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October 17, 2024

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खास खबर… टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलों में लगी जगह जगह आग, नेशनल हाईवे के किनारे उदंती अभ्यारण्य ईलाके में धधक रही है आग

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  • वन विभाग के दावें खोखले लगातार सेटेलाईट के माध्यम से आग पर निगरानी रखने का किया जा रहा है दावा
  • आज शुक्रवार को वन परिक्षेत्र तौरेंगा, इदागांव, उत्तर उदंती, दक्षिण उदंती, और रिसंगाव क्षेत्र के जंगल में 20-30 स्थानों पर लगी है आग
  • पहाडी क्षेत्र में आग की लपटे धधक रही है जो नेशनल हाईवे से दिखाई दे रहा है
  • रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर

मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगलो में इन दिनाें जगह जगह आग लगने से वन्य प्राणी व्याकूल हो गांव की ओर भाग रहे हैैं। आज शुक्रवार को नेशनल हाईवे के किनारे जंगल में आग लगने से पुरा धुआ नेशनल हाईवे में चारो तरफ फैला रहा आने जाने वाले राहगीरो को भारी परेशानियाें का सामना करना पड़ा। वन विभाग और शासन के दावें खोखले साबित हो रहे हैं। एक तरफ वन विभाग लगातार सेटेलाईट के माध्यम से जंगल में लगने वाली आग की पल पल की खबर होने का दावा करते नहीं थकती। दुसरे तरफ ग्रामीण सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जंगल क्षेत्रो में पिछले एक सप्ताह से जगह जगह आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है और आज शुक्रवार को तो नेशनल हाईवे के किनारे से लेकर तौरेंगा वन परिक्षेत्र, उत्तर उदंती अभ्यारण्य, दक्षिण उदंती अभ्यारण्य इदागांव वन परिक्षेत्र के साथ समीप अरसीकन्हार वन परिक्षेत्र में जगह जगह आग लगने की जानकारी मिली है।

हालांकि वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने आग लगने की बात तो स्वीकार किया लेकिन उनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि आग लगते ही तत्काल वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर आग को बुझाने में काबू पा ले रहे हैैं।

बहरहाल क्षेत्र के जंगलो मे आग लगने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार क्षेत्र के जंगलो मे आग लगने की जानकारी मुख्यालय तक पहुंच रही है भले ही वन विभाग लाख दावा कर रहा है कि क्षेत्र के जंगल सुरक्षित है लेकिन जगह जगह जंगलो में लगी आग और उसकी राख हकीकत को बयां कर रहा है। इदागांव, पीपलखुंटा, कुहीमाल, तौरेंगा मोंड, जुंगाड के आगे, देवदाहरा पहाडी क्षेत्र, चौकसील पहाडी क्षेत्र गोंडेना पहाडी क्षेत्र, तौरंगा परिक्षेत्र के ओडिसा सीमा क्षेत्र व नेशनल हाईवे के किनारे के साथ साथ जंगल के अंदर इन दिनो जगह जगह आग लगी हुई है। और इसकी जानकारी ग्रामीणो के माध्यम से वन मुख्यालय तक पहुंच रही है। वहीं उदंती अभ्यारण सहित इंदागांव वनपरिक्षेत्र के जंगलो के अंदर आग की लपटे दिखाई दे रही है जिसके कारण मैनपुर देवभोग मुख्य मार्ग मे जगह जगह धुंआ व आग की तपिस मुख्य मार्ग तक यात्री व राहगीर महसूस कर रहे हैं।

जंगल के अंदर कई हेक्टेयर जंगल जलकर उसके राख का निशान आज भी वहां मौजूद है। मैनपुर देवभोग मार्ग पर व पहाड़ों के जंगल मे आग लगने के कारण धुआं पूरी तरह छाया रहता है जिससे आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र की जंगल आग की लपटो मे किस प्रकार घिरा है।

जंगल में आग के कारण जंगली जानवरों का रूख गांव की ओर अवैध शिकार की संभावना बढ़ी

टाईगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल क्षेत्रो में जंगह जगह आग लगने से जंहा कीमती वनोंपज छोटे छोटे पौधे जलकर खाक हो रहे है। वही वन्य प्राणी आग की वजह से ईधर उधर भटकने लगे है और अपने काल मृत्यू को देखकर संरक्षण की तलाश में घरौंदा ढुढते गांव की ओर आने लगे है। इन दिनाें मुख्यमार्ग के किनारे व गांव के आसपास नदी नालो, तालाबो में शाम और सुबह के समय आसानी से वन्य प्राणी खरगोश, सांभर, नीलगाय, गिलहरी, भालू, लकडबघ्घा, हिरण, दिखाई दे रहे हैं। ऐसे संभावना है कि जंगल में आग लगने से वन्य प्राणी अपने जान को बचाने गांव की तरफ रूख कर रहे है, जिससे अवैध शिकार की संभावनाए बनी हुई है। वन विभाग को चाहिए कि जंगलों को आग से बचाने के लिए ज्यादा संख्या में फायर वाचर नियुक्त कर तत्काल आग पर काबू पाया जाए, तो एक तरफ कीमती जंगलो को बचाया जा सकता है और दुसरी तरफ वन्य प्राणियों भी सुरक्षित रह सकते है ।

जंगलों में लगने वाले आग से काबू पाने के लिए प्रत्येक बीट में एक फायर वाचर

वन विभाग सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व सहित क्षेत्र के जंगलो में आग से बचाव के लिए प्रत्येक बीट में एक फायर वाचर की नियुक्ति किया गया है जबकि बीट काफी लंबा चौडा क्षेत्र होने के कारण एक फायर वाचर द्वारा जंगल को सुरक्षित रख पाना संभव ही नहीं है। पहले से यह क्षेत्र के जंगल वन कर्मचारियाें की कमी से जुझ रहा है। इसलिए शासन को चाहिए कि यहा पर्याप्त वन विभाग के कर्मचारियों के नियुक्ति के साथ प्रत्येक बीट में आगजनी की घटना को रोकने के लिए कम से कम तीन से चार फायर वाचर की नियुक्ति किया जाए।

महुआ और तेन्दुपत्ता के चलते जंगलो में लगती है

ग्रामीण सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जंगल के भीतर आगजनी के घटना के पीछे मुख्य कारण महुआ एकत्र करने के लिए महुआ पेड के नीचे आग लगाया जाता है, लेकिन उस आग को नही बुझाने के कारण इसका खामयाजा कभी कभी पुरे जंगल क्षेत्र में आग लग जाने से सामने आता है। वही तेन्दुपत्ता संग्रहण के पूर्व भी जंगल क्षेत्र में आग लगने की बात से ग्रामीण इंकार नहीं करते ।

क्या कहते है अधिकारी

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के सहायक संचालक मनेन्द्र सिदार ने बताया कि टाईगर रिजर्व के जंगल क्षेत्र में आग लगते ही तत्काल उस पर काबू पा लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बीट में एक फायर वाचर है और वन विभाग के कर्मचारी अधिकारी लगातार आग में काबू पाने देर रात तक जंगल में डटे है। साथ ही लगातार सेटेलाईट तकनीकी सिस्टम से भी निगरानी रखी जा रही है।

  • मनेन्द्र सिदार, सहायक संचालक उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व

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