जमीन पर ही सो रही है, प्रसूति वाली महिला
स्वास्थ्य मंत्री के गृहनगर में ही स्थिति बदतर
300 बेड का अस्पताल,जच्चा बच्चा जमीन पर
सामाजिक दुरता का खुलकर उलंग्घन हो रहा है।
झारसुगुड़ा/ जबसे झारसुगुड़ा विधायक को ओडिशा का स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है तभी से ही जिले में स्वास्थ्य की स्थिति सुधरने के बजाए ओर बिगड़ती ही जा रही है।हाल में ही करोड़ो रूपये के लागत से बना झारसुगुड़ा का नया जिला अस्पताल जिसमे बताने को तो 300 बिस्तर है मगर सायद यह सिर्फ दिखाने ओर बताने के लिए है । इस अस्पताल में जिले के अलग अलग जगहों से आई गरीब महिलाए जो प्रसूति के लिए आई है को अपने बच्चे के साथ जमीन पर ही सोना पड़ रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को देखा गया कि पांच महिलाए अस्पताल के दालान पर जमीन पर ही सोई (लेटे)हुई थी। जब उनसे पूछा गया कि आप इस तरह से जमीन पर क्यो सोई हुई है तो उन महिलाओं ने कहा कि वे प्रसूति के लिए अस्पताल आई हुई है, लेकिन उन्हें बोला गया कि अस्पताल में बिस्तर ही नही है।जिसके कारण उन्हें जमीन पर ही सोना पड़ रहा है।
महिलाओ ने अस्पताल के डॉक्टर तथा अन्य कर्मचारियों पर भो आरोप लगाते हुए कहा कि वे सभी उनके साथ खराब ब्यवहार कर रहे है । अगर उनके पास पैसे होते तो वे यहां कभी नही आते किसी निजी अस्पताल में ही उनके बच्चे को जन्म देती मगर गरीबी के कारण ही उन्हें अपने नवजात बच्चे के साथ मजबूरीबस जमीन पर ही सोना पड़ रहा है जिससे उन्हें डर भी लगे रहता है। इस संदर्भ में जब नवभारत ने जिला के मुख्य चिकित्साधिकारी जगदीश चंद्र बारीक से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और दोसी ब्यक्ति के ऊपर आवश्यक कार्यवाही करेंगे साथ ही उन महिलाओं को कमरे तथा बिस्तर मुहैया करवाया जाएगा । मालूम हो कि झारसुगुड़ा के पुराने अस्पताल को कोविड अस्पताल बनवाया गया है जिसमे भी लाखों करोड़ों की लागत लगी है मगर जिले के दोनों कोरोना संक्रमित लोगो को राउरकेला उपचार को भेजा गया था । वही कुछ दिन पहले ही एक महिला की मृत्यु खून की कमी के कारण हो गई थी जिससे जिले के स्वास्थ्य विभाग तथा अधिकारी संदेह के घेरे में है। एक तरफ सरकार गर्भवती महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरतने को बोल रहे है। मगर सरकारी अस्पताल में ही उनकी अनदेखी हो रही है यही नही झारसुगुड़ा के सरकारी अस्पताल में सरकार द्वारा जारी किया गया नियम सामाजिक दुरता का खुलकर उल्लंघन हो रहा है । लोग बिल्कुल भी सरकारी दुरता का पालन नही कर रहे है ऐसे में अगर कभी किसी कोरोना संक्रमण का मरीज अनजाने में या जानबूझ कर पहुंच जाएगा तो स्थिति काफी विकट ओर खतरनाक हो सकती है। वही प्रसूति वाली महिलाओं का जमीन पर ही सोना आश्चर्य चकित करता है। यह वाकया पूरे जिले में चर्चाओं का विसय बन पड़ा है कि जब स्वास्थ्य मंत्री के खुद के विधानसभा छेत्र में ही स्वास्थ्य ब्यवस्था का हालत जर से जर्जर है तो फिर अन्य जिलों का हालत कैसा होगा यह तो भगवान ही जाने।