खास खबर… भूपेश बघेल की सरकार मैनपुर, देवभोग क्षेत्र के वर्षो पुरानी मांग को पुरा करने जुटी, तेज गति से बिजली उपकेन्द्र का निर्माण कार्य जारी
1 min read- 350 ग्रामों के लाखों लोगों को अब जल्द मिलेगी लो वोल्टेज और बिजली कटौती समस्या से मुक्ति
- बिजली के हाईटेंशन तारों के लिए 50 से ज्यादा टावर खडे किये जा चुके है, टावर खडे करने जंगल की कटाई के साथ युध्द गति से किया जा रहा है कार्य
- शेख हसन खान, गरियाबंद
मैनपुर – छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा विद्युत के क्षेत्र में लोगो को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने लगातार प्रयास किया जा रहा है। भूपेश बघेल सरकार के प्रयास से गरियाबंद जिले के बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मैनपुर और देवभोग विकासखण्ड क्षेत्र के 350 ग्रामों के लाखो लोगो को जल्द ही लो वोल्टेज और बिजली की समस्या मुक्ति मिलने वाली है। क्षेत्र के लोगों की वर्षो पुरानी मांग इदागांव में 132/33 केव्ही विद्युत उपकेन्द्रों का कार्य इन दिनों युध्द गति से प्रांरभ हो गया है जिससे बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के मैनपुर और देवभोग विकासखण्ड क्षेत्र के लाखों लोगो के चेहरे में मुस्कान देखने को मिल रहा है। आजादी के बाद से 74 वर्षो में अब क्षेत्र की जनता बिजली की गंभीर समस्या से जुझ रही है ऐसा नही की यहा बिजली नहीं है। क्षेत्र में लगभग 40 वर्ष पुर्व बिजली लग चुकी है लेकिन गरियाबंद बिजली केन्द्र से बिजली की सप्लाई के लिए तार लगाया गया है। वह दुरी अधिक होने के कारण मैनपुर, देवभोग विकासखण्ड क्षेत्र के लोगो को नही के बराबर ही बिजली मिल पा रहा है। इस क्षेत्र की जनता लगातार बिजली की लो वोल्टेज और बिजली कटौती से बेहद परेशान है। आंधी तुफान बारिश में दो दो दिन बिजली बंद हो जाना आम बात है। पिछले दो दशक से मैनपुर और देवभोग क्षेत्र की जनता बिजली की समस्या को लेकर सडक की लडाई लडते आ रहे हैं।
इस दौरान सैकडो बार धरना प्रदर्शन, चक्काजाम, पदयात्रा कलेक्टर घेराव किया गया। इस आंदोलन में क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण भी दर्ज किये गये क्षेत्र की जनता बिजली की समस्या के समाधान के लिए एक लंबी लडाई लडी है, तब कही जाकर मैनपुर विकासखण्ड के इदागांव में राज्य शासन द्वारा 65 करोंड रूपये की लागत से 132/33 केव्ही बिजली उपकेन्द्र का निर्माण कार्य अब तेज गति से प्रारंभ हो गया है। इस उपकेन्द्र के निर्माण हो जाने से मैनपुर और देवभोग क्षेत्र के लाखों लोगो के लिए यह वरदान साबित होगा। लोगों को लो वोल्टेज बिजली कटौती की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी। मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान मे गरियाबंद सढौली से देवभेाग ओडिसा सीमा तक 170 किलोमीटर की दुरी में बिजली की सप्लाई हो रही है और विद्युत की तार चार दशक पुराने है साथ ही जंगल के अंदर से मुख्य लाईन गुजरने के कारण आए दिनों आंधी तुफान बारिश के कारण बिजली के तारो में तकनीकी खराबी के चलते दो -दो तीन तीन दिनाें तक क्षेत्र के लोगो को बिजली की समस्या से जुझना पड़ रहा है।
आज हमारे मैनपुर हरिभूमि की टीम ने 132/33 केव्ही उपकेन्द्र निर्माण के सबंध में जब जायजा लेने कार्यस्थल पर पहुचे तो धमतरी जिले नगरी विकासखण्ड के चमेदा से इदांगाव तक 68 किलोमीटर में 263 बिजली के टावर लगाने की कार्य प्रारंभ हो गया है, जिसमें 100 से भी ज्यादा टावर का फांडेशन कार्य पूर्ण हो चुका है साथ ही 51 टावर खडे किया जा चुका है। जंगल के भीतर जंहा से बिजली के टावर जाना है। वहां तेज गति से जंगल की कटाई व सफाई कार्य किया जा रहा है। साथ ही इदागांव उपकेन्द्र स्थल पर भी तेज गति से कार्य प्रारंभ हो गया है। लगातार बिजली विभाग के आला अफसर पहुचकर निर्माण कार्यो का निरीक्षण कर रहे है। बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिला के नगरी विकासखण्ड के चमेदा से मुकुंदपुर, हरदीभाठा, नगरी, मोदे, अमली, टैेगना, फरिसाया,पथर्री, गोबरा, बोईरगांव, बेहराडीह होते हुए इदागांव तक टावर लगाने का कार्य प्रारंभ है।
इंदागांव 132/33 केव्ही उपकेंद्र का काम इस वर्ष के अंत मे पूरा हो जाता पर कोरोना काल मे इस बार दो माह काम बंद रहा। अवरोध के चलते 132/33 केव्ही उपकेंद्र अब 11 माह बाद ही हो सकेगा चालू देवभोग अमलीपदर, उरमाल, गोहरापदर, मैनपुर, अंचल के 350 से ज्यादा गांव में निर्बाधित बिजली सेवा देने इंदागांव में 132/33 के व्ही उपकेंद्र की स्थापना के कार्य मे कोरोना के दखल से इस साल इस योजना से लाभ नही मिल सकेगा। प्रोजेक्ट इंजीनियर यू के यदु ने बताया कि अप्रेल मई में जब कोरोना पिक पर था तो काम करने वाले 10 से भी ज्यादा वर्कर पोजेटिव हो गए।मैं स्वयं संक्रमित हो गया। दो माह से ज्यादा अवधि तक साइड पर काम ठप्प रहा। टॉवर फाउंडेशन के लिये ट्री कटिंग कराना था,कोरोना के भय से काम करने वाले नहीं पहुंच रहे थे। उस दरम्यान फाउंडेशन तैयार हो जाता तो अभी बारिश में टावर खड़ा करने में दिक्कत नहीं आती इसलिए काम की गति बाधित हुई। इस साल के अंतिम माह तक प्रोजेक्ट हैंडओवर हो जाता पर अब 2022 में मई जून माह में ही कार्य पूरा हो सकेगा।
बताया गया कि 68 किमी लम्बी ट्रांसमिशन लाइन नगरी चमेदा से इंदागांव लाने के लिए 263 टावर खड़ा किया जाना है पर अब तक 115 टावर के लिए फाउंडेशन तैयार कर लिया गया है,जिसमे अब तक 51 टावर खड़ा किया गया है। काम लगातार जारी है। बारिश बाधा नही डाला तो दो माह में 108 टावर खड़ा हो जाएगा, लेकिन शेष बचे टावर का फाउन्डेशन बरसात के बाद ही खड़ा किया जा सकेगा, सब स्टेशन में भी स्ट्रक्चर के लिए 80 फीसदी फाउंडेशन तैयार कर लिया गया है।
मिलेगी 350 से भी ज्यादा गांवों को राहत
ज्ञात हो कि गरियाबंद से 170 कीमि दूरी से 33 के व्ही लाइन की सप्लाई इस इलाके में है। लगभग 40 वर्ष पहले क्षेत्र में बिजली लगाई गई। इतने वर्षों में उपभोक्ताओं की संख्या 4 गुना बढ़ गई,पर सप्लाई की व्यवस्था पुरानी है। इस वजह से लाइन में बार बार फाल्ट आता है। गर्मी के दिनों में इन 350 गाव में बिजली की रोशनी चिमनी से भी कम हो जाता है। बरसात में आंधी तूफान हुआ तो 33 केव्ही लाइन पर आये दिन पेड़ व टहनी टूट कर लाइन को बाधित कर देती है।जून माह में अब तक दर्जनों बार लाइन में फाल्ट तार टूटने से हुआ है। समय पर फाल्ट मिल गया तो 4 से घण्टे में सेवा बहाल हो जाती है पर बारिश जारी रहा व फाल्ट नही मिला तो 72 घण्टो तक भी लोगो को अंधेरे में रहना पड़ता है। बिजली की बाधित सेवा से हर वर्ग हलकान है। 132/33 के व्ही उपकेंद्र तैयार हुआ तो, इस विकट समस्या से ग्रामीणों को मुक्ति मिलेगी।
क्या कहते है बिजली विभाग के अधिकारी
गरियाबंद बिजली विभाग के अधिकारी एम. नायक ने चर्चा में बताया कि इदागांव 132/33 के व्ही उपकेन्द्र का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। जल्द ही निर्माण कार्य पुरा हो जायेगा और इस क्षेत्र के लोगो को बिजली की लो वोल्टेज की समस्या से जंहा निजात मिलेगी। वही टावर के माध्यम से बिजली की सप्लाई होने से बार बार बिजली बंद होने की समस्या कम हो जायेगी। उन्होंने बताया कि 50 से ज्यादा बिजली के टावर खडे किये जा चुके है और इदागांव उपकेन्द्र में भी तेज गति से निर्माण कार्य जारी है।