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October 16, 2024

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विशेष खबर: ग्राम बेहराडीह के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार आदिवासियों की तकदीर और तस्वीर बड़ी योजना के तहत संवर रही है

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  • जिला पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी विनय कुमार लंगेह के विशेष प्रयास से स्वः सहायता समूहों को मिल रहा है आर्थिक लाभ
  • रामकृष्ण ध्रुव मैनपुर

मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर से 10 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत बोईरगांव का आश्रित ग्राम बेहराडीह जिसका कुल क्षेत्रफल 117 एकड़ है, जिसमें कुल परिवारों की संख्या 67 है| वर्तमान जनसंख्या 374 है| यह ग्राम विशेष जनजाति कमार बाहुल्य बस्ती है| मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत गरियाबंद विनय कुमार लंगेह के विशेष प्रयास से ग्राम बेहराडीह को माॅडल ग्राम के रूप में चयन किया गया है, जिसमें अभिसरण के माध्यम से इस ग्राम को विकसित करने प्रयास किया जा रहा है|कृषि, उद्यानिकी, मनरेगा एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान’’ सम्मिलित है|इस माॅडल ग्राम का चयन करने का उद्देश्य आजीविका गतिविधि को बढावा एवं योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर लोगों को लाभ दिलाना, ताकि अन्य पंचायत भी इसके अनुरूप कार्ययोजना एवं क्रियान्वयन कर सकें, 55 एकड़ भूमि में मक्का की खेती, झुनगा, सब्जियां का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे ग्राम के निवासियों को कृषि के उन्नत तरीको से लाभान्वित किया जा रहा है|

आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा बीज वितरण कर कृषि के आधुनिक तरीकों से संबंधित जानकारी वहां के ग्रामीणों को दिया जा रहा है|साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सतत् माॅनिटरिंग का कार्य लगातार जारी है|

  • मछलीपालन:-

ग्राम बेहराडीह में मछलीपालन हेतु 02 तालाब एवं 02 डबरी में कुल 40000 नग मछली का बीज डाला गया है, तथा ग्रामीणों को मछलीपालन के आधुनिक तरीकों से अवगत किया जा रहा है|इस कार्य में विशेष रूप से मत्स्यपालन विभाग द्वारा बीज वितरण के साथ ही ग्रामीणों को मछलीपालन से संबंधित जानकारियों उपलपब्ध कराई जा रही है|

  • वृक्षारोपण कार्य:-

ग्राम के चारो तरफ विभिन्न फलदार एवं औषधि वाले पौधों का रोपण किया गया है, जिसमें विशेष रूप से नीम, आम, करंच, बांस, कटहल, अमरूद, एवं मुनगा शामिल है बाडी योजना:- इस योजना के तहत मनरेगा के द्वारा ग्रामीणों के बाडियों में केला, मुनगा,पपीता, सीताफल, नीबु, आदि के साथ कई प्रकार के सब्जियां लगायी गये है| आज की स्थिति में सभी ग्रामीण इन फलो/सब्जियों का उपभोग कर रहे है| साथ ही इनका विक्रय कर आजीविका गतिविधि कर रहे हैं|

  • मशरूम उत्पादनः-

समूह के माध्यम से प्रशिक्षण के पश्चात् मसरूम उत्पादन किया जा रहा है| इस ग्राम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जुडी़ समूह की महिलाओं के द्वारा सभी गतिविधियों में सहभागिता दी जा रही है| समूह की महिलाओं के द्वारा लगातार ग्राम विकास हेतु विभिन्न कार्ययोजना तैयार कर जनपद कार्यालय को उपलब्ध कराई जा रही है| साथ ही समूह की महिलाओं द्वारा विशेष सहयोग से विभिन्न कार्यो का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसमें विशेष रूप से जय मां तुलसी स्व सहायता समूह, शांति स्व सहायता समूह, जय मां गायत्री स्व सहायता समूह, एवं उजाला स्व. सहायता समूह की महिलाऐं शामिल है|

शासन की महत्वपूर्ण योजना उत्थान परियोजना के तहत विशेष पिछडी जनजातियों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रयास किया जा रहा है|इस सभी गतिविधियां का सुचारू संचालन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मैनपुर नरसिंह ध्रुव , के मार्गदर्शन में किया जा रहा है| साथ ही कृषि विभाग से वरिष्ठ कृषि अधिकारी भावेश शांडिल्य, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के विकासखण्ड कायक्रम प्रबंधक हेमंत कुमार तिर्की, मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी रमेश कंवर, कृषि विभाग के सहायक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी टिकेश्वर नेताम , क्षेत्रीय समन्वयक विजय रात्रे, कलस्टर पीआरपी श्रीमती त्रिलोचनी साहू, एवं ग्राम की सक्रिय महिला सातो बाई द्वारा इस ग्राम के विकास के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है|

दो माह के भीतर मिला उपलब्धी:-

समूह के माध्यम से अभी तक 02 माह के भीतर करीब 07 क्विटंल सब्जी का विक्रय किया जाकर 20-25 हजार रूपये का मुनाफा किया गया है, जिससे समूह की महिलाओं को आर्थिक मजबुती के साथ कार्य के प्रति लगाव बढ़वा मिल रहा है।

ग्राम पंचायत के सरपंच व अन्य पदाधिकारी लगातार सहयोग कर रहे हैं

ग्राम बेहराडीह में विशेष पिछडी जनजाति कमार आदिवासी निवास करते है और बाडी योजना के तहत जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनय कुमार लंगेह के विशेष प्रयास से इस गांव के किसानों और महिला स्वः सहायता समूह को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा रहा है जिसमें ग्राम पंचायत के सरपंच सहदेव नेताम, उपसरपंच पिला बाई नेताम , सचिव निर्मल देशमुख व पुरे ग्राम पंचायत के पदाधिकारी विशेष सहयोग कर रहे है ।

चर्चा में महिलाओं ने बताया

स्वः सहायता समूह के निरोबाई, राधा बाई नेताम, भाग्यबती, चमरीन बाई, बिजो बाई, सुख बाई, रत्नी बाई । मां तुलसी स्वः सहायता समूह के लता बाई, मानकी बाई, राजबती, पीला बाई, बरातिन नेताम, शांति बाई, चन्द्रिका नेताम। जय मां गायत्री समिति के सुकन्तीन मरकाम, सनाबती, रामकुंवर, जुलबती , पनकीन बाई, धनमोतिन बाई, एंव उजाला स्व सहायता समूह के परमेश्वरी, महत्तरीन बाई, चन्द्रिका , फुलबाई, रमुला नेताम ने बताया कि हमारे स्वः सहायता समूह के द्वारा यहा बाडी योजना के तहत साग सब्जी की खेती कर रहे है जिसमें उन्हे अब तक 20-25 हजार रूपये की आय मिल चुका है अभी दो माह के भीतर इतना आय हुआ है और अभी साग सब्जी निकलना प्रारंभ हुआ है महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है ।

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