Recent Posts

November 20, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

वन विभाग धृतराष्ट्र की भूमिका में, पेड़ों को काटकर किया जा रहा जंगल पर अबैध कब्जा

1 min read
The forest being cut down by trees is under illegal occupation

मुड़ागांव ( कोरासी)। वन परिक्षेत्र पाण्डुका अंतर्गत ग्रामीणों के द्वारा जंगलों की कटाई कर वन भूमि पर अवैध किया कब्जा किया जा रहा है। एक ओर जहां शासन-प्रशासन का मंसूबा रहा है कि जंगलों को कटने से बचाया जाए मुहिम चला पेड़ पौधे लगाएं लोगों को समय-समय पर प्रेरित भी किया जाता रहा है और शासन के जंगल रखरखाव के नाम पर लाखों करोड़ों खर्च भी किए जा रहे हैं। बाद इसके उदासीन अधिकारियों के चलते जंगलों से पेड़ों के कटने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं पेड़ों के कटने के बाद वन अधिकार पट्टे की आड़ में वन भूमि पर कब्जा किए जाने का खेल भी बेखौफ चल रहा है।

The forest being cut down by trees is under illegal occupation muda gao 2

ऐसा ही मामला वन परिक्षेत्र के पाण्डुका के कक्ष क्रमांक 150 का प्रकाश में आया है। विरोडार के नाला से लगे हुये व गरियाबंद से छुरा मार्ग से महज सौ मीटर की दूरी पर लगे जंगलो में शासन द्वारा कब्जाधारियों द्वारा बेसकीमती पेड़ बीजा की कटाई व अन्य पड़ो की कटाई बेधक की जा रही है और पेड़ों को खीलकर मरने के लिये छोड़ दिया है जिसकी भनक वन अमला को अभी तक नहीं लगी है। देखने से यहां प्रतीत होता है कि ये खेल वन अधिकार पट्टा की चाह में खेला जा रहा है। सूत्रों की माने तो वन कर्मियों से साठगाँठ व मिलीभगत कर वन अधिकार पट्टा की चाह में ग्रामीण हद से बाहर जंगलों से पेड़ों को काटकर जमीन की सीमा बढ़ाते हुए अवैध तरीके से हल जोत खेती कर हक जताने तथा खुद के जमीन होने का दावा करते विडंबना है कि सब कुछ जानते समझते हुए वन विभाग खामोशी व नेत्रहीन बना हुआ है। जंगलों के कटने या अवैध तरीके से वन भूमि पर कब्जा किए जाने का अफसोस वन विभाग को नहीं है।

The forest being cut down by trees is under illegal occupation

वन विभाग के आला अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि जंगलों से पेड़ो का कटना वन भूमि पर कब्जा किया जाना सामान्य एवं साधारण बात है। यदि इसी तरह की हालात वन विभाग के आला अधिकारियों एवं निचले स्तर के कर्मचारियों का रही तो जंगल को तबाही से कौन बचा सकता है। शासन प्रशासन द्वारा करोड़ों रूपये खर्च बेकार एवं कागजी साबित हो रहा। ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब हरे भरे जंगल टूट एवं समतल मैदान में तब्दील नजर आएंगे। ज्ञात हो कि वन परिक्षेत्र पाण्डुका के कक्ष क्रमांक 150में पिछले माह से पेड़ों की कटाई चल रही है। इसकी भनक अभी तक वन विभाग के अधिकारियों को नहीं है, लेकिन उच्च अधिकारी ही इस ओर ध्यान नहीं दे रहे जिनकी कार्यशैली पर सावलिया निशान लग चुका है, अब इन हालातों में जंगल साफ होगा ही। श्रीमती सीमा केशवार वनपरिक्षेत्र अधिकारी पाण्डुका से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि में देखती हूं फिर कुछ कह पाऊंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *