कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने जुलूस निकाल सौंपा ज्ञापन
- 49 संगठनों ने 13 सूत्रीय मांग सौंपा, रैली निकाल कलेक्ट्रेट पहुंच अधिकारियों से की भेंट
- रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर
गरियाबंद – छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संगठन के 49 संगठनों ने मिलकर अपनी 14 सूत्रीय मांग जिला के अधिकारियों को सौंप मांग जल्द पूरा करने की मांग की। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के जिला संयोजक प्रदीप वर्मा ने बताया छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कर्मचारियों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल मांगो की पूर्ति के लिए भी शासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन प्रांतीय निकाय के द्वारा शासन से संवाद कर मांगो की पूर्ति के लिए प्रयास किया गया. दीपावली पूर्व फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया गया था की दिवाली पूर्व मांगो पर विचार कर घोषणा की जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री जी द्वारा अपना वादा पूरा नहीं किया गया।
हमारी जायज मांगे भी पूरी नहीं हुई. इसलिए छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने प्रांत व्यापी चरणबद्ध आंदोलन का आव्हान किया है। जिसका प्रथम चरण कल मशाल रैली के रूप में है। गरियाबंद के रावण भाटा से एक मशाल रैली के रूप में जिला कलेक्ट्रेट 1:30 बजे मशाल रैली निकलेगी और कलेक्ट्रेट तक जाएगी कलेक्ट्रेट में मुख्यमंत्री के नाम 14 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रांतीय फेडरेशन ने हितों की लड़ाई प्रारंभ कर दी हैं अब उसे सफल बनाना है। अब समय आ गया है सभी साथियों कलम रख मशाल उठा आंदोलन का आगाज अच्छा हो अपने हाथ में खाली दिया लेकर भोजन अवकाश में मिनी स्टेडियम रायगढ़ में अवश्य पहुंचे और वहां से एक विशाल मशाल रैली निकाल कर , एक स्पष्ट संदेश छत्तीसगढ़ शासन को देंगे।जायज मांगे शासन पूरी करें यदि मांगे पूरी नहीं की जाती तो कर्मचारी अपने हक के लिए सड़क की लड़ाई लड़ेगा और 11 दिसंबर को जिला में धरना देंगे तथा 19 दिसंबर को रायपुर में महारैली करेंगे। सरकार के खिलाफ यह पहली सड़क की लड़ाई है। इसलिए साथियों इसमें हमारी पूर्ण सहभागिता होनी चाहिए और हमें अपनी चट्टानी एकता के साथ इसे सफल बनाना है। कलम रख, मशाल उठा,कदम बढ़ा, कदम बढ़ा बुलंद कर हौसला, अपना अधिकार जगा, चुपचाप रहकर न लो यूं,खुद को सजा कलम रख, मशाल उठा।