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October 16, 2024

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समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले टेलरों को है  शासकीय सुविधाओं की दरकार

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  • ग्रामीण क्षेत्र के टेलरों के सामने चुनौती ज्यादा सुविधाएं कम, शासन को इनके विकास के लिए बनाना चाहिए योजनाएं 
  • शेख हसन खान, गरियाबंद 

गरियाबंद। प्रतिवर्ष 15 जून को टेलर्स दिवस मनाया जाता है, और सभ्य समाज के विकास में टेलरों के योगदान को कभी नही भुला जा सकता प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में टेलर की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योंकि हर व्यक्ति सिलाई किये हुए कपड़े का उपयोग करते है। चाहे ब्रांडेड कपडे हो या हम किसी दुकान से खरीदकर तैयार कराते है इसके लिए हमें टेलर दर्री की आवश्यकता पड़ती है लेकिन टेलरों के विकास और उत्थान के लिए अब तक कोई भी सरकार द्वारा कोई ठोस योजना नही बनाई गई है जिसके चलते इनके जीवन स्तर उंचा हो सके खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाले टेलर बेहद दयनीय स्थिति में जीवन यापन करते नजर आते हैं। मेहनत अधिक और मुनाफा कम के चलते अब के युवा पीढी इस काम से दूर होते जा रहे हैं । मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के लगभग हर ग्रामों में एक -एक टेलर मिल जायेगा लेकिन तहसील मुख्यालय मैनपुर नगर में एक दर्जन से ज्यादा टेलर दुकान है। इनमें से कई ऐसे टेलर है जो पिछले 40 -45 वर्षो से अपनी सेवाए टेलर के कार्य में दे रहे हैं। इनसे हमारे मैनपुर संवाददाता ने चर्चा किया और उनके जीवन स्तर के बारे में जाना अधिकांश टेलरों को टेलर दिवस के बारे में मालूम भी नहीं है। मैनपुर क्षेत्र के सबसे वरिष्ठ और ख्याती प्राप्त टेलर अजीज अंसारी ने बताया कि वह पिछले 40 वर्षो से टेलर (दर्जी) का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बकायदा इसके लिए उन्होंने रायपुर जाकर प्रशिक्षण लिया था और जब टेलर का कार्य मैनपुर में प्रारंभ किया उस समय एक जोडी पेंट शर्ट की सिलाई महज 35 रूपये लिया करते थे लेकिन लगातार मंहगाई के दौर में टेलर कार्य में आने वाले सामाग्रियों के मूल्य बढ़ने के कारण अब पेंट शर्ट जोडी 500 रूपये दर लिया जाता है, लेकिन इसमें 150 से 200 रूपये तक की खर्च आ जाती है और एक दिन में एक टेलर एक जोडी कपड़ा सिलाई कर पाता है क्योंकि ग्रामीण इलाकों में बिजली बंद और अनेक प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है खुद को ही कटिंग करना है और खुद को सिलाई करना है। इस हिसाब से प्रतिदिन टेलर को महज 300 रूपये ही आमदनी होती है जो एक सामान्य मजदूर से भी बेहद कम है।

उन्होंने बताया कि पिछले 40 वर्षो से टेलर का कार्य कर रहे है अब दुसरा कार्य क्या करेंगे साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि लगातार टेलर का कार्य करने से सबसे ज्यादा परेशानी आंख पर होती है। अधिकांश टेलर आंख की परेशानी से जूझ रहे है साथ ही लगातार एक जगह बैठे रहने से एक उम्र के बाद कमर और पैरों में तकलीफ आती है।

मैनपुर नगर में युवा टेलर के रूप में कार्य कर रहे बुद्धेश्वर साहू ने बताया कि उनके परिवार में उनके पिता जी और उनके भाई भी टेलर का कार्य करते है। उन्होंने बताया कि लगातार यही कार्य करने से सबसे ज्यादा परेशानी आंख और पैर में होती है साथ ही उन्होंने कहा कि टेलरों को मुख्य धारा से जोडने के लिए अब तक कोई भी सरकार द्वारा कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाया गया है जबकि समाज में हर व्यक्ति के जिदंगी में टेलर की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार को चाहिए कि टेलरों के विकास और उत्थान के लिए कोई ठोस कार्ययोजना संचालित किया जाये क्योंकि एक उम्र के बाद टेलरों को कई प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

  • शहरों में आधुनिक मशीनों से होती है सिलाई ग्रामीण क्षेत्र में आज भी टेलर पारंम्परिक तरीके से करते हैं सिलाई का कार्य

क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाले टेलर महेश पटेल, शंकर पटेल, किशन देवांगन, हरिनाथ , मुकेश सोनकर ने बताया कि बडे शहरों में अब टेलर आधुनिक मशीनों से सिलाई करते है जिससे उनके पास समय के साथ कार्य करने के लिए बहुत सारे कारीगर होते है लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी पारम्परिक तरीके से कपड़ों की सिलाई किया जाता है, काज, बटन हाथों से किया जाता है साथ ही आज के दौर में फिल्मों के हिसाब से नये नये डिजाईन भी अनिवार्य है सिलाई में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान फिटिंग का है ग्राहक की संतुष्टी ही उनके लिए सबसे बडा मूल्य है।

सरकार टेलरों के लिए ऐसी योजना संचालन करने की जरूरत

स्थानीय ग्रामीण क्षेत्र के दर्जनों टेलरों से जब चर्चा किया गया तो उनके सामने मुख्य बात निकलकर जो सामने आई उसमें एक उम्र के बाद टेलरों के सामने शारीरिक रूप से परेशानी का सामना करना पडता है इसलिए सरकार को चाहिए कि 40 वर्ष के उम्र के बाद टेलरों के लिए पेंशन योजना चालू किया जाना चाहिए साथ ही सरकार द्वारा टेलर कार्य करने वाले लोगो की सर्वे कराकर इन्हे टेलर संबधित सामग्री मशीन और अत्याधुनिक मशीन ग्रामीण क्षेत्र के टेलरों को उपलब्ध कराने की जरूरत है, क्योंकि आज सरकार सभी वर्गो के विकास के लिए कुछ न कुछ महत्वपूर्ण योजना संचालित कर रही है ऐसे में समाज में महत्वपूर्ण योगदान रखने वाले टेलरों के जीवन स्तर को उंचा उठाने के लिए ठोस कार्य योजना बनाने की जरूरत है।