मोस्ट बहुजन को गाँव-गाँव जाकर जोड़ने के अलावा और कोई शॉर्टकट रास्ता नहीं : कोविद
1 min readपिछड़ों के पिछड़ेपन का कारण ही पराधीनता व विचारहीनता है : श्यामलाल
सुलतानपुर। डेहरियावां ( पूरे रमनगरा) बल्दीराय में मोस्ट कल्याण संस्थान के तत्वाधान में आयोजित “सारे बंधन तोड़ो मोस्ट (बहुजन) समाज जोड़ो” की मीटिंग सूर्यभान मौर्य के नेतृत्व में सम्पन्न हुई।
भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष आर.ए. कोविद ने कहा कि मनुवाद को परास्त करने के लिए मोस्ट बहुजन को गाँव-गाँव जाकर जोड़ने के अलावा कोई शार्टकट रास्ता नही है। हम इस देश के मूलनिवासी हैं सामाजिक परिवर्तन के लिए पिछड़े व अल्पसंख्यक को जातीय व धार्मिक संकीर्णता से ऊपर उठकर एक झंडे के नीचे लाकर मोस्ट समाज का कल्याण किया जा सकता है।
मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद ने कहा कि पिछड़ों के पिछड़ेपन का मुख्य कारण ही पराधीनता व विचारहीनता है। मोस्ट (बहुजन) समाज को समान्तवाद व मनुवाद के चंगुल से मुक्त कराने के लिए समाज के जागरूक साथियों द्वारा अपनो को आत्म निर्भरता व आत्मसम्मान का पाठ पढ़ाना होगा तथा हमारे लोगों का जो धन और समय धार्मिक अन्धविश्वास पर खर्च हो रहा है उसे शिक्षा और स्वस्थ्य समाज निर्माण पर खर्च करने के लिए प्रेरित कर स्वावलम्बी व विचारशील समाज का निर्माण किया जा सकता है। इसीक्रम में जीशान अहमद ने कहा कि संघर्ष करने वालों का ही आस्तित्व रहता है शेष जीव-जंतु विलुप्त हो जाते हैं।
मीटिंग में विनोद गौतम, जगनाथ बौद्ध, राम किशोर, श्यामलाल, डॉ. प्रेमनाथ प्रेम, राम धीरज बौद्ध, अखंड प्रताप, लालू प्रसाद, राम प्रसाद, राम आधार, नकछेद, आशाराम, जगराम गुप्ता, विश्राम, प्रधान श्रीपाल, आयूब खान, स्वामीनाथ, चक्रधर, देवदास, साहबदीन, नीरज कुमार, राम औतार, ओम प्रकाश, देव शरण यादव, केशव मौर्य सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।