मैनपुर क्षेत्र से बड़ी खबर: राजकीय पशु वनभैंसा प्रिंस की तबीयत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है, आंख खराब के चलते नहीं चल पा रहा
1 min read- वन विभाग ने बाडे में कैद कर रखा वनभैंसा प्रिंस का कर रहे है देखरेख, दो वर्षों से है बीमार
- दिल्ली और असम से जल्द ही डाॅक्टरों और विशेषज्ञों की टीम प्रिंस के ईलाज में पहुंचेंगी
- रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर
मैनपुर – उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य राजकीय पशु वनभैसा के नाम से पुरे देश विदेशो में विख्यात है और अब उंदती अभ्यारण्य में तेजी से वन भैसा की संख्या घटी है। यह दुर्लभ वनभैसा को छत्तीसगढ राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु का दर्जा दिया गया और इसके संरक्षण तथा संवर्धन में छत्तीसगढ सरकार द्वारा लाखों करोडों रूपये खर्च किया जा रहा है, ताकि वनभैसों की संख्या बढ़ सके लेकिन उदंती अभ्यारण्य में कभी बडी संख्या में पाये जाने वाले वनभैंसा अब महज 07-08 ही रह गये है जिसे उंगलियों मंे गिना जा सकता है, जो वन विभाग के साथ पुरे प्रदेश के लिए चिंता का विषय है। वनभैंसा हमारें प्रदेश का धरोहर है और इसकी संरक्षण संवर्धन बेहद ही महत्वपूर्ण और जरूरी है।
उदंती में प्रिंस वनभैंसा की तबियत होती जा रही है खराब आंख में परेशानी के चलते नहीं चर पा रहा है चारा।
उदंती अभ्यारण्य में प्रिंस नामक वनभैसा की उम्र लगभग 11 वर्ष के आसपास है और काफी बलशाली एंव बडे बडे सिंगों वाले आक्रमक इस वनभैसा की तबियत इन दिनों कुछ ज्यादा ही खराब हो चली है। मिली जानकारी के अनुसार, प्रिंस वनभैसा के एक आंख में लगभग दो वर्षो से इंनफेक्शन के चलते उन्हे एक आंख से दिखाई नही दे रहा था लेकिन पिछले 06 माह से उसके दुसरे आंख में भी इंनफ्रेक्शन के चलते आंख दिखना बंद हो गया। यह वनभैंसा अचानक चरते चरते गिर पडता था, जिसकी जानकारी ग्रामीण सुत्रों से वन विभाग को मिलने के बाद उदंती अभ्यारण्य में ग्राम जुंगाड के नजदीक बनाये गये नये बाडे में इस वनभैंसा प्रिंस को रखकर उसका वन विभाग द्वारा देखरेख किया जा रहा है।
पिछले 06 माह से लगातार डाॅक्टरों की टीम इस प्रिंस वनभैसा के आंख के ईलाज कर रहे है, लेकिन अभी तक वन विभाग को इसके आंख को ठीक करने में सफलता नही मिली है और तो और अब वनभैसा को बाडें में रखने से और आंख नही दिखने के कारण चारा चरने खाने पीने में असहज हो चला यह वनभैसा प्रिंस दिन ब दिन कमजोर होता जा रहा है, जिसके चलते उसकी तबियत बिगडती जा रही है। पिछले एक सप्ताह पहले जिला पंचायत वन सभापति धनमती यादव ने भी इस प्रिंस वनभैसा का निरीक्षण करने उदंती पहुची थी और उन्होने वन विभाग पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वनभैसा के ईलाज में वन विभाग लापरवाही बरत रहा है जिसकी शिकायत वनमंत्री मोहम्मद अकबर और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करने की बात किया था। बहरहाल वनभैंसा प्रिंस को आंख में परेशानी के चलते वह चारा चरने में असहज हो चला है और दिन ब दिन काफी कमजोर होता जा रहा है ।
अब प्रिंस के ईलाज के लिये असम से डाॅक्टर और विशेषज्ञों की टीम बुलाने की तैयारी
वन विभाग द्वारा उदंती अभ्यारण्य में पिछले 06 माह से प्रदेश के डाॅक्टरों से प्रिंस का आंख का ईलाज करवाया जा रहा है लेकिन इसमें अभी तक कोई खास सफलता नही मिलने से अब वन विभाग द्वारा असम से प्रिंस के ईलाज के लिए डाॅक्टर और विशेषज्ञों की टीम बुलाने की तैयारी किया जा रहा है। वन विभाग सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वनमंत्री मोहम्मद अकबर को प्रिंस वनभैसा के स्थितियों से क्षेेत्र की जनता ने अवगत कराया है। जल्द ही इस भैसे की ईलाज में विभाग कोई बड़ी फैसला ले सकती है ।
क्या कहते है अफसर
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उपनिदेशक आयुष जैन ने चर्चा में बताया कि प्रिंस वनभैसा के दोनों आंख में इन्फेंक्शन के चलते विभाग द्वारा ईलाज करवाया जा रहा है और आगे भी ईलाज जारी रहेगी बेहतर से बेहतर उपचार की कोशिश जारी है। उन्होने कहा वनभैंसा प्रिंस अभी पुरी तरह स्वास्थ्य है।
आयुष जैन उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाईगर गरियाबंद