स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन समाप्त
चार सूत्री मांगें पूरी करने का आश्वासन
झारसुगुड़ा। स्वास्थ्य मंत्री नब दास के आश्वासन के बाद पिछले नौ दिन से चल रहा जय भीम घासी समाज का आंदोलन समाप्त हो गया है। डॉक्टर की लापरवाही से 9 माह के शिशु की मृत्यु घटना के लिए जिम्मेदार डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई, मृतक शिशु के परिवार को उचित मुआवजा एवं मंगलबजार स्थित पुरानी अस्पताल में चौबीसों घंटा स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की मांग पर आंदोलन जारी रखा गया था। सोमवार को स्थानीय सर्किट हाउस में स्वास्थ्य मंत्री नब दास की अध्य्क्षता में हुई चर्चा के समय आंदोलनरत घासी समाज के प्रतिनिधि, सफाई कर्मचारियों ने उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखा था। शिशु मृत्यु घटना में उसके परिवार को उचित मुआवजा प्रदान, मंगलबजार अस्पताल में चौबीसों घंटे स्वास्थ्य सेवा, आंदोलन तथा झारसुगुड़ा बंद के समय बगैर अपराध के गिरफ्तार हुए महिलाओं एवं पुरुषों को बगैर किसी शर्त्त के रिहा करने, आंदोलन के समय का सफाई कर्मचारियों का वेतन न काटने की मांग की गई है।
सभी मांगों पर चर्चा करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने सभी मांगों को सरकार द्वारा मान लिए जाने सहित जिलाधीश एवं एसपी को इसका पालन करने का निर्देश दिया था। इस पर जय भीम घासी समाज ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है। गौरतलब है कि विगत 27 जुलाई को इलाज में लापरवाही में नौ महीने एक शिशु की मौत होने की शिकायत हुई थी। इस मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने सहित पुरानी चिकित्सालय को पहले की तरह सुचारू करने की मांग पर घासी समाज की ओर से आंदोलन किया गया था, जबकि सोमवार को हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री नब दास ने आंदोलनकारियों से बातचीत की एवं उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद आंदोलन समाप्त कर दिया गया है। चर्चा के समय जिलाधीश ज्योतिरंजन प्रधान, एसपी अश्विनी महांति, अतिरिक्त जिलाधीश प्रदीप साहू, पीडी डीआरडीए तपीराम माझी, सीडीएमओ डॉक्टर कौशल्या प्रधान, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संदीप अवस्थी, वरिष्ठ अधिवक्ता तापसराय चौधरी, अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष रघुमणी पटेल, पूर्व नगरपाल गिरिश गणत्रा, त्रिनाथ गुआल, मनोरंजन महापात्र, वेणुगोपाल पाणिग्राही, पिंटू पाढ़ी, प्रताप नंद, मदन हाती, सिद्धार्थ सरकार, गोविंद सिंहानिया, रविन पांडे आदि उपस्तित थे।