अपनी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने समाज युवाओं को आगे आने की जरूरत – कुमार ओंकार शाह
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- प्रकृति की सुरक्षा की शिक्षा आदिवासी समाज से सिखने की आवश्यकता- शिशुपाल सोरी
- पूर्व विधायक ओंकार शाह ने कहा, आदिवासी समाज के लोगों को शहीद वीर नारायण सिंह के बताए मार्गों पर चलने की जरूरत
- ग्राम उरमाल में शहीद वीर नारायण सिंह शहादत दिवस हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग हुए शामिल
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम उरमाल में आज रविवार को अखिल भारतीय अमात गोंड समाज कांदाडोंगर देवभोग राज द्वारा शहिद वीरनारायण सिंह बलिदान दिवस पर भव्य कार्यक्रम का अयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने मुख्य अतिथि पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय गोड़वाना गोड़ महासभा राष्ट्रीष्य अध्यक्ष शिशुपाल सोरी कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक एवं केन्द्रीय अमात गोड़ समाज अध्यक्ष कुमार ओंकार शाह पहुंचे तो गाजे बाजे के साथ फूलमाला से स्वागत किया गया। इस दौरान शहीद वीर नारायण सिंह के छाया चित्र एवं बुढ़ादेव की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इसके पूर्व भव्य शोभायात्रा निकाली गई। आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अखिल भारतीय गोड़वाना गोड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिशुपाल सोरी ने कहा, इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने से समाज में एकता और भाईचारा बढ़ती है समाज के लोग एक जगह एकत्र होकर समाज के विकास और उत्थान के बारे में चर्चा करते है निश्चित रूप से इस कार्यक्रम से आदिवासी समाज को काफी लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे पूर्व विधायक कुमार ओंकार शाह ने कहा शहीद वीर नारायण सिंह अन्याय और अत्याचार के खिलाफ अंग्रेजो से लड़ाई लड़ी उनका बलिदान इतिहास में अमर रहेगा आज आदिवासी समाज के लोगो को हमारे महान क्रांतिकारियों शहीद वीर नारायण सिंह, रानीदुर्गावती, बिरसामुड़ा जैसे महान लोगो से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उनके बताए मार्गो पर चलने की जरूरत है। श्री शाह ने कहा देखने को मिल रहा है। आदिवासी समाज के लोगो को लगातार कई स्थानों पर बेवजह परेशान किया जा रहा है जबकि आदिवासी समाज काफी सीधे सरल भोले भाले है। अगर लगातार हमारे संस्कृति के साथ छेड़छाड़ किया जायेगा तो हम छोड़ेंगे नही।
जिला पंचायत सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के शहादत को आज के इस पीढ़ी को और अधिक जानने और समझने की जरूरत है वीर नारायण सिंह के जीवन चरित्र प्रेरणाओ से भरा हुआ है। वीर नारायण सिंह सोनाखान मे सदियों पहले साम्राज्यवाद सामंत्यवाद के विरूध्द बिगुल फूंककर उन्होंने अपनी गरीब जनता का पेट अनाज के गोदामों को लूटकर भरा था। आवश्यकता आज इस बात है कि समाज वीर नारायण सिंह की नीतियों और सिध्दांतो को आत्मसात करते हुए समाज को प्रगति के पथ पर ले जाये।
अजजा शासकीय सेवक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आर एल ध्रुव ने कहा छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ व गरीबो के उपर हो रहे अत्याचारों पर करारा जवाब दिया। वीर नारायण सिंह आदिवासियों के शेर कहे जाने वाले अमर शहीद वीर नारायण सिंह को राज्य के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा प्राप्त है।
इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक एवं अखिल भारतीय गोड़वाना गोड़ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिशुपाल सोरी,पूर्व विधायक एवं अमात गोड़ समाज केन्द्रीय अध्यक्ष ओंकार शाह राज अध्यक्ष जयसिंह साण्डिल्य,आर एन ध्रुव तुलसीदास मरकाम,दीपा शाह,एफ एल नागेश,जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम,लोकेन्द्र कोमर्रा,चरणसिंह मांझी राजकुमार मांझी,भोज सिंह मांझी महेन्द्र नेताम,युवराज नेताम,महेश्वर सिंह कोमर्रा,हेमसिंह मांझी जबर सिंह नागेश,अमृतलाल कोमर्रा,मेघेश्वर कोमर्रा,कमलेश मांझी, सावित्री नागेश,दुष्यन्त ध्रुर्वा,रामेश्वर सिंह कपिल,मोहन सिंह मांझी रोहित नागेश,केशर सिंह,चरण सिंह,डोमार,तिरन नागेश, जगमोहन पुजारी, अवधराम मरकाम,बलदेव सिंह नेताम, धनसिंह मरकाम, गुजरात कमलेश,गीता ठाकुर,राजेश्वरी नागेश, पूर्णा नागेश,बैरंगी बाई, गीता नागेश,अनुज सिंह मांझी,तोषण सोम, गोवर्धन सिंह साण्डिल्य, प्रमोद मांझी,नयन सिंह ठाकुर,मुकेश दीवान, गगन कोमर्रा,कमलेश मांझी,केवल मांझी,उमेश पटेल,ललित पुजारी सहित हजारो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।