने का लालच देकर पलायन कराते हैं और ईट भट्ठा मालिकों के सुपुर्द कर दिया जाता है। ईट भट्ठा मालिकों के द्वारा मजदूरों से जानवरों के जैसे काम लिया जाता है और यातनाये दी जाती है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?उन्होंने बताया कि काम नहीं कर पाने से मजदूरों कोबंधक बनाया जाता है।मजदूर दलाल मजदूर भेजकर गाढ़ी कमाई तो करते हैं परन्तु मजदूर पैसा तो दूर अपने शरीर को कमजोर बना कर वापस घरआता है। क्षेत्र मे अनेक दलालो का गिरोह सक्रिय है।शासन प्रशासन को पलायन रोकने मे आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि पलायन हो रहे मजदूरों को रोका जा सके और मजदूर दलालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये।

गुम महिला आज तक नही मिली —

उल्लेखनीय है कि विगत चार पांच साल पहले पिथौरा विकास खण्ड के गांव पिथौरा की महिला मजदूर दलाल के माध्यम से उत्तर प्रदेश ईट भट्ठा कमाने गयी थी जो आज तक वापस नहीं आई।शासन प्रशासन के द्वारा् महिला को खोजने का प्रयास तो किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
सामने है त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
आगामी दो माह के बाद पंचायत चुनाव है। लोकतंत्र में पंचायत चुनाव रीढ़ की हड्डी है। पंचायत से ही गांव ब्लाक जिला प्रदेश देश की दिशा तय होती है। पंचायत मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा। सामने पंचायत चुनाव को देखते हुए पलायन को रोकने शासन प्रशासन को कड़े कदम उठाना चाहिए।
दलालो को मोटा कमीशन
अन्य प्रांतों के ईंट भट्ठों में काम करने के लिए मजदूर भेजने वाले दलाल 2 से 3 वर्षो में ही मजदूरों की मेहनत के कमीशन से करोड़पति बन रहे है।जबकि मजदूर कमरतोड़ मेहनत कर धीरे धीरे कमजोर होकर असमय वृद्ध होते जा रहे है।एक मजदूर दलाल के सूत्र ने बताया कि मजदूरों को ईंट बनाने का प्रति हजार 600 रुपये मिलते है।इसमें से 150 रुपये प्रति हजार दलाल के काट कर मजदूरों का हिसाब 450 रुपये प्रति हजार की दर से किया जाता है।इसमे से मजदूर की खुराकी, दवा एवम अन्य खर्च भी मजदूरी से काट कर मजदूरों को चन्द रुपयो के साथ वापस घर भेज दिया जाता है।परन्तु शरीर से अक्षम हो चुके मजदूर घर आकर भी कोई काम नही कर पाते और पुनः इंट भट्ठा दलालो के चंगुल में फंस कर उनसे अत्यधिक ब्याज दर पर कर्ज लेते है।जो वे कभी पटा नही सकते और एक बार पुनः मजबूरी में उनका पलायन तय हो जाता है।
श्रम मंत्री ने कहा था अपराध नहीं
ज्ञात हो कि विगत दिनों प्रदेश के श्रम मंत्री ने पत्रकारों से चर्चा में बताया था कि मजदूरों का पलायन करना अपराध नही है।बल्कि उनको जबरदस्ती पलायन कराना अपराध है।इसके बाद से दलालो ने तरीका बदल कर मजदूरों को उन्ही के बीच से एक विश्वासपात्र व्यक्ति की देखरेख में भेजा जा रहा है।

 

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