तीन तलाक का छत्तीसगढ़ में पहला मामला, पत्नी ने पैसे नहीं दिये तो पति ने दिया तलाक
रायपुर। कानून बनने के बाद छत्तीसगढ़ में तीन तलाक का पहला मामला सामने आया है। एक तरफ तीन तलाक के खिलाफ सख्त कानून लागू हो गया है और दूसरी तरफ तीन तलाक का मसला खत्म नहीं हो रहा है। छत्तीसगढ़ में तीन तलाक के पहले पहले मामले ने नयी बहस झेड़ दी है। छत्तीसगढ़ के कोरिया में गर्भवती महिला को तीन तलाक देने का संगीन मामला सामने आया है। आरोपी का नाम दिलशाद अख्तर है, जिसने पैसे नहीं देने पर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। यही नहीं उसके साथ मारपीट भी की। पीड़ित महिला का नाम उज्जमा परवीण है, जो गर्भवती है। उज्जमा परवीन की शादी 2013 में मुसिलम रीति रिवाज के साथ मनेन्द्रगढ़ के चैनपुर निवासी दिलशाह अख्तर के साथ हुई थी। उज्जमा पांच माह की गर्भवती हैं और उसके चार बच्चे है। 15 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे पति दिलशाद ने अपनी पत्नी उज्जमा से कुछ पैसे मांगे। पैसे नहीं देने पर दिलशाद गुस्से में आ गया और अपनी पत्नी की बेल्ट से पिटाई करते हुये तीन तलाक दे दिया। पीड़िता उज्जमा ने रिपोर्ट दर्ज करायी हैं कि घटना के दौरान उसके पति के परिवार वाले वहीं मौजूद थे। जब पीड़िता ने अपने सास ससुर से तलाक देने पर गहने की मांग और रहने के लिये किराया भाड़ा मांगा गया तो ननद और देवर ने बाल पकड़कर उसके साथ बेदर्दी से मारपीट की। साथ ही उसे घर से धकका देकर निकाल दिया।
उज्जमा उत्तर प्रदेश की रहने वाली है, उसने इस मामले की शिकायत अपने माता पिता से की। 17 अगस्त को पीड़िता ने इस मामले में अपने भाई के साथ मिलकर थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी है। पुलिस ने इस मामले में अपराध क्रमांक 233/19 धारा के तहत 294,506,323,34 धारा 4 दर्ज किया गया है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है। हालांकि नये कानून के तहत पति की गिरफ्तारी हो सकती है।