पलायन पर जिला प्रशासन जागा, श्रम विभाग व राजस्व की कार्रवाई में करीब 230 मजदूरों को समझाइश देकर घर भेजा, COVID -19 को ठेँगा दिखा रहे श्रमिक दलाल… किसका सँरक्षण ? कोरोना गई तेल लेने ?
1 min read- पिथौरा, महासमुँद, शिखादास
नगर के समीप डोंगरीपाली व थाना चौक एवम नदी मोड़ के पास कल फिर कोई 200 से अधिक मजदूरो को दीगर प्रान्त पलायन करते श्रम विभाग व SDM राजस्व अमला द्वारा पकड़ा गया। कलेक्टर महासमद के निर्देश पर मजदूरों को स्थानीय एकलव्य स्कूल में रोक कर बयान लिए जा रहे हैं इन पँक्तियो के लिखे जाने तक।
इसके बाद सभी मजदूरों को उनके घरों को वापस भेजा जा रहा था। दुधमुहे बच्चों के साथ भट्ठा लेकर जा रहे मजदूरों को ले जाने वाले किसी भी प्रमुख दलाल पर कार्यवाही नहीं होने के कारण बुलन्द हौसलों के साथ अब भी ये दलाल मजदूरों को प्रतिदिन ले जा रहे हैं।
इस बुजुर्ग मजदूर दंपति को 50 हजार रू पिथौरा के लेबर ठेकेदार राजेशअग्रवाल ने अग्रिम राशि दिया जो कि पिथौरा SDM श्रीमान प्रकाश गोलछा की समझाइश के बाद पुनः अपने घर जाने को तैयार हुए । भोजन करवाया गया सभी मजदूरो का व HEALTH CHECKUP भी करवाया गया ।इनकी बुजुर्गीयत देखकर पलायन के पीछे शौकिया पलायन तो बिलकुल ही नही कहा जा सकता । क्या गाँव कस्बे में सरकारी योजनाओं की विफलता हैं जो सफलता के झूठे विज्ञापनों मे दब जाती हैं ?इन्हे एकमुश्त मिलने वाली ADVANCEराशि के सामने मनरेगा व सारी योजनाओं मे इन मजदूरो को कोई बहुत फायदे नही दिखते ! बहरहाल पलायन एक कैँसर के रोग की तरह लाइलाज तो है ही पर लेबर माफिया के लिये लाजवाब BUSINESS व LABOUR DEPARTMENT के लिए ? पत्रकार शिखा से क्या कहा सुनिए इसे ।
20 नवम्बर की रात थाना चौक पर पिथौरा राजस्व अमला श्रमविभाग ने कुछ मजदूरो को पलायन करते पकड़ा 21 को वापस उनके घर भोजन करवाने के बादSDM MR GOLECCHHAके निर्देशन मे भेजा गया बमुश्किल मजदूरो ने जुबान खोला पत्रकार शिखादास को कजॆ की मजबूरी व ज्यादा रकम ADVANCE मिलना बताया । स्थानीय लेबर माफियाओ का नाम लेकर बताया । इसमें पिथौरा जनपद के खैरखुँटा व बारनयापारा क्षेत्र के कुछ गाँव के श्रमिक हैं ।कुछ भी कहने से बचते रहे । बहरहाल लेबर माफिया का नाम तो लिये है क्या कानूनी शिकँजा होगा?उन पर बरसों से सक्रिय हैं ऐसे लेबर ठेकेदार माफिया? किसकी मेहरबानी है इन पर जो पलायन कभी नही रूकता / लाखों रू 50 हजार ADVANCE की दर से बाँटा जाता है मजदूरो को।
ज्ञात हो कि महादमुद जिला अपराध रोकने के लिए प्रदेश में सबसे सक्रिय जिला माना जाता है। परन्तु इसी सक्रिय जिले में मजदूर दलाल बेख़ौफ़ मजदूरो पर अत्याचार करने से परहेज नहीं कर रहे हैं।
कोरोना महामारी गयी तेल लेने
देश भर में कोरोना महामारी के कारण अनेक तरह की सावधानियां बरतने के निर्देश सभी सूचना तन्त्रो से प्रसारित किए जा रहे है।इसका असर प्रदेश में भी दिखाई दे रहा है।परन्तु जिले में मजदूर दलालों के लिए शासन की यह महत्वपूर्ण अपील भी कोई मायने नही रखती।महासमूंद जिले से लगभग प्रतिदिन 500 से 1000 तक मजदूर विभिन्न साधनों में खचाखच भर कर ले जाये जा रहे है।परन्तु गांजा और शराब के लिए प्रतिदिन सक्रिय रहने वाली पुलिस इस मामले में कार्यवाही से बचती दिख रही है। विचारणीय तथ्य ?
भट्ठा जाते श्रमिकों को रोकने का पूरा जिम्मा अब एस डी एम एवम श्रम निरीक्षक को दे दिया गया है।
बीती रात पिथौरा के चार किलोमीटर दूर ग्राम डोंगरी पाली के पास व थाना चौक के पास श्रम निरीक्षक व SDM श्रीमान गोलछा ने एक बस एवम दो पिकअप में भर कर ले जाते कोई 90 मजदूरो को रोका है इनमे 23 बच्चे शामिल है। नवजात बच्चे भी ले जाये जा रहे बुजुगॆ भी। उत्तर प्रदेश के ईंट भट्ठों में मजदूरी हेतु ऐसे मजदूरो को भी ले जाया जा रहा है जिनके दुधमुँहे बच्चे साथ में है। वृद्ध / युवा / महिला पुरुष के साथ इन दुधमुँहे बच्चों को भी सँघषॆ का सफर तय करना पड़ता है। एक 40 सीटर बस में करीब सौ से अधिक मजदूरों को खचा खच भर कर कोई 1000 किलोमीटर का लंबा सफर बगैर किसी भोजन की व्यवस्था के तय करना पड़ता है।
पुलिस बोली- हम कार्यवाही नहीं कर सकते
इधर स्थानीय पुलिस से कुछ पत्रकारों ने भट्ठा ले जाने वाले दलालों पर कार्यवाही की मांग करने पर पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही करने से स्पष्ट इंकार कर दिया था।इसके बाद जब शिकायत जिला कलेक्टर से की गई तभी श्रम निरीक्षक द्वारा एस डी एम के साथ मिल कर कार्यवाही की गई।
कुल 220 मजदूरों को वापस किया गया
बीती रात की कार्यवाही में महासंमुद के समीप नदी मोड़ से 100 मजदूर एवम 30 बच्चों को छुड़ाया गया । जबकि पिथौरा के समीप थाना चौक के पास से ही 73 मजदूर एवम 23 बच्चों को छुड़वाया गया है। इनमें कोई आधा दर्जन से अधिक दुधमुहे बच्चे शामिल है।
दलालों के हौसले बुलंद
महासमुन्द जिले में मजदूरों को लेकर ईंट भट्ठे में भेजने वाले कोई दर्जन भर दलाल अधिक सक्तिय है।
आश्चर्यजनक पहलू वर्तमान में ये अपने बुलन्द हौसले के साथ काम कर रहे है। अनेक वर्षो से इन दलालों पर कार्यवाही नही होने के कारण ये मजदूरो से लदी वाहन पकडाने के बाद भी पुनः उसी दिन कार्यवाही को नजरअंदाज करते हुए अगली खेप को भेजने की तैयारी में जुट जाते है।
अधिकारी जानकारी नहीं दे रहे
मीडिया COVERAGES से रोकने की कोशिश की गयी एकलव्य में- इधर उक्त मामले में कार्यवाही करने के लिए एकलव्य स्कूल में मौजूद स्थानीय एस डी एम एवम श्रम निरीक्षक पत्रकारों का मोबाइल रिसीव नही कर रहे और ना ही कोई जानकारी दे रहे हैं। एस डी एम द्वारा पत्रकारों से इतना ही कहा गया कि जनसम्पर्क से सभी पत्रकारों को जानकारी दी जाएगी। PRESS RELEASE जनसम्पकॆ विभाग द्वारा दिया जायेगा । बहरहाल कोरोना के बढ़ते प्रभाव में जिस तरह मजदूर अन्य प्रान्तों से वापस आये थे और आज वही मजदूर जिस तरह कोरोना से बचने सरकारी निर्देशों को धत्ता बता कर 40 सीटर बसों में 100 से अधिक मजदुरो को ठूस ठूस कर भर कर हजारो किलोमीटर दूर ले जा रहे है।उससे इस वर्ष मजदूरो की जान अत्यधिक जोखिम में है।
खासकर ऐसे मजदूर जिनके बच्चे अभी एक माह से एक वर्ष के बीच की उम्र के है । रात भर जागा पूरा राजस्व अमला व श्रम विभाग SDMके नेतृत्व में ।आज B MO/ MEDICAL STAFF HEALTH CHECKUP हेतु एकलव्य परिसर में रहे साथ ही 2 कोटवार बल्दीडीही सपोस से उपस्थित थे । मजदूरों को भरपेट भोजन करवाया गया गँतव्य तक छोड़ा गया ।
बहरहाल क्या केंद्र व राज्य सरकारों की किसी भी योजनाओं का सही तरीके से परिचालन परिपालननही हो रहा जिससे इन मजदूरो के जीवन मेंआर्थिक समृद्धि हो सके ? शौकिया पलायन कुछेक युवावगॆ के लिये चरितार्थ कह सकते है पर दुधमुँहे बच्चों नाबालिग बच्चों जवान पत्नी बेटियों के साथ वृद्धों की मजबूरी क्यों व क्या हैं? कौन तलाशेगा समाधान कौन करेगा? रोकथाम क्यों नही होता क्यों नही होगा?
UPके बस्ती जिला मे जाकर छग के ये मासूम बच्चे बेटियाँ कौन सी शिक्षा हासिल कर लेँगे / महिला सुरक्षा की क्या गारण्टी? बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ महिला सशक्तिकरण क्या अनजाने राज्य के तपते ईँटा भट्ठो व उनके अपरिचित भट्ठा दलालों के बीच होगा ? कहाँ हो महिला सशक्तिकरण के ठेकेदार ?
क्या पूरा जिम्मेदार SYSTEM कानूनी सख्ती बरतेगा व पँचायतो मे अधिकाधिक भ्रष्टाचार दुर कर लाभ दिया जायेगा मजदूर वगॆ को तो शायद कुछ हल अवश्य निकलेगा ?आज बार बार SDM प्रकाश गोलछा द्वारा सरकारी PRO NEWS दिया जायेगा बोलकर रोके जाने के बावजूद हमारी यह प्रतिनिधि बमुश्किल लेबर दलालों के नाम जान पायी जो पिथौरा शहर के ही है व मजदूरो के हालात सबने कजॆ। है 50हजार ADVANCEएकमुश्त मिलता है इस कारण जाते हैं। पिथौरा के लाखागढ /गड़बेड़ा / खैरखुँटा / दुरुगपाली/ सहित समीपस्थ बारनयापारा चिखली नरधा अनेक ग्रामों से थे मजदूर ।कुछ पँचायत सचिवों को भी देखा गया। पँचायत पदाधिकारियों का कहना है कि वे लाचार है मजदूर नही मानते ।