बिहड़ वनांचल में बसे ग्राम साहेबिनकछार के ग्रामीणों ने गरियाबंद कलेक्टर भगवान सिंह उईके से लगाई गुहार
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- गांव के बालिका आश्रम को वापस लौटाया जाये
- साहेबिनकछार के पूर्व सरपंच रूपसिंह मरकाम के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गरियाबंद कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर समस्या समाधान करने की मांग किया
गरियाबंद । आदिवासी विकासखण्ड मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किमी दूर घने बिहड़ जंगल के अंदर बसे आदिवासी ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के ग्रामीण आजादी के 79 वर्षो बाद भी मूलभूत बुनियादी सुविधाओ को तरस रहे है। अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने के कारण विधायक सांसद तो बहुत दूर जिले और ब्लाॅक स्तर के अफसर भी इस क्षेत्र के दौरे में नही पहुंचते जिसके कारण यहां के ग्रामीण मूलभूत बुनियादी सुविधाओ को तरस रहे है। आज मंगलवार को पूर्व सरपंच रूपसिंह मरकाम के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल गरियाबंद पहुंचकर कलेक्टर भगवान सिंह उइके को मांगपत्र सौपकर मांग किया कि ग्राम साहेबिनकछार में संचालित हो रहे आदिवासी बालिक आश्रम को 10 वर्ष पहले बगैर किसी को बताए अचानक यहां से 20 किमी दूर इंदागांव में संचालित किया जा रहा है जिसके कारण जिस उद्देश्य के साथ इस आश्रम का संचालन किया जा रहा है उसका लाभ नही मिल पा रहा है।

ग्रामीणों ने आदिवासी बालिका आश्रम को वापस साहेबिनकछार में लौटाने की मांग किया है साथ ही कई मूलभूत समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौपा गया है जिस पर गरियाबंद कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए समस्या समाधान करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया है। ग्राम पंचायत साहेबिनकछार के पूर्व सरपंच रूपसिंह मरकाम, वरिष्ठ नागरिक हरिहर यादव, कुशल मरकाम, खुलेश्वर मरकाम, भुतेश्वर नागेश, भरतो पोर्टी, जुबाराज, भोजलाल, बलिराम, खेमराज मरकाम, उज्जवल सिंह, मदन, वासुदेव, जागेश्वर यादव, चरण सिंह, टिकम सिंह, सुमेर सिंह, रतनाबाई, केसरी बाई, उपासीन बाई, चंद्रोबाई, धनमती, मंजूला बाई, हेमंती ध्रुवा, राधाबाई, उषाबाई, भावना बाई, अनिता बाई एवं ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम साहेबिनकछार में वर्ष 2012 में आदिवासी बालिका आश्रम का संचालन प्रारंभ किया गया 4 वर्ष बाद बगैर किसी सूचना के 2015 में इस आश्रम को साहेबिनकछार से 20 किमी दूर ग्राम इंदागांव प्राथमिक शाला में संचालित किया जा रहा है जिससे इस क्षेत्र के आदिवासी बच्चो को आने जाने में परेशानी हो रही है। सड़क मार्ग भी नही है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि साहेबिनकछार के नाम से संचालित इस बालिका आश्रम को पुनः साहेबिनकछार में संचालित किया जाये साथ ही भवन निर्माण कार्य तत्काल करवाई जाये। ग्रामीणो ने बताया साहेबिनकछार प्राथमिक शाला बेहद जर्जर हो गया है कभी भी कोई गंभीर दुर्घटना घट सकती है। स्कूल की मरम्मत करवाई जाये। माध्यमिक शाला एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रहा है साथ ही गांव में जो जीयो टावर 5 वर्ष पहले लगाया गया है उसे तत्काल चालू किया जाये एवं बम्हनीझोला से कोदोमाली तक पक्की सड़क का निर्माण किया जाये। ग्रामीणों ने बताया ग्राम साहेबिनकछार माध्यमिक शाला में युक्त युक्तिकरण के तहत एक शिक्षिका की नियुक्ति हुआ है जो अभी तक विद्यालय नही पहुंची है।
