महान क्रांतिकारी बिरसामुंडा देश के लिए गौरव थे – लोकेश्वरी नेताम
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- मैनपुर और जाडापदर में आदिवासी समाज द्वारा बिरसामुंडा की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन
गरियाबंद। तहसील मुख्यालय मैनपुर नगर में आज बुधवार को महान क्रांतिकारी बिरसामुंडा की जयंती आदिवासी समाज द्वारा मनाई गई। जिडार चैक में आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में सुबह 10 बजे उपस्थित हुए। महान क्रांतिकारी बिरसामुंडा की छायाचित्र की पूजा अर्चना कर उनके बताये रास्तों पर चलने का संकल्प लिया। इस दौरान बिरसामुंडा अमर रहे जैसे गगनभेदी जयकारे लगाये गये।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत गरियाबंद सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने बिरसामुंडा की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महान क्रांतिकारी बिरसामुंडा सिर्फ जनजाति समाज की ही नही बल्कि पुरे देश के लिए गौरव थे। उन्होंने अपने धर्म संस्कृति, जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकुमत से लड़ते हुए अल्प आयु में ही अपना प्राण न्यौछावर कर दिया। आज हम सब बिरसामुंडा के बताये रास्तों पर चलने की जरूरत है। इस दौरान आदिवासी नेताम महेन्द्र नेताम ने कहा कि बिरसामुंडा की जयंती के अवसर पर आज हम सब को यह संकल्प लेना है अपने समाज के अधिकारों के लिए हमेशा सजग रहना है।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी में और आजादी के बाद देश के विकास की यात्रा में जनजाति आदिवासी समाज का काफी महत्वपूर्ण योगदान है। इस मौके पर प्रमुख रूप से महेंद्र नेताम, लीना नेताम, युवराज नेताम,योगेंद्र मरकाम,सुभाष मरकाम,भूपेंद्र नागेश, प्रेमसाय धु्रव, गोकुल धु्रव, थानेशवार धु्रव, प्रहलाद धु्रव,तोरणा धु्रव, लोगेश नेगी, गगन नेगी, योगेश मरकाम, सरद नेगी, वेदप्रकाश नागेश सहित बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे। वहीं दुसरी ओर ग्राम जाडापदर में बिरसामुंडा के जयंती के अवसर पर भव्य कार्यक्रम किया गया। और विधिवत आदिवासी रीति रिवाज अनुसार कार्यक्रम पूजा अर्चना कर अनेक सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर कोसिंग नेताम, हरिश्चन्द्र धु्रव, बुधराम, चरणसिंह नागेश, सुखचन्द्र विश्वकर्मा, उग्रेसिंह धु्रव, अमरसिंह धु्रव, गौकरण नागेश, परमेश्वर, रामलाल धु्रव, डोमार सिंह ओंटी, भागवत धु्रव, देवेन्द्र नागेश, रविन्द्र नागेश, लछिन्दर नागेश, योगेश मंडावी, भावेश ओटी, चैहान नेताम, टीकम धु्रव, मनोज धु्रव, ओमप्रकाश, राहुल नागेश, राजा नागेश, कुंदन धु्रव, निलेन्द्र धु्रव, योगेश नायक व बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे ।